पुतिन ने अमेरिका समेत पश्चिमी देशों को दी परमाणु हमले की धमकी, देश में 3 लाख रिजर्व सैनिकों को युद्ध के लिए किया तैनात
- रूस पर खतरा बढ़ता देख वह परमाणु हथियारों का उपयोग करने से भी गुरेज नहीं करेंगे
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। यूक्रेन से जारी युद्ध के बीच रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने आज देश में सैन्य लामबंदी का आदेश जारी कर दिया है। उन्होंने कहा कि देश में अब 3 लाख रिजर्व सैनिकों को तैनात किया जाएगा। इसके साथ ही पुतिन ने अमेरिका समेत अन्य पश्चिमी देशों पर आरोप लगाया कि वह रूस को बर्बाद करने की साजिश रच रहे हैं। उन्होंने इन देशों को कड़ी चेतावनी भी दी।
— ANI (@ANI) September 21, 2022
दी परमाणु हमले की धमकी
पुतिन ने पश्चिमी देशों खासकर अमेरिका को चेतावनी दी कि अगर वह हमारी क्षेत्रीय अखंडता को नुकसान पहुंचाने की कोशिश करेंगे तो उन्हें इसके गंभीर परिणाम भुगतने होंगे। अपनी संप्रभुता के लिए हम अपने पास उपलब्ध सभी साधनों का उपयोग करेंगे। यह कोई ड्रामा नहीं बल्कि चेतावनी है। पुतिन के मुताबिक रूस पर खतरा बढ़ता देख वह परमाणु हथियारों का उपयोग करने से भी गुरेज नहीं करेंगे।
पुतिन ने यह बातें रूसी समाचार एजेंसी आरटी को दिये इंटरव्यू में कहीं। एजेंसी से बात करते हुए पुतिन ने कहा कि पश्चिम ने अब अपनी सीमा पार कर ली है। उन्होंने कहा, पश्चिमी देश रूस के टुकड़े करने और उसे बर्बाद करने की साजिश रच रहे हैं, इसलिए हम अपने देश का भविष्य सुरक्षित करने के लिए यह कदम उठा रहे हैं। विशेष सैन्य अभियान यूक्रेन जंग का हमारा लक्ष्य कभी नहीं बदलने वाला है।
पुतिन के इस बयान के बाद ये कयास लगाए जा रहे हैं कि रूस पश्चिमी देशों के खिलाफ युद्ध की तैयारियों में लगा हुआ है और जल्द ही कोई बड़ा कदम उठा सकता है। आंशिक सैन्य लामबंदी का निर्णय भी इसी का हिस्सा हो सकता है।
डोनेत्स्क और लुहांस्क बनेंगे रूस का हिस्सा, 23 सितंबर से शुरु होगी वोटिंग
रूसी राष्ट्रपति ने कहा कि यूक्रेन के लुहांस्क पीपुल्स को आजाद करा लिया गया है और डोनेत्स्क पीपुल्स रिपब्लिक डीपीआर को भी आंशिक रुप में आजाद करा लिया गया है। बता दें कि यूक्रेन और रूस के बीच तनाव की सबसे बड़ी वजह डोनबास प्रांत है दोनों ही देश इसे अपना हिस्सा मानते हैं। डोनेत्स्क और लुहांस्क शहर इसी विवादित क्षेत्र का हिस्सा हैं। दरअसल, सोवियत संघ के विघटन के बाद डोनबास यूक्रेन के हिस्से आया। वहीं रूस का कहना है कि डोनबास के अधिकतर नागरिक रूसी भाषा बोलते हैं इसलिए उसे रूस का हिस्सा बनना चाहिए, जिससे उसका यूक्रेन के राष्ट्रवाद से बचाव किया जा सके। दोनों शहरों को रूस का हिस्सा बनाने के लिए 23 सितंबर से वोटिंग भी कराई जाएगी।
Created On :   21 Sept 2022 4:09 PM IST