ईस्टर बम ब्लास्ट: श्रीलंका में 9 मुस्लिम मंत्रियों और 2 गवर्नरों ने दिया इस्तीफा

Sri Lanka: Nine Muslim ministers and two governors resigned Over Alleged Terror Links
ईस्टर बम ब्लास्ट: श्रीलंका में 9 मुस्लिम मंत्रियों और 2 गवर्नरों ने दिया इस्तीफा
ईस्टर बम ब्लास्ट: श्रीलंका में 9 मुस्लिम मंत्रियों और 2 गवर्नरों ने दिया इस्तीफा
हाईलाइट
  • 253 लोगों की मौत
  • 500 से अधिक लोग घायल हुए थे
  • श्रीलंका में ईस्टर पर हुए थे सीरियल ब्लास्ट

डिजिटल डेस्क, कोलंबो। ईस्टर के मौके पर हुए सीरियल ब्लास्ट के बाद से ही श्रीलंका में मुस्लिम समुदाय के लोगों को विरोध का सामना करना पड़ रहा है। अब बौद्ध समुदाय के भिक्षुओं के आमरण अनशन और इलाके के तनावपूर्ण माहौल को देखते हुए सभी मुस्लिम मंत्रियों और दो गर्वनरों ने इस्तीफा दे दिया है। सोमवार को श्रीलंकाई सरकार के बड़े पदों पर आसीन 9 मुस्लिम मंत्रियों और अल्‍पसंख्‍यक समुदाय से आने वाले दो प्रांतीय गवर्नरों ने इस्‍तीफा दिया है। इन में से कुछ पर उस इस्लामिक चरमपंथी समूह से संबंध रखने के आरोप लगे हैं, जिसे ईस्टर पर हुए हमलों का जिम्मेदार माना गया है। मंत्रियों ने जांच में सहयोग के लिए ये कदम उठाया है, ताकि अधिकारी उन पर लगे आरोपों की जांच कर सकें।

पश्चिमी प्रांत के गर्वनर अजथ सल्ली और पूर्वी प्रांत के गवर्नर एमएएलएम हिसबुल्ला ने अपने इस्तीफे राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरिसेना को सौंपे। राष्ट्रपति ने गवर्नरों का इस्तीफा स्वीकार कर लिया है। हालांकि दोनों ही गवर्नर अपने खिलाफ लगे आरोपों को खारिज कर चुके हैं। गर्वनरों के इस्तीफे के बाद आतंकियों को समर्थन करने के आरोपों का विरोध करते हुए केंद्रीय मंत्रिमंडल के मंत्रियों ने एकजुट होकर इस्तीफा दे दिया। 

दरअसल इस्तीफा देने वाले गवर्नरों पर आईएसआईएस से जुड़े स्थानीय इस्लामिक समूह नेशनल तौहीद जमात के साथ संबंध होने के आरोप लगे हैं। इस संगठन को ही ईस्‍टर पर हुए सीरियल ब्लास्ट का जिम्‍मेदार माना गया है। इन मुस्लिम नेताओं ने अल्‍पसंख्‍यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने में सरकार की कथित विफलता को लेकर भी विरोध प्रदर्शन किया था। बता दें कि यहां पर मुस्लिमों की आबादी कुल आबादी 2.1 करोड़ का 9 फीसदी है।

बौद्ध भिक्षु अथुरालिये रतना थिरो गर्वनरों की बर्खास्तगी की मांग को लेकर आमरण अनशन पर बैठे थे। बाद में हजारों की संख्या में प्रदर्शनकारी उनके साथ आ गए। बौद्ध भिक्षु रतना थिरो प्रधानमंत्री रानिल विक्रमासिंघे की पार्टी यूएनपी के सांसद हैं। अनशन के बाद गवर्नरों ने इस्तीफा दिया। 

गौरतलब है कि श्रीलंका की राजधानी कोलंबो में 21 अप्रैल को हुए 8 सीरियल बम धमाकों ने पूरी दुनिया को दहला दिया था। ईस्टर पर हुए धमाकों में 11 भारतीयों समेत कुल 253 लोगों की मौत हो गई थी, जबकि 500 से अधिक घायल हुए थे। इन धमाकों के पीछे नेशनल तौहीद जमात आतंकी संगठन का हाथ सामने आया था। तौहीद जमात एक इस्लामिक चरमपंथी संगठन है।

इन धमाकों के बाद से ही श्रीलंका की सरकार ने देश में रह रहे आतंकियों के साथ कट्टरपंथियों पर भी शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। इसी क्रम में श्रीलंका ने अब तक 200 मौलवियों समेत 600 से ज्यादा विदेशी नागरकिों को देश निकाला दे चुका है। देश निकाला पाने वाले लोगों में भारत, बांग्लादेश, पाकिस्तान और मालदीव के मुस्लिम धर्मगुरु और नागरिक शामिल हैं।

श्रीलंका के गृह मंत्री वाजिरा अभयवर्धने ने बताया था, देश से निकाले गए मौलाना वैध रूप से आए थे, लेकिन अब सुरक्षा जांच में पाया गया कि उनके वीजा खत्म होने के बाद भी वे देश में रुके थे। जिसके बाद श्रीलंका सरकार ने इन मौलानाओं को जुर्माना लगाकर देश से निकाल दिया।

Created On :   4 Jun 2019 8:56 AM IST

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