इमरान खान पर चल सकता है देशद्रोह का केस, शहबाज सरकार ने दी कमेटी के गठन को मंजूरी 

Treason case can go on Imran Khan, Shahbaz government approved the formation of committee
इमरान खान पर चल सकता है देशद्रोह का केस, शहबाज सरकार ने दी कमेटी के गठन को मंजूरी 
मुश्किलों में पूर्व पाकिस्तानी पीएम इमरान खान पर चल सकता है देशद्रोह का केस, शहबाज सरकार ने दी कमेटी के गठन को मंजूरी 

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। सत्ता से बेदखल होने के बाद से ही पूर्व पाकिस्तानी पीएम इमरान खान की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। दरअसल, प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की अध्यक्षता में आयोजित हुई कैबिनेट ने शुक्रवार को एक समिती के गठन को मंजूरी दे दी है। इस समिति का काम संविधान के अनुच्छेद 6 के तहत पूर्व पीएम इमरान खान और उनकी पार्टी पीटीआई के बड़े नेताओं के खिलाफ देशद्रोह की कारवाई की जानी चाहिए या नहीं, इसका पता लगाना है। वहीं इस बैठक के बाद मिडिया को संबोधित करती हुईं पाकिस्तान की सूचना मंत्री मरियम औरंगजेब ने कहा कि कानून मंत्री आजम नजीर तरार के अध्यक्षता में एक कमेटी के गठन को मंजूरी दी गई है।

तैय्यबा गुल केस में आयोग गठन 

पाकिस्तान की सूचना मंत्री मरियम औरंगजेब ने अपने बयान में कहा कि तैय्याबा गुल मामले में भी जांच के लिए एक आयोग का गठन हुआ है। तैय्याबा गुल को लेकर कानून मंत्री ने कहा कि जब प्रधानमंत्री कार्यालय ने तैय्याबा गुल से संपर्क किया तो उन्होंने बताया है कि उनका अपहरण कर लिया गया था और उन्हें 18 दिनों तक पीएम आवास में बंदी बनाकर रखा गया था। सूचना मंत्री ने आगे कहा कि गुल ने यौन उत्पीड़न और यौन शोषण के लेकर पीएम के पोर्टल पर शिकायत कराई थी लेकिन शिकायतों का निपटारा करने की जगह, महिला को पीएम आवास पर बुलाकर उसे बंदी बना कर रखा गया।  


इमरान के दावे को कोर्ट ने किया था खारिज

जीओ नयूज के अनुसार, मंत्री मरियम ने बताया कि, कैबिनेट बैठक में तत्कालीन राष्ट्रीय संसद के पूर्व उपाध्यक्ष कासिम सूरी की तरफ से इमरान सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर निर्णय से जुड़े एक स्वत: संज्ञान मामले में सुप्रीम कोर्ट के दिए फैसले का स्वागत किया।

गौरतलब है कि, 3 अप्रैल 2022 को खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान शुरु होने के पहले ही कासिम सूरी जो कि उस समय संसद के डिप्टी स्पीकर यानी उपाध्यक्ष थे, उन्होंने मतदान को असंवैधानिक बताते हुए उसे ये कहते हुए खारिज कर दिया था कि, इस अविश्वास प्रस्ताव के पीछे विदेशी ताकतों का हाथ है। 

हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने इस दावे पर सवत: संज्ञान लेते हुए इसे खारिज कर दिया था। कोर्ट ने इन आरोपों को नकारते हुए कहा था कि, अदालतें सबूतों पर फैसला सुनाती हैं, अटकलों पर नहीं। साथ ही कोर्ट ने इस मामले पर किसी भी प्रकार की कोई जांच करने का आदेश देने से भी मना कर दिया था। 


 

Created On :   15 July 2022 11:38 PM IST

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