खेरसान को गंवाने के बाद रूसी सेना का गिरा मनोबल, यूक्रेनी हमले में मारे गए 40 सैनिक 

Russian armys morale dropped after losing Kherson, 40 soldiers killed in Ukrainian attack
खेरसान को गंवाने के बाद रूसी सेना का गिरा मनोबल, यूक्रेनी हमले में मारे गए 40 सैनिक 
रूस-यूक्रेन युद्ध खेरसान को गंवाने के बाद रूसी सेना का गिरा मनोबल, यूक्रेनी हमले में मारे गए 40 सैनिक 
हाईलाइट
  • काला सागर में अपनी मौजूदगी बढ़ा रहा रूस

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। लगभग नौ महीने से जारी रूस और यूक्रेन के बीच जंग थमने का नाम नहीं ले रही है। इस जंग में जहां यूक्रेन में जान-माल का नुकसान हुआ है वहीं रूस को भी अपने सैनिक और अत्याधुनिक हथियारों को गंवाकर भारी क्षति का सामना करना पड़ा है। इसके साथ ही यूक्रेन पर हमला करने के कारण रूस विश्व के कई बड़े देशों से बैन की मार भी झेलनी पड़ी है। इस बीच हाल ही में रूस द्वारा यूक्रेन के खेरसान में सरेंडर कर वापसी करने का असर उसके सैनिकों के मनोबल पर भी बुरा पड़ा है। कीव मीडिया में आई एक रिपोर्ट के मुताबिक यूक्रेनी सेना ने पिछले 24 घंटों में लगभग रूस के 40 सैनिकों को मार गिराया है। 

कीव के मीडिया संस्थान द कीव इंडीपेंडेंट की रिपोर्ट के मुताबिक, साउथ ऑपरेशनल कमांड ने 12 नवंबर को बताया कि यूक्रेनी सेना ने बीते 24 घंटों में 40 रूसी सैनिकों को मार डाला, साथ ही उसके तीन मिलिट्री वाहनों को भी ढेर कर दिया।

काला सागर में अपनी मौजूदगी बढ़ा रहा रूस 

द कीव इंडीपेंडेंट ने यूक्रेन के साउथ ऑपरेशनल कमांड के हवाले से बताया कि रूस काला सागर में अपनी मौजूदगी बढ़ा रहा है। उसने यहां अपने 18 जहाजों को तैनात किया हुआ है। इसके अलवा उसके बेड़े में एक मिसाइल वाहक और 8 कलिब क्रूज मिसाइल भी शामिल हैं। 

बता दें कि 12 नवंबर को रूसी सेना यूक्रेन के खेरसॉन इलाके से पीछे हट गई थी। उसने यूक्रेन के इस दूसरे बड़े आबादी वाले क्षेत्र में सरेंडर करने का ऐलान किया था। रूस के द्वारा लिए इस कदम को यूक्रेन ने अपनी बड़ी जीत के तौर पर लिया था। यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर पुतिन ने दावा करते हुए कहा था कि रूस सेना खेरसॉन से पीछे हट गई है और यूक्रेनी सेना की विशेष ईकाइयों ने खेरसॉन में प्रवेश कर लिया है। हालांकि खेरसॉन प्रशासन ने इसे रूस द्वारा चलाया गया प्रोपगेंडा भी करार दिया था। उन्होंने कहा था कि खेरसॉन से अचानक रुस का चला जाना उसकी एक चाल भी हो सकती है क्योंकि अभी भी यहां के कुछ भागों में रूसी सैनिकों की मौजूदगी बनी हुई है। 
 

Created On :   13 Nov 2022 12:45 PM IST

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