कॉपीराइट के क्षेत्र में दुनिया की एकमात्र मानवाधिकार संधि - माराकेच संधि चीन में प्रभावी

The worlds only human rights treaty in the field of copyright - Marrakech Treaty in effect in China
कॉपीराइट के क्षेत्र में दुनिया की एकमात्र मानवाधिकार संधि - माराकेच संधि चीन में प्रभावी
नई दिल्ली कॉपीराइट के क्षेत्र में दुनिया की एकमात्र मानवाधिकार संधि - माराकेच संधि चीन में प्रभावी
हाईलाइट
  • पढ़ने में अक्षमता वाले लोगों को गारंटी

डिजिटल डेस्क, बीजिंग। 5 मई को दुनिया भर में कॉपीराइट के क्षेत्र में एकमात्र मानवाधिकार संधि यानी माराकेच संधि चीन में प्रभावी हुई। इस संधि का पूरा नाम है नेत्रहीन, दृष्टिबाधित या अन्य प्रिंट वस्तु पढ़ने में विकलांगता व्यक्तियों के लिए प्रकाशित रचनाओं तक पहुंच की सुविधा पर मराकेच संधि, जिसे संक्षिप्त में माराकेच संधि कहा जाता है। इस संधि के चीन में प्रभावी होने से पढ़ने में अक्षमता लोगों को सांस्कृतिक व शैक्षिक अधिकार की प्राप्ति के लिए ज्यादा गारंटी मिलेगी।

बता दें कि जून 2013 में, विश्व बौद्धिक संपदा संगठन ने मोरक्को के माराकेच में आयोजित एक राजनयिक सम्मेलन में संधि को पारित किया। चीन इस संधि के पहले हस्ताक्षरकर्ताओं में से एक है। संधि 30 सितंबर, 2016 को लागू हुई और अब इसमें 84 हस्ताक्षरकर्ता हैं। संधि के पारित होने के बाद चीन ने संधि पर हस्ताक्षर किए, और 11 नवंबर, 2020 को कॉपीराइट कानून का संशोधन पूरा किया, जिससे संधि के अनुसमर्थन के लिए कानूनी तैयारी की गई। अक्तूबर 2021 में, 13वीं चीनी राष्ट्रीय जन प्रतिनिधि सभा की स्थाई समिति की 31वीं बैठक ने संधि को मंजूरी देने के लिए मतदान किया।

मराकेच संधि में हस्ताक्षरकर्ताओं को कॉपीराइट सीमाएं और अपवाद प्रदान करने की आवश्यकता है, ताकि पढ़ने में विक्लांग लोगों की समानता के साथ रचनाओं का आनंद लेने और शिक्षा प्राप्त करने के अधिकारों की गारंटी हो सके। इस संधि के लाभार्थियों में न केवल ²ष्टिबाधित व्यक्ति शामिल हैं, बल्कि ऐसे समूह भी शामिल हैं जो अन्य कारणों जैसे कि ²श्य हानि, अवधारणात्मक हानि या शारीरिक अक्षमता के कारण सामान्य रूप से पढ़ नहीं सकते हैं।

चीन में विकलांग व्यक्तियों के दूसरे राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण के परिणामों के अनुसार, देश में लगभग 1.732 करोड़ नेत्रहीन व्यक्ति हैं। इसके साथ ही देश भर में पढ़ने में अक्षमता वाले लोगों की संख्या और ज्यादा होने की संभावना है। माराकेच संधि के चीन में लागू होने के बाद यह डिस्लेक्सिक लोगों के आध्यात्मिक और सांस्कृतिक जीवन को बहुत समृद्ध करेगा, उनके शैक्षिक स्तर में सुधार करेगा, और उत्कृष्ट चीनी रचनाओं के विदेशों में प्रसार को बढ़ावा देगा।

 

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ bhaskarhindi.com की टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.

Created On :   5 May 2022 1:01 PM GMT

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story