ब्रिटेन में राजनीतिक संकट गहराया, 2 कैबिनेट मंत्रियों ने इस्तीफा दिया, संकट के बादलों से घिरी बोरिस सरकार
डिजिटल डेस्क, लंदन। ब्रिटेन में एक बार फिर से प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन पर राजनीतिक संकट के बादल मंडराने लगे हैं। बोरिस जॉनसन सरकार में वित्त मंत्री ऋषि सुनक और स्वास्थ्य मंत्री साजिद जाविद ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। जिसके बाद से ब्रिटेन की सियासत में हलचल मच गई है। वित्त मंत्री सुनके ने इस्तीफे के बाद कहा कि वह सरकार का साथ छोड़ने से काफी दुखी हैं, लेकिन वे काफी सोचने के बाद इस निर्णय पर पहुंचे कि अब सरकार के साथ नहीं रहा जा सकता है।
इन नेताओं के अचानक इस्तीफे के बाद बोरिस सरकार पर संकट के बादल छाए हुए है। दिलचस्प बात यह है कि पिछले माह के पहले हफ्ते में ही बोरिस जॉनसन के खिलाफ इन्हीं के पार्टी के सांसदों ने अविश्वास प्रस्ताव लाया था। हालांकि अविश्वास प्रस्ताव की वोटिंग में बोरिस ने जीत दर्ज की और सरकार में बने रहे। अब दूसरी बार फिर से राजनीतिक संकट का सामने कर रहे हैं बोरिस जॉनसन। इस डैमेज कंट्रोल को कैसे मैनेज करते है, ये तो अब वक्त ही बताएगा।
मैं इस्तीफा देता हूं...
ब्रिटेन सरकार में मंत्री रहे ऋषि सुनक ने कहा कि जनता यही उम्मीद करती है कि सरकार ठीक ढंग से और गंभीरता से काम करेगी। उन्होंने आगे कहा कि हो सकता है कि ये मेरा आखिरी मंत्री पद हो लेकिन मेरा मानना है कि इन मुद्दों मुझे लड़ना जरूरी है और इसी वजह से मैं इस्तीफा दे रहा हूं। वहीं स्वास्थ्य मंत्री साजिद जाविद ने कहा कि मैं अपनी अंतरात्मा की आवाज को दबा नहीं सका। इस सरकार के कार्यों से संतुष्ट नहीं हूं, जिसकी वजह से पद से इस्तीफा दे दिया।
राजनीतिक उथल-पुथल की वजह
गौरतलब है कि ये पूरा घटनाक्रम ब्रिटेन के एक सांसद क्रिस पिंचर से संबंधित बताया जा रहा है। क्रिंस पिंचर नशे में लोगों के साथ अभद्र व्यवहार व यौन दुराचार के आरोप लगे थे। इस मामले में ब्रिटेन के पीएम बोरिस जॉनसन की खामोशी पर भी सवाल उठाए गए। क्योंकि आरोप लगने के बाद पिंचर को प्रमोशन मिला था।
इसको लेकर पिछले पांच दिनों में ब्रिटेन सरकार ने अपना बार-बार बयान बदला है। ब्रिटेन के मंत्रियों ने शुरूआत में कहा कि जॉनसन को पिंचर पर लगे आरोप के बारे में नहीं मालूम है। हालांकि, बीते सोमवार को एक प्रवक्ता ने बताया कि जॉनसन को यौन दुराचार के बारे में पता था। लेकिन मामले को या तो आगे बढ़ाया नहीं गया या फिर इसे हल कर दिया गया।
जॉनसन के खिलाफ लाया गया था अविश्वास प्रस्ताव
बीते माह ब्रिटेन के पीएम बोरिस जॉनसन की मुश्किलें उस वक्त बढ़ गई थी। जब उनकी ही पार्टी की ओर से अविश्वास प्रस्ताव लाया गया था। ब्रिटेन कंजर्वेटिव पार्टी के अधिकारी ग्राहम ब्रैडी ने बताया था कि उन्हें सांसदों से कई पत्र मिले थे। जिनमें मांग की गई थी कि बोरिस जॉनसन को हटाकर मतदान कराया जाए और ब्रिटेन का नेतृत्व किसी दूसरे नेता को सौंपा जाए।
उन्होंने कहा कि अगर 359 कंजर्वेटिव सांसदों के बीच वोटिंग में हार जाते हैं तो जॉनसन को प्रधानमंत्री पद से हटना पड़ेगा। हालांकि बोरिस जॉनसन अविश्वास प्रस्ताव में जीत गए थे। कंजरवेटिव पार्टी के 211 सदस्यों ने उनके पद पर बने रहने के पक्ष में मतदान किया। जबकि 148 संसदीय सदस्यों ने उनके खिलाफ वोट किया था। इस प्रकार 63 वोटों से जॉनसन से अविश्वास प्रस्ताव जीत लिया था।
Created On :   6 July 2022 12:42 AM IST