रूस अब यूक्रेन पर अंतरिक्ष से रखेगा नजर, अंगारा रॉकेट की मदद से छोड़ी रहस्यमयी मिलिट्री सैटेलाइट

Russia will now keep an eye on Ukraine from space, the mysterious military satellite launched with the help of Angara rocket
रूस अब यूक्रेन पर अंतरिक्ष से रखेगा नजर, अंगारा रॉकेट की मदद से छोड़ी रहस्यमयी मिलिट्री सैटेलाइट
रूस-यूक्रेन युद्ध रूस अब यूक्रेन पर अंतरिक्ष से रखेगा नजर, अंगारा रॉकेट की मदद से छोड़ी रहस्यमयी मिलिट्री सैटेलाइट
हाईलाइट
  • रूसी स्पेस एजेंसी रॉसकॉसमॉस ने एक मिलिट्री सैटेलाइट लॉन्च किया

डिजिटल डेस्क, मास्को। यूक्रेन व रूस के बीच भीषण युद्ध फरवरी के अंतिम हफ्ते से जारी है। दुनियाभर के तमाम देशों की कोशिशों के बावजूद भी जंग खत्म होने का नाम नहीं ले रही है। इसी बीच रूस ने एक सप्ताह के अंदर ही तीन सैटेलाइट लॉन्च कर यूक्रेन की टेंशन बढ़ा दी है।

बताया जा रहा है कि रूस एक मिलिट्री सैटेलाइट की भी लॉन्चिंग कर चुका है, जिसके बारे में दुनिया को नहीं पता। लोग इस सैटेलाइट को रहस्मयी सैटेलाइट बता रहे हैं। बताया जा रहा है कि रूस ने इस सैटेलाइट को अंगारा रॉकेट के जरिए लॉन्च किया है। यह सैटेलाइट रूसी सेना को मदद करेगी। माना जा रहा है कि जल, वायु, थल मार्ग के बाद अब रूस अंतरिक्ष से भी यूक्रेन को घेरने की फिराक में है।

जंग के बीच रहस्यमयी मिलिट्री सैटेलाइट

Russia's Mysterious Military Satellite

रूसी स्पेस एजेंसी रॉसकॉसमॉस ने एक मिलिट्री सैटेलाइट लॉन्च किया है। इसका नाम है ईएमकेए-3 स्काईवार्ड लेकिन एजेंसी ने इसका नाम कॉसमॉस 2560 दिया है। खबरों के मुताबिक, रहस्यमयी सैटेलाइट को 15 अक्टूबर को रात में उत्तर-पश्चिम रूस के प्लेसेत्सक कॉस्मोड्रोम से लॉन्च किया गया है। इस लॉन्चिंग को सफल बनाने के लिए अंगारा रॉकेट की मदद ली गई है।

रूसी मिलिट्री को मिलेगी मदद

रूसी स्पेस एजेंसी रॉसकॉसमॉस ने टेलिग्राम पर बताया कि तय समय पर अंगारा रॉकेट को लॉन्च किया गया था। यह निश्चित समय पर ही अपने आर्बिट में पहुंच गया था। इस सैटेलाइट के जरिए रूसी मिलिट्री ग्राउंड फैसिलिटी को नियंत्रित किया जाएगा। इस स्पेसक्राफ्ट को कॉसमॉस-2560 सीरियल नंबर दिया गया है। इस सैटेलाइट से पूरी तरह से संपर्क बन चुका है। अब इसके ऑनबोर्ड सिस्टम सामान्य तौर पर कार्य कर रहे हैं।

सैटेलाइट की ये है विशेषता

मिलिट्री सैटेलाइट को लेकर अंतरिक्ष की तरफ जाता अंगारा रॉकेट. (फोटोः रूसी रक्षा मंत्रालय)

ईएमकेए-3 स्काईवार्ड सैटेलाइट का वजन करीब 150 किलोग्राम है। इसे धरती से करीब 300 किलोमीटर ऊपर की कक्षा में भेजा गया है। हालांकि, अभी तक इस बात का खुलासा नहीं हो रहा है कि यह सैटेलाइट वहां पर किस तरह का काम कर रहा है। इस सैटेलाइट के बारे में अन्य किसी भी जानकारी को रूस ने साझा नहीं की है। माना जा रहा है कि यह मिलिट्री सैटेलाइट है इस वजह से सारी जानकारी गुप्त रखी जा रही है। बताया ये भी जा रहा है कि इस सैटेलाइट में ताकतवर कैमरे लगे हैं, जो लाइव तस्वीरें ले सकते हैं। इस सैटेलाइट लॉन्च से पहले ईएमकेए सीरीज के तीन और सैटेलाइट्स लॉन्च किए गए थे।

पहला वर्ष 2018 में किया गया था, जो तीन साल तक काम करता रहा है, इसका नाम था कॉसमॉस 2525, हालांकि पिछले साल पतझड़ के मौसम में पृथ्वी पर आकर गिर गया था। इसके बाद दो और ईएमकेए सैटेलाइट लॉन्च किए गए थे। सितंबर 2021 व 2022 में इसका नाम कॉसमॉस 2551 और कॉसमॉस 2555 रखा गया था। ये ज्यादा दिनों तक अंतरिक्ष में नहीं टिक पाए करीब एक महीने या उससे कुछ ज्यादा समय तक अंतरिक्ष में रहे। बाद में पृथ्वी में आकर गिर गए।


 

Created On :   17 Oct 2022 6:22 PM IST

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