Mars Mission: बारिश के चलते टला UAE का पहला मार्स ऑर्बिटर मिशन, अब शुक्रवार को लॉन्च की संभावना
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- UAE के मार्स ऑर्बिटर मिशन का लिफ्टऑफ शुक्रवार तक के लिए स्थगित
- जापानी लॉन्च साइट पर खराब मौसम के कारण लॉन्च स्थगित हुआ
- संयुक्त अरब अमीरात के अंतरिक्ष यान का नाम अमल यानी 'होप' है
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। संयुक्त अरब अमीरात के मार्स ऑर्बिटर मिशन के लिफ्टऑफ को शुक्रवार तक के लिए स्थगित कर दिया गया है। जापानी लॉन्च साइट पर खराब मौसम के कारण लॉन्च स्थगित हुआ है। यह लॉन्च पहले बुधवार को दक्षिणी जापान में तनेगाशिमा स्पेस सेंटर से होने वाला था, लेकिन यूएई मिशन टीम ने ट्विटर पर नई तारीख की घोषणा की। मित्सुबिशी हेवी इंडस्ट्रीज का H-IIA रॉकेट यूएई के स्पेसक्राफ्ट को अंतरिक्ष में लेकर जाएगा। मित्सुबिशी लॉन्च के अधिकारी केजी सुजुकी ने सोमवार को कहा था कि अगले कुछ दिनों तक बारिश का अनुमान है जिसके कारण मिशन को पोस्टपॉन किया जा सकता है।
अरब दुनिया का पहला इंटरप्लेनेटरी मिशन
संयुक्त अरब अमीरात के अंतरिक्ष यान का नाम अमल यानी "होप" है। यह अरब दुनिया का पहला इंटरप्लेनेटरी मिशन होगा। अंतरिक्ष यान कोलोराडो बोल्डर विश्वविद्यालय के साथ साझेदारी में बनाया गया है। यह यूएई की स्थापना की 50वीं वर्षगांठ वाले साल में मंगल पर पहुंचेगा। इस मिशन के जरिए यूएई अरब युवाओं को एक बहुत मजबूत संदेश भेजना चाहता है। प्रोजेक्ट मैनेजर ओमरान शराफ ने कहा, "यहां संदेश यह है कि अगर यूएई 50 साल से कम समय में मंगल ग्रह पर पहुंच सकता है, तो आप बहुत कुछ कर सकते हैं। ... अंतरिक्ष के बारे में अच्छी बात है, यह वास्तव में उच्च मानकों को निर्धारित करता है।" यूएई के इस मिशन में ऑर्बिटर (44,000 किलोमीटर x 22,000 किलोमीटर) के ऑर्बिट से मंगल के ऊपरी वायुमंडल और जलवायु परिवर्तन की स्टडी करेगा। यूएई के इस प्रोजेक्ट की लागत 200 मिलियन डॉलर है, जिसमें लॉन्च शामिल है लेकिन मिशन ऑपरेशन्स नहीं है।
अमेरिका और चीन भी इस महीने भेज रहे अपने मिशन
बता दें कि संयुक्त अरब अमीरात के अलावा मंगल ग्रह पर अमेरिका और चीन इस महीने मानवरहित अंतरिक्ष यान भेज रहे हैं। तीन देशों का लगभग एक साथ मिशन को लॉन्च करना कोई संयोग नहीं हैं। दरअसल, हर 26 महीने में साइंटिस्टों को मिशन लॉन्च करने के लिए ऐसी विंडो मिलती है जिसमें ट्रैवल टाइम न्यूनतम हो जाता है और फ्यूल भी कम लगता है। इस समय मंगल और पृथ्वी दोनों सूर्य के एक ही तरफ होते हैं। प्रत्येक अंतरिक्ष यान (space craft) फरवरी 2021 में मंगल पर पहुंचने से पहले 483 मिलियन किलोमीटर से अधिक की यात्रा करेगा। इन मिशनों के जरिए साइंटिस्ट जानना चाहते हैं कि क्या मंगल ग्रह पर अरबों साल पहले जीवन था जब वहा समुद्र, तालाब और नदिया हुआ करती थी? क्या अभी भी मंगल ग्रह पर जीवन मौजूद है? साइंटिस्ट, मानव को मंगल पर भेजने से पहले ज्यादा से ज्यादा जानकारी भी इकट्ठा कर पूरी तैयारी कर लेना चाहते हैं।
Created On :   14 July 2020 7:05 PM IST