मिलिट्री इकाई का नाम पानीपत रखा, जानें क्या थी इसके पीछे की मंशा?
- सेना की यूनिट का नाम रखा पानीपत
- तालिबान ने की भारत को उकसाने वाली हरकत
डिजिटल डेस्क, काबुल। तालिबान अक्सर एक न एक मुद्दों को लेकर सुर्खियों में बना रहता है। बता दें कि भारत को चिढ़ाने के मकसद से तालिबान ने अपनी एक मिलिट्री यूनिट का नाम पानीपत ऑपरेशनल यूनिट रखा है। इस नई यूनिट को पाक की सीमा से लगे अफगानिस्तान के नंगरहार प्रांत में तैनात किया जाएगा।
गौरलतब है कि पानीपत हरियाणा में है, यहां पर विदेशी आक्रमणकारियों और भारतीय शासकों के बीच तीन लड़ाइयां लड़ी गई थी। अफगानिस्तान में यह लड़ाई 14 जनवरी 1761 को अहमद शाह अब्दाली और मराठों के बीच लड़ी गई तीसरी लड़ाई है। अहमद शाह अब्दाली कट्टर मुस्लिम शासक था। अब्दाली को वर्तमान अफगानिस्तान का संस्थापक माना जाता है।
अब्दाली ने ली थी इतने मराठों की जान
अहमद शाह अब्दाली ने मराठों के खिलाफ लड़ाई लड़ी थी और एक ही दिन में करीब 60,000 लोगों को मौत के घाट उतार दिया था। कहा जाता है कि अब्दाली युद्ध के दौरान हजारों मराठों को बंदी बनाकर अपने साथ ले गया था। उनमें से कुछ लोग बलूचिस्तान में बस गए थे।
इंडिया टुडे की एक रिपोर्ट के मुताबिक, लेखक उदय एस. कुलकर्णी तालिबान के इस कदम को लेकर बताते है कि पानीपत में तीन युद्धों में आक्रमणकारी सेनाओं ने विजय प्राप्त की थी। पानीपत के नाम पर किसी भी चीज का नाम रखना मध्ययुगीन काल की खाली बयानबाजी है। कुलकर्णी आगे कहते हैं कि पानीपत नाम का उपयोग करना भारत के प्रति शत्रुतापूर्ण शासन के साथ एक पैटर्न है।
पाकिस्तान भी कुछ ऐसे हरकत करता है
लेखक उदय एस. कुलकर्णी कहते है कि पाकिस्तान भी कुछ ऐसे ही हरकतें करता है और भारत पर आक्रमण करने वालों के नाम पर मिसाइलों का नाम रखता है, जिसमें अहमद शाह अब्दाली भी शामिल है। ये केवल उनके दिमाग की उपज है। जो पुरातन सोच से शक्तियों को संतुष्ट करते हैं।
भारतीय सेना पर कोई प्रभाव नहीं
कुलकर्णी का कहना है कि अफगानिस्तान के एक सैन्य इकाई का नाम पानीपत रखने पर भारतीय सेना के मनोबल पर किसी भी तरह से कोई असर नहीं पड़ेगा। उन्होंने कहा कि भारत के पास सुरक्षा बलों की आधुनिक लड़ाकू इकाई है, जो "सर्व धर्म सम भव" (सभी धर्मों की समानता) में विश्वास करते हैं।
Created On :   19 Feb 2022 11:30 PM IST