कई गांवों के लिए तालिबान का कब्जा राहत और जीवन की सांस
- तालिबान शासन की सकारात्मकता
डिजिटल डेस्क, काबुल। अफगानिस्तान में तालिबान अपने साथ स्थानीय लोगों के लिए एक अलग तरह के नियम और जीवन जीने का तरीका लेकर आया है, जिस पर विश्व स्तर पर सवाल उठाए जा रहे हैं और आलोचना की जा रही है। पिछले तालिबान शासन का कठोर इतिहास, महिलाओं के अधिकार, नागरिकों के मूल अधिकार और आतंकवाद के लिए अफगान धरती का उपयोग, कुछ गंभीर चिंता के बिंदु हैं, जिन्होंने किसी भी देश को तालिबान शासन को आधिकारिक रूप से मान्यता देने से रोक दिया है।
अफगानिस्तान में तालिबान के शासन ने देश के नागरिकों के भविष्य को बदल दिया है। नया नियम उन सैकड़ों ग्रामीणों के लिए राहत की सांस और जीवन की आशा के रूप में आया है, जिन्होंने हवाई हमलों, बंदूकों की लड़ाई और अंत्येष्टि का दंश झेला है। इन ग्रामीणों विशेष रूप से शहरी मध्यम वर्ग के लिए तालिबान का शासन वहां सकारात्मकता लेकर आया है क्योंकि इनके आने से वहां हवाई हमलों और बंदूक की लड़ाई समाप्त हो गई, जो अतीत में अग्रिम लड़ाई बिंदु के रूप में जाना जाता था।
बल्ख प्रांत के उत्तर में स्थित एक सुदूर खेती वाले गांव दास्तान में निवासियों ने उनकी मदद के लिए अंतर्राष्ट्रीय सहायता, श्रमिकों या गणमान्य व्यक्तियों को आते नहीं देखा। हालांकि, गांव ने निश्चित रूप से बंदूक की लड़ाई, हवाई हमले, भ्रष्टाचार और अपने प्रियजनों को जान गंवाते देखा है। उनके लिए तालिबान का कब्जे से फिलहाल यह समस्या दूर होती नजर आ रही है।
दास्तान के एक बुजुर्ग माकी ने कहा मैं तालिबान को सब कुछ दूंगा। अब गोलीबारी की कोई आवाज नहीं है। युद्ध समाप्त हो गया है और हम तालिबान से खुश हैं। गांव के एक अन्य बुजुर्ग हजीफत खान, तालिबान लड़ाकों की कब्रों पर रंगीन झंडे और ट्रिंकेट लगाकर तालिबान की जीत का जश्न मनाते हैं, जो अतीत में दास्तान से लड़ते हुए मारे गए थे।
उन्होंने कहा इस गांव के पुरुष और महिलाएं तालिबान समर्थक हैं। अब मैं संतुष्ट हूं। अब कोई काफिर नहीं हैं । उन्होंने कहा कि दास्तान एक संपन्न समुदाय हुआ करता था। दास्तान गांव के एक युवा निवासी मोहम्मद नासिर ने कहा, मैं शांति चाहता था। मैं अपने खिलाफ युद्ध को देखते हुए बड़ा हुआ हूं। मैंने अंत्येष्टि देखी है। मैंने घातक हवाई हमले सुने और देखे हैं। कम से कम अब, हम जानते हैं कि हमें गरीबी के खिलाफ लड़ना है। कम से कम कोई हमें मारने नहीं आ रहा है। मुझे खुशी है कि तालिबान ने कब्जा कर लिया है।
(आईएएनएस)
Created On :   11 Nov 2021 4:30 PM IST