अभिनंदन की रिहाई के वक्त पाकिस्तान को था ये डर, कांप रहे थे कुरैशी, माथे पर था पसीना...
- कहा
- कुरैशी के पांच कांप रहे थे
- माथे पर पसीना था
- पाकिस्तान की संसद में पूर्व विदेश मंत्री ने किया खुलासा
- भारत के खौफ के कारण हुई थी अभिनंंदन की रिहाई
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारत के विंग कमांडर अभिनंदन वर्धमान को लेकर पाकिस्तान के पूर्व विदेश मंत्री ख्वाजा मोहम्मद आसिफ ने एक नया खुलासा किया है। जिससे यह साफ होता है कि अभिनंदन की रिहाई के वक्त पाकिस्तान में भारत और मोदी सरकार का खौफ था। दरअसल, पाकिस्तान की संसद में पाकिस्तान के पूर्व विदेश मंत्री ख्वाजा मोहम्मद आसिफ ने कहा है कि भारत के खौफ के कारण पिछले साल विंग कमांडर अभिनंदन वर्धमान की रिहाई हुई थी।
आसिफ ने कहा कि, भारत को खुश करने के लिए अभिनंदन को छोड़ा गया था। इस सांसद ने बताया कि अभिनंदन की रिहाई न होने पर भारत, पाकिस्तान पर हमले के लिए तैयार बैठा था।
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यही नहीं पाकिस्तान असेंबली के पूर्व स्पीकर अयाज सादिक ने भी अभनंदन की रिहाई में भारत और मोदी सरकार का खौफ होना बताया। सादिक ने कहा, विदेश मंत्री एसएम कुरैशी ने पीपीपी, पीएमएल-एन और सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा सहित संसदीय नेताओं के साथ एक बैठक में अभिनंदन को मुक्त करने के लिए कहा था।
सादिक के अनुसार, उस वक्त विपक्ष ने अभिनंदन समेत तमाम मुद्दों पर सरकार का साथ देने का वादा किया था। आसिद ने कहा कि, मुझे बखूबी याद है कि एमएम कुरैशी उस बैठक में थे जिसमें पीएम इमरान खान ने भाग लेने से इनकार कर दिया था। कुरैशी के पैर कांप रहे थे, उन्हें पसीना आ रहा था।
इस बैठक में विदेश मंत्री कुरैशी ने कहा था कि अल्लाह के वास्ते इसको (अभिनंदन) वापस जाने दो, क्योंकि अभिनंदन को रात 9 बजे तक रिहा नहीं किया गया तो भारत पाकिस्तान पर हमला करेगा। अयाज ने कहा कि हिंदुस्तान हमला नहीं करने वाला था। सरकार को सिर्फ घुटने टेककर अभिनंदन को वापस भेजना था, जो उन्होंने किया।
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बता दें कि फरवरी 2019 में पाकिस्तान ने हमले के लिए अपने फाइटर जेट भारत में भेजे थे। जिसका जवाब देने के लिए भारतीय वायु सेना के विंग कमांडर अभिनंदन वर्धमान ने मिग-21 में उड़ान भरी थी। इस दौरान अभिनंदन का विमान क्रैश हो गया और पीओके में जा गिरे। जहां उनको पाकिस्तान की सेना ने पकड़ लिया था।
हालांकि भारत के सख्त रुख ने पाकिस्तान को अभिनंदन वर्तमान को सही सलामत भारत भेजने पर मजबूर कर दिया था। एक मार्च को वह अटारी-वाघा बॉर्डर से भारत वापस आए थे।
Created On :   29 Oct 2020 12:06 PM IST