कोरोना संकट: अमेरिका-जापान के निशाने पर चीन, तरफदारी से खफा ट्रंप ने रोकी WHO की फंडिंग
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। नोवल कोरोना वायरस (Novel Coronavirus) के संकट से जूझ रहे अमेरिका और जापान जैसे बड़े देश अब चीन (China) के खिलाफ हो रहे हैं और दुनियाभर में फैली महामारी के लिए भी चीन पर ही आरोप लगाया जा रहा है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (US President Donald Trump) ने पहले कोरोना वायरस को चीनी वायरस करार दिया था, और अब कोरोना संक्रमण को लेकर चीन की तरफदारी करने और हालात संभालने में असफल बताते हुए WHO की फंडिग रोक दी है। ट्रंप का कहना है, विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने चीन में फैले कोविड-19 की गंभीरता को छिपाया जिसके बाद यह वायरस पूरी दुनिया में फैल गया। यूएन बॉडी ने चीन की तरफदारी कर अपनी ड्यूटी नहीं निभाई। वहीं जापान (Japan) भी कोरोना से आए संकट के लिए चीन को जिम्मेदार ठहराया है।
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US President Donald Trump announces "halting funding" of World Health Organization: AFP news agency (File pic) pic.twitter.com/IUHvkHsNMD
— ANI (@ANI) April 14, 2020
राष्ट्रपति ट्रंप मंगलवार को WHO की फंडिंग रोकने का ऐलान किया। इसकी घोषणा करते हुए उन्होंने WHO पर आरोप लगाते हुए कहा, संगठन ने कोरोना की गंभीरता को तब तक छिपाया जब तक कि इस बीमारी ने पूरी दुनिया में अपने पांव नहीं पसार लिए। कोरोना को लेकर चिंता जताते हुए ट्रंप ने कहा, संगठन ने महामारी को लेकर कोई पारदर्शिता नहीं बरती। अमेरिका ने पिछले साल 400 मिलियन अमेरिकी डॉलर दिए थे। अब विचार किया जाएगा कि उस पैसे का क्या किया जाए।
"कोरोना पर WHO की भूमिका की समीक्षा की जा रही"
डोनाल्ड ट्रंप ने घोषणा कर कहा, उनका प्रशासन अमेरिका की ओर से विश्व स्वास्थ्य संगठन को मिलने वाली फंडिंग को रोक रहा है। व्हाइट हाउस की डेली ब्रिफिंग में ट्रंप ने कहा, मैं अपने प्रशासन को फंडिंग (वित्त पोषण को) रोकने का निर्देश दे रहा हूं। कोरोनावायरस के प्रसार से गलत तरीके से निपटने और इस पूरे मामले को छिपाने करने को लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन की भूमिका की समीक्षा की जा रही है।
"मूल कर्तव्यों का ही पालन नहीं कर सका WHO"
बीबीसी ने उनके हवाले से कहा, डब्ल्यूएचओ अपनी बेसिक ड्यूटी (मूल कर्तव्यों) का ही पालन नहीं कर सका है और इसकी जवाबदेह तय की जानी चाहिए। राष्ट्रपति ट्रंप ने यह भी आरोप लगाया कि डब्ल्यूएचओ ने जान बचाने से अधिक महत्व पोलिटिकल करेक्टनेस को दिया और ऐसे वक्त में चीने के दावे को माना जब महामारी का प्रकोप सबके सामने सिर उठाए खड़ा था। उन्होंने हाल के हफ्तों में डब्ल्यूएचओ पर चीन को लेकर पक्षपाती होने का आरोप लगाया है। राष्ट्रपति ट्रंप ने हाल ही में कोरोनावायरस महामारी से निपटने में चीन केंद्रित होने के लिए संगठन पर हमला करते हुए कहा कि डब्ल्यूएओ ने चीन को लेकर पक्षपात किया है
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जापानी मीडिया ने महामारी फैलाने का आरोप चीन पर लगाया
जापानी मीडिया योमिउरी शिंबुन ने हाल ही में एक टिप्पणी लेख जारी कर चीन पर महामारी फैलाने का आरोप लगाया। इस पर चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता चाओ लीच्येन ने कहा कि योमिउरी शिंबुन के लेख ने तथ्यों की अनदेखी की और दुर्भावनापूर्वक आरोप लगाए।
चीन ने कहा, जापानी मीडिया का लेख अहंकार से भरा
चीन ने कहा कि यह लेख चीन के प्रति अज्ञानता, पूर्वाग्रह और अहंकार से भरा हुआ है। यह अंतरराष्ट्रीय समुदाय में और जापानी लोगों के मन में चीन की गंभीर भ्रामक धारणा है, जो पूरी तरह से पत्रकारिता के पेशेवर मानदंडों, नैतिकता और बुनियादी विवेक का उल्लंघन करता है।
कोविड-19 महामारी को रोकने के लिए चीन ने दिया बड़ा बलिदान
चीनी प्रवक्ता चाओ लीचेयन ने जोर देते हुए कहा कि चीन ने कोविड-19 महामारी को रोकने के लिए बहुत बड़ा बलिदान दिया है। इसने अन्य देशों के लिए महामारी से लड़ने के लिए समय और संचित अनुभव हासिल किया है। यह एक अकाट्य वस्तुनिष्ठ तथ्य के साथ व्यापक अंतरराष्ट्रीय समुदाय की सर्वसम्मति भी है, इससे कोई इनकार नहीं कर सकता।
कोरोना पर सच्चाई छिपा रहा चीन!
जानकारी के मुताबिक, चीन ने कोरोना वायरस के ऑरिजिन से जुड़े अकैडमिक शोधों के प्रकाशन पर प्रतिबंध लगा दिए हैं। दो यूनिवर्सिटी ने भी ऐसा नोटिस जारी किया और फिर उस ऑनलाइन नोटिस को डिलीट भी कर दिया। यह संदेह जताया जा रहा है कि, जिस तरह रिसर्च पेपर के प्रकाशन को लेकर नए और कड़े नियम लगाए गए हैं उससे जाहिर होता है कि चीन पूरी दुनिया से कुछ सच छिपाने की कोशिश कर रहा है।
Created On :   15 April 2020 7:40 AM IST