30 मिनट की टेस्ट ड्राइव लेकर रक्षामंत्री ने फ्रांस से ​रिसीव किया पहला राफेल, कहा- जिंदगी का अद्भुत क्षण

30 मिनट की टेस्ट ड्राइव लेकर रक्षामंत्री ने फ्रांस से ​रिसीव किया पहला राफेल, कहा- जिंदगी का अद्भुत क्षण

डिजिटल डेस्क, पेरिस। वायुसेना दिवस और बुराई पर अच्छाई की जीत के पर्व दशहरे के मौके पर रक्षमंत्री राजना​थ सिंह ने राफेल की पूजा कर शस्त्र पूजा की परंपरा को निभाया। शस्त्र पूजा के लिए फ्रांस पहुंचे राजनाथ सिंह ने पहले राफेल फाइटर जेट को रिसीव करने के बाद उसकी भारतीय परंपरा अनुसार विधि-विधान से पूजा की। इस दौरान उन्होंने राफेल पर ऊं लिखकर तिलक लगाया और कलावा भी बांधा। इसके बाद रक्षामंत्री ने राफेल में करीब 30 मिनट की उड़ान भरकर टेस्ट ड्राइव ली।

टेस्ट ड्राइव लेकर वापस लौटे रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अपने अनुभव को साझा करते हुए पायलट कैप्टन फिल की सराहना की। उन्होंने कहा कि फ्लाइट की हर एक डीटेल कैप्टन फिल ने बताई। राजनाथ ने कहा कि बहुत ही शानदार फ्लाइट थी। उन्होंने कहा कि मेरी जिंदगी का यह अद्भुत क्षण था। मैंने कभी कल्पना भी नहीं की थी मुझे सुपरसॉनिक स्पीड से लड़ाकू विमान में उड़ने का अवसर मिलेगा।

 

रक्षामंत्री पिछली सीट पर बैठे थे। उड़ान भरते वक्त उन्होंने थम्स अप का निशान दिखाया। इसके साथ ही वह देश के पहले रक्षा मंत्री बन गए हैं जिन्होंने राफेल में उड़ान भरी है। इससे पहले राजनाथ ने तेजस में भी उड़ान भरकर इतिहास रचा था। पहली बार किसी रक्षा मंत्री ने तेजस में उड़ान भरी थी।

फ्रांस ने मंगलवार को 87वें ‘वायुसेना दिवस’ और दशहरे के पर्व पर भारत को पहला राफेल जेट सौंप दिया। फांस के रक्षा मंत्री ने भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को ये जेट सौंपा।भारत को मिले पहले राफेल का नाम वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया के नाम पर "आरबी 001" रखा गया है। 

 

रक्षा मंत्री इसे रिसीव करने के लिए सोमवार को भारत से फ्रांस के लिए रवाना हुए थे। राजनाथ सिंह ने राफेल मिलने के बाद इसकी शस्त्र पूजा की। शस्त्र पूजा करते हुए राजनाथ ने राफेल जेट पर ऊं लिखा। विमान के पहियों के नीचे नींबू भी रखा गया। इसके बाद उन्होंने राफेल में पहली उड़ान भरी। इससे पहले रक्षा मंत्री ने फ्रांसीसी राष्ट्रपति एमनुएल मैक्रों से मुलाकात की थी। ये बैठक करीब 35 मिनट तक चली।
 

राजनाथ सिंह ने कहा कि भारत में आज दशहरा का त्योहार है जिसे विजयादशमी के नाम से भी जाना जाता है जहां हम बुराई पर जीत का जश्न मनाते हैं। यह 87वां वायु सेना दिवस भी है, इसलिए यह दिन कई मायनों में प्रतीकात्मक बन जाता है।

उन्होंने कहा कि मुझे खुशी है कि राफेल विमानों की डिलीवरी तय समय पर हो रही है। मुझे विश्वास है कि इससे हमारी वायु सेना में और मजबूती आएगी। मैं चाहता हूं कि दो प्रमुख लोकतंत्रों के बीच सभी क्षेत्रों में सहयोग बढ़े।

 

रक्षा मंत्री ने आगे कहा कि आज भारत-फ्रांस की रणनीतिक साझेदारी में एक नया मील का पत्थर है। मैं राफेल विमान में उड़ान भरने के लिए तत्पर हूं। राफेल एक फ्रेंच शब्द है, जिसका अर्थ आंधी होता है। ये अपने नाम के हिसाब से हमारी वायुसेना को मजबूत करेगा।

डसॉल्ट एविएशन के सीईओ एरिक ट्रैपियर ने कहा कि यह भारतीय वायु सेना और भारत के लिए फ्रांस और डसॉल्ट एविएशन के लिए भी एक बड़ा दिन है। हमने वही किया जो अनुबंध में था और अब यह उड़ान भरने के लिए तैयार है। हमें बहुत गर्व है।
 

 

