रूस के खिलाफ प्रतिबंध अमेरिकी डॉलर के वैश्विक प्रभुत्व को कर सकते हैं कमजोर
डिजिटल डेस्क, मॉस्को। अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) की प्रथम उप प्रबंध निदेशक गीता गोपीनाथ के अनुसार, रूस के खिलाफ प्रतिबंध अमेरिकी डॉलर के वैश्विक प्रभुत्व को कमजोर कर सकते हैं।
गोपीनाथ ने फाइनेंशियल टाइम्स के साथ एक साक्षात्कार में कहा, डॉलर उस परिदृश्य में भी प्रमुख वैश्विक मुद्रा बना रहेगा, लेकिन छोटे स्तर पर विखंडन निश्चित रूप से काफी संभव है। उन्होंने कहा कि कुछ देश पहले से ही उस मुद्रा पर फिर से बातचीत कर रहे हैं, जिसमें उन्हें व्यापार के लिए भुगतान किया जाता है।
रूस और भारत वर्तमान में एक रुपया-रूबल तंत्र तैयार कर रहे हैं जो उन्हें डॉलर से बचते हुए राष्ट्रीय मुद्राओं में व्यापार करने की अनुमति देगा।
गोपीनाथ के अनुसार, यूक्रेन में रूस के सैन्य अभियान के बीच पश्चिमी देशों द्वारा शुरू किए गए कट्टरपंथी प्रतिबंधात्मक उपायों से देशों के अलग-अलग समूहों के बीच व्यापार के आधार पर छोटे मुद्रा ब्लॉकों का उदय हो सकता है।
इसके अलावा, वैश्विक व्यापार में डॉलर या यूरो के अलावा अन्य मुद्राओं के उपयोग से केंद्रीय बैंकों के पास आरक्षित परिसंपत्तियों का और अधिक विविधीकरण होगा।
पूर्व रूसी राष्ट्रपति दिमित्री मेदवेदेव ने दावा किया है कि दुनिया में एक नए वित्तीय आदेश पर बातचीत की जाएगी और पश्चिम का अब इसमें मुख्य अधिकार नहीं होगा।
आरटी के मुताबिक, रूसी सुरक्षा परिषद के उप सभापति मेदवेदेव ने कहा, यूक्रेन में संघर्ष को लेकर अमेरिका, यूरोपीय संघ और उनके सहयोगियों द्वारा रूस पर लगाए गए नारकीय प्रतिबंध देश को पंगु बनाने में विफल रहे हैं, लेकिन इसके बजाय बुमेरैंग की तरह पश्चिम में लौट रहे हैं।
आईएएनएस
Created On :   31 March 2022 2:00 PM GMT