नेपाल: पूर्व पीएम पुष्प कमल दहल ने पूर्व राजा ज्ञानेंद्र शाह पर लगाया हिंसा भड़काने का आरोप

पूर्व पीएम पुष्प कमल दहल ने पूर्व राजा ज्ञानेंद्र शाह पर लगाया हिंसा भड़काने का आरोप
  • दहल ने कड़ी कार्रवाई करने को कहा
  • प्रचंड ने शनिवार सुबह हिंसा प्रभावित इलाकों का किया दौरा
  • शाह को अब पूरी आजादी नहीं दी जा सकती- प्रचंड

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। नेपाल के पूर्व पीएम पुष्प कमल दहल ने हाल ही हुई राजशाही बहाली की मांग को लेकर हिंसक घटनाओं के पीछे पूर्व राजा ज्ञानेंद्र शाह का हाथ बताया। प्रचंड ने शाह पर हिंसा भड़काने का आरोप लगाते हुए उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की मांग की। आज सुबह ही प्रचंड ने हिंसा प्रभावित इलाकों का दौरान किया, इस दौरान वो सोशलिस्ट फ्रंट के ऑफिस पहुंचे। साल 2006 से पहले नेपाल में राजशाही शासन था। विरोध के बाद राजा ज्ञानेंद्र को सत्ता छोड़नी पड़ी थी। इसके बाद सभी अधिकार संसद को सौंप दिए गए और नेपाल में साल 2008 में 240 साल पुराना राजशाही शासन का अंत हो गया।

प्रचंड ने दंगों को लेकर कहा कि अब ये पूरी तरह से साफ हो गया है कि इन सब के पीछे ज्ञानेंद्र शाह हैं। उनकी नीयत सही नहीं है। प्रचंड ने कहा अब समय आ गया है कि सरकार उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई करते हुए न्यायिक जांच कराने की बात कही प्रचंड ने कहा दोषियों को न्याय के कटघरे में लाया जाए। उन्होंने यहां तक कह दिया कि शाह को अब पूरी आजादी नहीं दी जा सकती।

आपको बता दें बीते दिन शुक्रवार को नेपाल में राजशाही की वापसी की मांग को लेकर भारी हिंसक प्रदर्शन हुए, जिसमें दो लोगों की मौत हो गई ,जबकि कई लोग घायल हो गए। मौतों में एक पत्रकार भी शामिल है। नवराज सुवेदी आंदोलनों का नेतृत्व कर रहा हैं।

पुलिस ने हिंसा केस में शुक्रवार को 17 लोगों को हिरासत में लिया। इन सभी लोगों पर हिंसा भड़काने का आरोप है। हिरासत में लिए गए नेताओं को नजरबंद किया गया है। अब तक हिंसा के मामले में कुल 51 लोगों की गिरफ्तारी हुई है। गिरफ्तार किए हुए लोगों में राजशाही समर्थक राजनीतिक पार्टी राष्ट्रीय प्रजातंत्र पार्टी के उपाध्यक्ष रबिंद्र मिश्रा, महासचिव धवल शमशेर राना, राजशाही समर्थक कार्यकर्ता स्वागत नेपाल और संतोष तमांग आदि शामिल हैं।

Created On :   29 March 2025 5:02 PM IST

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