डोभाल के दिल्ली डिक्लेरेशन से खुश हुआ तालिबान, पाक हुआ पस्त
- दिल्ली डिक्लेरेशन से खुश तालिबान
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। अफगानिस्तान को लेकर राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल की अध्यक्षता में दिल्ली में हुई एनएसए मीटिंग के ठीक एक दिन बाद पाकिस्तान में भी आज बैठके होने लगी। बताया जा रहा है इस बैठक में तालिबान के प्रतिनिधियों के भी शामिल होने की उम्मीद है। भले ही भारत में हुई बैठक में पाकिस्तान शामिल नहीं हुआ क्योंकि वह तालिबान को अपना अधिक हितैषी समझता है। लेकिन डोभाल के नेतृत्व में बैठक में जो डिक्लेरेशन तैयार हुए है उनसे तालिबान खुश नजर आ रहा है। तालिबान प्रवक्ता ने अपनी इच्छा बताते हुए कहा कि अफगानिस्तान में तालिबान जो सुधार चाहता है वह भारत की बैठक में निर्धारित हुए। भारत के प्रति तालिबान की इस खुशी से पाकिस्तान को जलन हो रही है। पाक को तालिबान की भारत के प्रति तारिफ पसंद नहीं आ रही है। इससे समझ सकते है कि डोभाल को भारत का शेर यू ही नहीं कहा जाता ।
एनएसए अजित डोभाल की अध्यक्षता में हुई बैठक में ईरान, रूस, कजाखस्तान, किर्गिस्तान, ताजिकिस्तान, तुर्कमेनिस्तान और उज्बेकिस्तान के एनएसए शामिल हुए थे । भारत ने इस बैठक के लिए चीन और पाकिस्तान को भी निमंत्रण भेजा था लेकिन दोनों देशों ने मीटिंग में आने से मना कर दिया। इस पर सुहेल शाहीन ने कहा यह किसी देश पर निर्भर करता है कि वह अपना रुख तय करे। आप इस बारे में पाकिस्तान से पूछ सकते हैं।
नई दिल्ली में आठ देशों की बैठक के बाद दिल्ली डिक्लेरेशन ऑन अफगानिस्तन नाम से 12 प्वाइंट का घोषणा पत्र भी जारी किया गया। बैठक में शामिल सभी देश इस बात पर राजी हुए कि अफगानिस्तान की जमीन का इस्तेमाल आंतकवाद को किसी तरह के पोषण देने, ट्रेनिंग, प्लानिंग या आर्थिक मदद के लिए नहीं किया जाएगा।
तालिबान प्रवक्ता सुहेल शाहीन ने एक निजी चैनल न्यूज 18 से बातचीत करते हुए कहा कि तालिबान भारत में हुई एनएसए बैठक को एक सकारात्मक विकास के तौर पर देखता है और उसे उम्मीद है कि इससे अफगानिस्तान के हालातों का जल्द सुधारने में मदद मिलेगी। एनएसए चीफ डोभाल की आठ देशों के सुरक्षा सलाहकारों के साथ हुई बैठक से अब तालिबान ने उम्मीद जताई है कि नई दिल्ली में हुई बैठक से क्षेत्र में शांति और स्थिरता लाने में मदद मिलेगी। सुहेल शाहीन ने कहा कि तालिबान ऐसी किसी भी पहल का समर्थन करता है जिससे उनके देश में शांति और स्थिरता लाने में सहयोग मिले नागरिकों के लिए रोजगार के अवसर बने और देश से गरीबी हटाने में सहयोग हो। जहां तक अफगानिस्तान की सरकार और जनता का सवाल है, हम शांति और स्थिरता के साथ आर्थिक गतिविधियों को दोबारा शुरू करना चाहते हैं।
शाहीन ने कहा वे अफगानिस्तान की जनता के लिए पुनर्निमाण, शांति और स्थिरता के लिए काम करेंगे तो यही हमारा उद्देश्य है। अफगानिस्तान की लोग शांति और स्थिरता चाहते है। देश में तालिबान सरकार भी आर्थिक परियोजनाओं को पूरा करना चाहती हैं एनएसए स्तर की बैठक में जो कहा गया हम उससे सहमत हैं।
Created On :   11 Nov 2021 3:22 PM IST