रूसी हमलों के बीच यूक्रेन को मिला अर्थव्यवस्था संभालने का नायाब तरीका, लोगों को मिलेगा रोजगार, बदल जाएगी यूक्रेन की तस्वीर!
- 50 दिनों के जंग में 46.56 लाख लोगों ने यूक्रेन को छोड़ा
- रूस और यूक्रेन के बीच 50 दिन से ज्यादा जंग जारी
डिजिटल डेस्क, कीव, अनुपम तिवारी। रूस और यूक्रेन के बीच 50 दिन से ज्यादा जंग जारी हुए हो गए हैं। रूसी बमबारी में यूक्रेन के कई महत्वपूर्ण इमारतें, स्मारक, होटल, पार्क व अस्पताल तबाह हो चुके हैं। दोनों देशों के बीच जारी संघर्ष में यूक्रेन के लोग अपनी जान बचाकर दूसरे देशों में शरण लेने पर मजबूर हैं। संयुक्त राष्ट्र का दावा है कि 50 दिनों के जंग में 46.56 लाख लोगों ने यूक्रेन को छोड़ दिया है। रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध में करीब दो हजार यूक्रेनी नागरिक भी मारे गए हैं। यूक्रेन को इस युद्ध में काफी आर्थिक नुकसान भी उठाना पड़ा है। खबरों के मुताबिक, यूक्रेन की अर्थव्यवस्था बुरी तरह तबाह हो सकती है।
वर्ल्ड बैंक के मुताबिक, इस साल यूक्रेन की जीडीपी में 45 फीसदी से ज्यादा की गिरावट आने का अनुमान है, वहीं रूस की जीडीपी 11 फीसदी तक गिर सकती है। यूक्रेन इस वक्त अपने सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। चौपट हुई अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए अगला कदम कौन सा उठाएगा? इसको लेकर सवाल उठने लगे हैं। इस बीच नाटो देशों का साथ भी यूक्रेन को बराबर मिल रहा है। खासतौर से अमेरिका का। अब विशेषज्ञ ये मान रहे हैं कि नाटो या यूक्रेन के पड़ोसी देश यहां वॉर टूरिज्म की संभावनाएं खंगाल रहे हैं।
युद्ध के दौरान रूस के लगातार हमले और यूक्रेन को मिली सहानुभूति के बीच यहां वॉर टूरिज्म बखूबी पनप सकता है। माना जा रहा है कि यूक्रेन वॉर टूरिज्म के जरिए एक बार फिर अपनी लड़खड़ाती हुई अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने की कोशिश कर सकता है। सिर्फ यूक्रेन ही नहीं इस कदम से दूसरी यूरोपियन कंट्रीज को भी फायदा हो सका है।
खासतौर पर पोलैंड, रोमानिया मॉल्डोवा जैसे सीमावर्ती देशों के लिए वॉर टूरिज्म इनकम का बढ़िया स्रोत बन जाएगा। जब भी दो देशों में युद्ध होता है, तो नुकसान होना स्वाभाविक है और उस नुकसान की भरपाई का एकमात्र विकल्प यही होता है कि उस स्थान को वॉर टूरिज्म बना दिया। जिससे पर्यटक आएंगे फिर सरकार को उससे राजस्व मिलेगा। साथ ही साथ रोजगार की संभावनाएं भी बढ़ेंगी। हालांकि वॉर टूरिज्म बनने से न केवल पर्यटकों की भीड़ लगेगी बल्कि शोध करने वाले विद्यार्थियों की भी भीड़ होना स्वाभाविक है। लोग अक्सर अतीत को जानना चाहते हैं और किताब भी लिखते हैं, ताकि आने वाली पीढ़ियां भी उसको पढ़े।
यूक्रेन और रूस के बीच बीते 24 फरवरी से युद्ध जारी है। यूक्रेन ने इस युद्ध से पाया कुछ नहीं लेकिन खोया बहुत है। जिसे बनाने में कई साल लग जाएंगे। यूक्रेन के पास अपनी अर्थव्यवस्था को कुछ हद तक ठीक करने के लिए जो विकल्प है, वो है वॉर टूरिज्म। यूक्रेन ही नहीं विश्व के ऐसे बहुत से देश हैं, जो अपने देशों के युद्ध स्थलों को संरक्षित किए हैं और उन्हें वॉर टूरिज्म के रूप में उपयोग करते हैं। ताकि उनकी आने वाली पीढ़ियां अपने अतीत को जान सकें।
वॉर टूरिज्म क्या है?
