पूर्व राष्ट्रपति हामिद करजई ने तालिबान और प्रतिरोध बलों की झड़पों पर चिंता व्यक्त की, बोले- कूटनीति के जरिए मतभेदों को सुलझाए
- अफगानिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति हामिद करजई ने कहा-
- उत्तरी प्रांत में चल रही तीव्र लड़ाई लोगों के हित में नहीं
- दोनों पक्षों से कूटनीति के जरिए मतभेदों को सुलझाने का आह्वान किया
डिजिटल डेस्क, काबुल। अफगानिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति हामिद करजई ने शुक्रवार को पंजशीर में तालिबान और प्रतिरोध बलों के बीच चल रही झड़पों पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने दोनों पक्षों से कूटनीति के जरिए अपने मतभेदों को सुलझाने का आह्वान किया। हामिद करजई की प्रतिक्रिया तालिबान और नेशनल रेजिस्टेंस फ्रंट ऑफ अफगानिस्तान (एनआरएफए) के बीच वार्ता टूटने के कुछ दिनों बाद आई है।
करजई ने एक ट्वीट में कहा कि उत्तरी प्रांत में चल रही तीव्र लड़ाई अफगानिस्तान या उसके लोगों के हित में नहीं है। उन्होंने कहा, युद्ध कोई समाधान नहीं है, बल्कि यह केवल घावों को ताज़ा करता है और दर्द का कारण बनता है। करजई ने ट्वीट किया, "मुझे उम्मीद है कि दोनों पक्ष बातचीत के जरिए मौजूदा मुद्दे को सुलझाएंगे ताकि हमारे पीड़ित लोग पूरी तरह से शांति और खुशी का आनंद उठा सकें।"
… زخمونه نور هم تازه کوي او ناخوالې زیږوي.
— Hamid Karzai (@KarzaiH) September 3, 2021
دواړو خواوو نه هیله کوم چی د مذاکراتو له لارې موجوده ستونزه حل کړي څو زموږ ځورېدلی ولس له بشپړې سولې او خوشحالي برخمن شي.
तालिबान ने 15 अगस्त को काबुल पर कब्जा कर लिया था। केवल पंजशीर ही ऐसा प्रांत है जहां तालिबान कब्जा नहीं कर पाया है। मुजाहिदीन के एक पूर्व कमांडर के बेटे अहमद मसूद के नेतृत्व में, स्थानीय मिलिशिया के कई हजार सदस्य और सेना और स्पेशल फोर्स यूनिट के बचे हुए लोग कट्टरपंथी इस्लामी संगठन के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं।
इस सप्ताह की शुरुआत में तीव्र झड़पों के बाद, एनआरएफए ने तालिबान के हमले को विफल करने का दावा किया और 115 विद्रोहियों को मार डाला, 40 अन्य को पकड़ लिया और अमेरिकी सैन्य उपकरण और हथियार जब्त कर लिए। दूसरी ओर, तालिबान का कहना है कि उसने पंजशीर को घेर लिया है और प्रतिरोध बलों को अपने हथियार डालने और समझौता करने के लिए बातचीत की मेज पर आने का आह्वान किया है।
Created On :   3 Sept 2021 1:55 PM GMT