नागरिकता संशोधन कानून: CAA पर पड़ोसी मुल्क ही नहीं अमेरिका की भी है पैनी नजर, कानून के बारे में दिया बड़ा बयान

CAA पर पड़ोसी मुल्क ही नहीं अमेरिका की भी है पैनी नजर, कानून के बारे में दिया बड़ा बयान
  • सीएए को अमेरिका ने बताया भेदभावपूर्ण कानून
  • सीएए पर पेनी नजर बनाए हुए है अमेरिका
  • पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान के बाद अब अमेरिका का सीएए पर आया रिएक्शन

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारत में 11 मार्च को नागरिकता संशोधन कानून (CAA) लागू हो गया। इस पर अब युनाइटेड नेशन (यूएन) की ओर से प्रतिक्रिया सामने आई है। बीते मंगलवार को यानी 12 मार्च को संयुक्त राष्ट्र ने भारत में सीएए लागू होने के बाद चिंता जाहिर की है। उन्होंने बताया कि सीएए भेदभाव से भरा कानून है। अमेरिका का कहना है कि वह भारत में लागू हुए सीएए पर पैनी नजर बनाए हुए है। न्यूज एजेंसी रायटर्स से अमेरिकी विदेश मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने कहा, "हम 11 जनवरी को जारी हुए सीएए अधिसूचना (नोटिफिकेशन) से परेशान हैं। पूरे मामले पर गहनता से जांच जारी है।"

अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने आगे कहा, 'धार्मिक आजादी के सम्मान और सभी समुदायों के लिए कानून के तहत समान व्यवहार लागू करना मूलभूत लोकतांत्रित सिद्धांत हैं। लेकिन भारत में लागू किए गए सीएए कानून से मानवाधिकारों और उनसे जुड़ी संस्थाओं को अपना निशाना बना रही है।' इधर, ह्यूमन राइट वॉच और एमनेस्टी इंटरनेशनल ने सीएए को मुसलमानों के खिलाफ भेदभाव के रूप में दिखाया है।

2019 को ही सीएए हुआ था पारित

साल 2019 में केंद्र की मौजूदा सरकार ने सीएए बिल को आसानी से दोनों सदनों से पारित कर लिया। लेकिन इस दौरान कई जगहों पर हिंसक झड़प देखने को मिली। इसके बाद भी सरकार ने साल 2020 के दौरान अपने फैसले पर अडिग रही। हालांकि, मोदी सरकार के कुछ मंत्रियों ने कहा कि इस कानून को साल 2024 के लोकसभा चुनाव के बाद लागू किया जाएगा। इधर, अमित शाह संकेत देते रहे कि वे इस कानून को 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले लागू करेंगे।

अनुमान लगाया जा रहा था कि लोकसभा चुनाव से पहले ही सीएए को लागू किया जा सकता है। हालांकि, चुनाव से कुछ महीने पहले ही 11 मार्च को केंद्र सराकर ने कानून को लेकर अपनी नोटिफिकेशन जारी किया।

क्यों मचा है बवाल

बता दें कि, सीएए के जरिए भारत के पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश से आए मुस्लिम समुदाय के लोगों को छोड़कर हिंदू और सिख सहित अन्य धर्मों के लोगों को भारत की नागरिकता दी जाएगी। जिससे अब अमेरिका परेशान है। अमेरिका का कहना है कि लोकतंत्र को सही तरीके से लागू करने के लिए सभी धर्मों का सम्मान होना जरूरी है। अमेरिका ने कहा है कि सीएए भेदभाव से भरा कानून है।

Created On :   13 March 2024 5:24 PM IST

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