वॉर टूरिज्म को हम सरल शब्दों में युद्ध पर्यटन कह सकते हैं। युद्ध पर्यटन को इस तरह से डेवलेप किया जाता है कि वह पर्यटकों को लुभाये। युद्ध पर्यटन न सिर्फ मनोरंजन का स्थान होता है बल्कि ऐतिहासिक अध्ययन का केंद्र भी होता है। यहां अक्सर वही पर्यटक आते हैं, जिन्हें विश्वभर के इतिहास को जानने की रूचि होती है। पर्यटक ऐसे ऐतिहासिक स्थलों के माध्यम से अतीत के विभिन्न पहलुओं की यात्रा कर सकता है।
इन देशों ने भी वॉर टूरिज्म पर किया है काम
पोलैंड
पोलैंड ने वॉर टूरिज्म को बढ़ावा दिया है और युद्ध में पीड़ितों के सम्मान के लिए एक स्मारक को संग्रहालय में बदल दिया था। पोलैंड में Oswiecim दुनिया में सबसे अधिक देखी जाने वाली और महत्वपूर्ण युद्ध स्थल है। जहां पर दुनिभर के लोग इसे देखने आते हैं।
हवाई
हवाई में पर्ल हार्बर वॉर टूरिज्म के लिए बहुत बढ़िया स्थान है। जब दिसंबर 1941 में जापान ने पर्ल हार्बर पर बम गिराए। जिसके बाद अमेरिका मित्र राष्ट्रों में शामिल हो गया था। अमेरिका के इस फैसले के कारण द्वीप पर रहने वाले बहुत से सैनिकों, नर्सों और परिवारों की जान ले ली। उसके बाद पर्ल हार्बर को निर्दोष पीड़ितों को श्रद्धांजलि देने के लिए एक स्मारक स्थल के रूप में कार्य करता है। यह लड़ाई युद्धों के इतिहास में सबसे ऐतिहासिक लड़ाइयों में से एक मानी जाती है।
वॉशिंगटन डीसी
वाशिंगटन डीसी का वियतनाम वेटरन्स मेमोरियल वियतनाम युद्ध में प्रमुख अमेरिकी योगदान को प्रदर्शित करता है। स्मारक संयुक्त राज्य सशस्त्र बलों की याद में बनाया गया है, जो युद्ध के समय में लापता हो गए थे या अपनी जान गंवा चुके थे। इस स्माकर को चौबीस घंटे खुला रखा जाता है और कभी भी इस स्मारकर में जाया जा सकता है।
भारत
इंडिया गेट भारत के सबसे प्रतिष्ठित युद्ध स्मारकों में से एक है। स्मारक 1914 और 1921 के बीच प्रथम विश्व युद्ध के दौरान शहीद हुए भारतीय सैनिकों को श्रद्धांजलि देता है। गौरतलब है कि इंडिया गेट की स्थित राजपथ रोड पर राष्ट्रपति भवन से लगभग 2 किमी दूर है। यह अभी भी दिल्ली में सबसे लोकप्रिय वॉर टूरिज्म आकर्षण स्थानों में से एक है। हालांकि अब इंडिया गेट को नए बने शहीद स्मारक के साथ जोड़ दिया गया है।
इसके अलावा होटल ताज में भी उस हिस्से को ज्यों का त्यों रखा गया है जहां 26/11 में आतंकी हमले के निशान नजर आते हैं।
फ्रांस
वेल को "डी"हिव" के रूप में भी जाना जाता है। वेलोड्रोम डी"हाइवर, पेरिस में स्थित है। यह एफिल टॉवर से काफी नजदीक है। 1942 में नाजी ने पेरिस पर कब्जा कर लिया था और सभी यहूदियों को गिरफ्तार कर लिया था। ऑपरेशन स्प्रिंग ब्रीज घटना का नाम था, और मुख्य उद्देश्य फ्रांस से सभी यहूदियों को हटाना था। इसे प्राप्त करने के लिए, 4000 बच्चों के साथ 13,000 से अधिक यहूदियों को एकाग्रता शिविरों में धकेल दिया गया था। वेलोड्रोम डी"हाइवर पकड़े गए पीड़ितों के जीवन को श्रद्धांजलि देता है।
फिलाडेल्फिया
फिलाडेल्फिया में इंडिपेंडेंस हॉल सबसे प्रतिष्ठित युद्ध पर्यटन स्थलों में से एक के रूप में कार्य करता है। इसे अमेरिका का जन्मस्थान भी कहा जाता है। यह अमेरिका की सबसे ऐतिहासिक इमारतों में से एक है। यह स्थान इतिहास से ओतप्रोत है। जो लोग वास्तव में इतिहास को पसंद करते हैं और अतीत के बारे में अधिक जानना चाहते हैं, वे इस युद्ध स्थल को देख सकते हैं।
फ्रांस
उत्तरी फ्रांस का तटीय शहर, डनकर्क, इतिहास प्रेमियों के लिए एक दर्शनीय स्थल है। यहां पर जून 1940 में, दुनिया का सबसे बड़ा बचाव अभियान ऑपरेशन डायनमो चलाया गया था। इस अभियान को तहत 330,00 ब्रिटिश सैनिकों को बचाने के लिए चलाया गया था। इसी नाम पर एक फिल्म, डनकर्क बनाई गई थी और इसमें ऑपरेशन के बारे में विस्तार से चित्रित किया गया था।
इंग्लैंड
इंग्लैंड में विदेशी आक्रमणकारियों से देश की रक्षा और इंग्लैंड की रक्षा के लिए, राजा हेनरी द्वितीय ने डोवर कैसल का निर्माण किया था। महल को भूमिगत सुरंगों और भागने के कमरों से सजाया गया है। यह स्थान इंग्लैंड के समृद्ध इतिहास को जानने के लिए सबसे अच्छी युद्ध स्थल के रूप में कार्य करता है।
Created On :   15 April 2022 6:08 PM IST