बता दें कि भारत ने 2016 में 59,000 करोड़ रुपये में फ्रांस सरकार से 36 लड़ाकू विमान खरीदने का सौदा किया था। भारत में राफेल की पहली खेप मई 2020 में आएगी। उससे पहले भारत के पायलटों और वायुसेना के अफसरों को फ्रांस में जरूरी ट्रेनिंग दी जाएगी। सभी 36 लड़ाकू विमानों के सितंबर 2022 तक भारत पहुंचने की उम्मीद हैं।

 

 

 

 

 

 

 

 

विशेष विवरण

राफेल (भारत) एफ-16 (पाकिस्तान)

जे-20 (चीन)

कॉम्बैट रेडियस

1850 किमी 4220 किमी 3400 किमी

मैक्जिमम स्पीड

2222 किमी/घंटा 2415 किमी/घंटा

2100 किमी/घंटा

डायमेंशन

लंबाई- 15.3 मीटर

चौड़ाई- 10.9 मीटर

ऊंचाई- 5.3 मीटर

लंबाई- 15 मीटर

चौड़ाई- 9.45 मीटर

ऊंचाई- 5 मीटर

लंबाई- 23 मीटर

चौड़ाई- 15  मीटर

ऊंचाई- 5 मीटर

मिसाइलें और रेंज

मीटिअर-150 किमी

स्कैल्प-300 किमी

एमराम- 100 किमी

पीएल-15 : 300 किमी

पीएल-21 : 400 किमी

उड़ान

15,240 मीटर 15,235 मीटर

18000 मीटर

रेट ऑफ क्लाइंब

18,288 मीटर/मिनट 15,240 मीटर/मिनट

18,240 मीटर/मिनट

इस्तेमाल

अफगानिस्तान, लीबिया और इराक में 

1986 से 1989 के दौरान अफगान युद्ध में 

अब तक किसी बड़े मिशन में शामिल नहीं

वजन

खाली- 9,980 किलो ग्राम

अधिकतम- 24,494 किलोग्राम

खाली- 9,500 किलोग्राम,

अधिकतम- 24,500 किलोग्राम

खाली -17,600 किलोग्राम,

अधिकतम- 35,000 किलोग्राम

आइए जानते हैं कि राफेल जेट की क्या खूबियां हैं और इससे भारत की हवा में लड़ने की क्षमता कैसे बढ़ेगी

  • राफेल एक ऐसा लड़ाकू विमान है जिसे हर तरह के मिशन पर भेजा जा सकता है। भारतीय वायुसेना की इस पर काफी वक्त से नजर थी।
  • इसमें स्काल्प मिसाइल है जो हवा से जमीन पर वार करने में सक्षम है।
  • राफेल की मारक क्षमता 3700 किलोमीटर तक है, जबकि स्काल्प की रेंज 300 किलोमीटर है।
  • विमान में फ्यूल क्षमता- 17,000 किलोग्राम है।
  • यह एक मिनट में 60 हजार फुट की ऊंचाई तक जा सकता है। इसकी फ्यूल कपैसिटी 17 हजार किलोग्राम है।
  • चूंकि राफेल जेट हर तरह के मौसम में एक साथ कई काम करने में सक्षम है, इसलिए इसे मल्टिरोल फाइटर एयरक्राफ्ट के नाम से भी जाना जाता है।
  • यह ऐंटी शिप अटैक से लेकर परमाणु अटैक, क्लोज एयर सपॉर्ट और लेजर डायरेक्ट लॉन्ग रेंज मिसाइल अटैक में भी अव्वल है।
  • यह 24,494 किलो तक का वजन ले जाने में सक्षम है और 60 घंटे की अतिरिक्त उड़ान भी भर सकता है।
  • इसकी स्पीड 2,222 किलोमीटर प्रति घंटा है।

भारत को मिलने वाले राफेट जेट में होंगे ये 6 बदलाव

  • इन्फ्रा-रेड सर्च
  • ट्रैकिंग सिस्टम
  • ट्रैकिंग सिस्टम
  • इजरायली हेलमेट माउंटेड डिस्प्ले
  • राडार वॉर्निंग रिसीवर्स
  • लो बैंड जैमर्स
  • 10 घंटे का फ्लाइट डेटा रिकॉर्डिंग सिस्टम

 

बता दें कि भारत ने सितंबर 2016 में फ्रांस के साथ 36 राफेल लड़ाकू जेट की खरीद के लिए लगभग 58,000 करोड़ रुपये की एक इंटर गवर्नमेंटल अग्रीमेंट पर साइन किए थे। डील के अनुसार, कॉन्ट्रेक्ट पर हस्ताक्षर किए जाने की तारीख से 67 महीने में जेट की डिलीवरी पूरी होनी है। ये फाइटर जेट कई शक्तिशाली हथियारों और मिसाइलों को ले जाने में सक्षम है। 

Created On :   8 Oct 2019 5:19 PM IST

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