जी-7 देशों से बदला लेने की तैयारी में रूस, नए साल में उठाने जा रहा है कच्चे तेल के उत्पादन से जुड़ा ये अहम कदम, यूरोपीय देश सहित भारत पर भी पड़ेगा असर!

Russia can rein on the price of crude oil
जी-7 देशों से बदला लेने की तैयारी में रूस, नए साल में उठाने जा रहा है कच्चे तेल के उत्पादन से जुड़ा ये अहम कदम, यूरोपीय देश सहित भारत पर भी पड़ेगा असर!
रूस-यूक्रेन जंग जी-7 देशों से बदला लेने की तैयारी में रूस, नए साल में उठाने जा रहा है कच्चे तेल के उत्पादन से जुड़ा ये अहम कदम, यूरोपीय देश सहित भारत पर भी पड़ेगा असर!
हाईलाइट
  • तेल उत्पादन की क्षमता में लगभग 5 से 7 लाख बैरल प्रति दिन कम कर सकता है रूस

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। कुछ दिनों पहले रूस ने यूक्रेन पर 70 से अधिक मिसाइलें दागी थीं। जिसके बाद जी-7 के सदस्यों ने रूस के खिलाफ मौर्चा खोलते हुए रूसी तेल की कीमत में 60 डॉलर प्रति बैरल कमी कर दी थी। हालांकि अब रूस के उप प्रधानमंत्री के बयानों से ऐसा लगाता है रूस भी जी-7 के खिलाफ कार्रवाई करने की तैयारी में है। रूस के उप प्रधानमंत्री अलेक्जेंडर नोवाक ने तेल का जिक्र किया कि अब रूस अपने तेल उत्पादन की क्षमता में लगभग 5 से 7 लाख बैरल प्रति दिन कम कर सकता है। रूस यदि इतने बड़े स्तर पर तेल उत्पादन करना बंद करता है तो इसका नुकसान सीधे तौर पश्चिमी देशों के साथ दुनिया पर भी पड़ सकता है। 

रोसिया-24 टीवी चैनल को दिए एक इंटरव्यू में उप प्रधानमंत्री ने कहा कि, "हम अगले साल के पहले हफ्ते में अपने तेल के उत्पादन में आंशिक रूप से कटौती करने के लिए तैयार हैं।" कई जानकारों का मानना है कि रूस यदि ऐसा कदम उठाता है तो चीन में तेल की मांग फिर से बढ़ जाएगी। नोवाक ने इंटरव्यू के दौरान आगे कहा कि रूस उन देशों को अपना तेल नहीं बचेगा जो पश्चिमी देशों द्वारा तय किए गए मूल्य पर तेल खरीदना चाहते हैं।

दुनियाभर के कई देशों में तेल की कीमत बढ़ने के आसार

ऐसे में यदि चीन भी अगर यह फैसला करता है तो इसका सीधा असर अंतर्राष्ट्रीय बाजारों में देखने को मिल सकता है। यही नहीं इसका असर सीधे तौर पर कच्चे तेल के सप्लाई पर भी पड़ सकता है। इसके अलावा कई देशों में तेल की कीमतों में भी बढ़ोतरी देखी जा सकती है। मालूम हो कि भारत भी रूस से कच्चा तेल खरीदता है।

उप प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि," इस वर्ष पूरे साल होने वाले तेल उत्पादन की बात करें तो रूस ने संभवत कुल 535 मिलियन टन कच्चा तेल निकालने का काम किया है।" 

पुतिन ने कही ये बातें

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने गुरुवार को मीडिया को बताया कि "अगले सोमवार या मंगलवार को इस कैप के खिलाफ अपनी प्रतिक्रिया के आधार पर एक डिक्री पर हस्ताक्षर करेंगे।"

गौरतलब है कि जी-7 और यूरोपीय संघ के देशों ने इसी साल पांच सिंतबर को रूसी तेल की कीमत 60 डॉलर प्रति बैरल तक सीमित कर दी थी। जिसका असर रूस के समुद्री निर्यात पर भी देखने को मिला था। इस दौरान रूस का समुद्री निर्यात 54 फीसदी से घटकर 1.6 मिलियन बैरल प्रतिदिन रह गया था। 

Created On :   23 Dec 2022 6:19 PM IST

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