कनाडा चुनाव: चुनाव में मिल रही हार से पीएम जस्टिन ट्रूडो हुए परेशान, प्रधानमंत्री पद को बताया 'पागलपन भरी नौकरी'

चुनाव में मिल रही हार से पीएम जस्टिन ट्रूडो हुए परेशान, प्रधानमंत्री पद को बताया पागलपन भरी नौकरी
  • कनाडा में जस्टिन ट्रूडो की पार्टी को चुनाव में मिल रही हार
  • पीएम पद को लेकर दिया बयान
  • ट्रूडो सरकार की हो रही आलोचना

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। इन दिनों कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो एक खास परेशानी से जूझ रहे हैं। दरअसल, वह बतौर पीएम की जिम्मेदारियों से ऊब चुके हैं। इतना ही नहीं, उन्होंने इसे 'पागलपन भरी नौकरी' तक बताया है। ट्रूडो ने कहा कि वह जल्द ही ऐसी नौकरी से छुटकारा पाना चाहता है। लेकिन, कनाडा में अगले साल आम चुनाव होने तक वह पीएम पद पर ही कार्यात रहेंगे। गौरतलब है कि, कनाडाई पीएम का यह स्टेटमेंट चुनावों में उनकी लिबरल पार्टी को मिल हार के बीच आया है। बता दें, कनाडा में साल 2025 को आम चुनाव होने वाले हैं।

चुनाव में लिबरल पार्टी को मिल रही हार

कनाडा में हुए ताजा सर्वे से इस बात का खुलासा हुआ है कि चुनावों में कंजर्वेटिव्स पार्टी जस्टिन ट्रूडो की लिबरल पार्टी को पछाड़ कर आगे बढ़ रही है। बताया जा रहा है कि वहां के वोटर्स पीएम जस्टिन ट्रूडो की पार्टी और उनके शासन से उकता गए हैं। मालूम हो कि जस्टिन ट्रूडो साल 2015 में कनाडा के प्रधानमंत्री चुने गए थे। कनाडा की मीडिया में जस्टिन ट्रूडो की हार की खबरों के बीच उन्होंने फ्रांसीसी भाषा के प्रसारक रोडियो-कनाडा को इंटरव्यू दिया है। इसमें उन्होंने कहा, " मैं जो आज हूं वह शख्स कभी नहीं बन पाता। इसलिए इस अहम मोड़ पर मैं ये लड़ाई नहीं छोड़ सकता हूं।"

इस इंटव्यू में पीएम ट्रूडों से राजनीति छोड़ने का सवाल भी पूछा गया था। इसके जवाब में उन्होंने हंसते हुए कहा, "मैं हर दिन छोड़ने के बारे में सोचता हूं। यह एक पागलपन भरा काम जो मैं कर रहा हूं। व्यक्तिगत बलिदान दे रहा हूं...बेशक, यह बहुत मुशकिल है।" बता दें, साल 2023 में जस्टिन ट्रूडो और उनकी पत्नी सोफी ने शादी के 18 बाद अलग होने का ऐलान किया था।

ट्रूडो सरकार की हुई आलोचना

इसके बाद कनाडाई पीएम ने कहा, " हमेशा ये बहुत अच्छा नहीं होता है। मैं लोकप्रिय होने के लिए राजनीति में नहीं आया, व्यक्तिगत कारणों से नहीं, (बल्कि) क्योंकि मैं सेवा करना चाहता हूं और मुझे पता है कि मेरे पास देने के लिए कुछ है।" गौरतलब है कि, कनाडा में प्रवासियों की संख्या बढ़ने का मुद्दा गरमाया हुआ है। देश में इन प्रवासियों को स्थायी और अस्थायी तौर पर शरण देने के फैसले पर प्रधानमंत्री ट्रूडो के फैसले की जबरदस्त आलोचना हो रही है। इस वजह से कनाडा में आवास की कमी जैसी स्थिति उत्पन्न हो रही है।

Created On :   16 March 2024 11:50 PM IST

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