ताइवान मसले पर एक बार फिर अमेरिका व चीन आमने-सामने, ड्रैगन ने दी चेतावनी

US and China face to face once again on Taiwan issue, Dragon warns
ताइवान मसले पर एक बार फिर अमेरिका व चीन आमने-सामने, ड्रैगन ने दी चेतावनी
ताइवान विवाद ताइवान मसले पर एक बार फिर अमेरिका व चीन आमने-सामने, ड्रैगन ने दी चेतावनी
हाईलाइट
  • ताइवान मामले पर भड़का चीन

डिजिटल डेस्क, ताइपे। ताइवान मुद्दे पर अमेरिका व चीन के बीच विवाद बढ़ता ही जा रहा है। सोमवार को चीन ने दो टूक में कहा कि वह ताइवान के शांतिपूर्ण एकीकरण के लिए पूरी ईमानदारी के साथ प्रयास करेगा लेकिन देश विभाजित करने  के उद्देश्य से किसी अन्य देश की हस्तक्षेप बर्दाश्त नहीं करेगा। चीन की इस टिप्पणी को हाल ही में ताइवान मुद्दे पर अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन की ओर से दिए गए बयान को लेकर देखा जा रहा है। बाइडेन ने कहा है कि यदि चीन स्वशासित ताइवान पर हमला करेगा तो अमेरिकी सेना उसकी रक्षा करेगी। गौरतलब है कि चीन इस ताइवान पर अपना अधिकार जता रहा है। 

ताइवान मामले पर क्यों भड़का चीन?

बीते रविवार को एक समाचार चैनल सीबीएस न्यूज पर प्रसारित 60 मिनट्स कार्यक्रम के दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति से सवाल पूछा गया था कि अगर चीन ताइवान पर हमला करता है तो क्या अमेरिका उसकी मदद के लिए आगे आएगा? इसके जवाब में बाइडेन ने हां कहा था। सीबीएस न्यूज ने बताया कि साक्षात्कार के बाद व्हाइट हाउस ने साफ किया कि अमेरिका अपनी नीतियों में कभी बदलाव नहीं करेगा। अमेरिका का मानना है कि ताइवान मसला शांतिपूर्ण तरीके से निपटाया जाना चाहिए। अमेरिकी राष्ट्रपति का बयान चीन को नागवार लगी और अमेरिका को इशारों में नसीहत दे डाली। 

चीन ने बाइडेन के बयान पर किया पलटवार

अमेरिकी राष्ट्रपति के बयान के बाद चीन बौखला गया और तीन के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता माओ निंग ने सीबीएस न्यूज के साथ बाइडेन के साक्षात्कार पर पलटवार किया। उन्होंने कहा कि अमेरिकी नेता की टिप्पणी ने एक चीन नीति और ताइवान से संबंधित तीन संयुक्त शासकीय परिपत्रों का गंभीर उल्लंघन किया है। उधर चीन की ओर से दावा किया गया है कि बाइडेन की टिप्पणी ने ताइवान की स्वतंत्रता का समर्थन न करने की अमेरिका की प्रतिबद्धता का उल्लंघन किया है। साथ ही ताइवान की स्वतंत्रता की मांग करने वाली ताकतों को एक गलत मैसेज दिया है।

चीनी प्रवक्ता ने आगे कहा कि चीन इसकी कड़े शब्दों में निंदा करता है और कड़ा विरोध करता है। माओ ने जोर देकर कहा कि चीन केवल एक है और ताइवान भी इसका अभिन्न अंग है। आगे ये भी कहा कि चीनी गणराज्य पूरे राष्ट्र का प्रतिनिधित्व करने वाली एकमात्र सरकार है। माओ ने कहा, ‘हम अत्यंत ईमानदारी और प्रयासों के साथ शांतिपूर्ण एकीकरण की संभावना के लिए प्रयास करेंगे। 

Created On :   19 Sept 2022 8:51 PM IST

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