चीन के राष्ट्रपति जिनपिंग से मिले पीएम मोदी

चीन के राष्ट्रपति जिनपिंग से मिले पीएम मोदी
हाईलाइट
  • 9-10 जून को होने वाली इस समिट के इतर वे चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मिले।
  • पीएम मोदी शंघाई को-ऑपरेशन ऑर्गनाइजेशन (SCO) समिट में हिस्सा लेने चीन के किंगदाओ पहुंचे।
  • बैठक का खास उद्देश्य से भारत और चीन के द्विपक्षीय संबंधों को मजबूती देना है।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को चीन के किंगदाओ शहर में राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात की। इस द्विपक्षीय वार्ता में दोनों नेताओं ने करीब एक महीने पहले वुहान में हुई पहली अनौपचारिक बैठक में लिए गए निर्णयों के क्रियान्वयन पर चर्चा की। पिछले चार साल में यह दोनों नेताओं की 14वीं मुलाकात है। मीटिंग से पहले दोनों नेता गर्मजोशी से मिले। अपने संबोधन में पीएम मोदी ने कहा कि भारत और चीन के मजबूत और स्थिर संबंधों से दुनिया को स्थिरता और शांति की प्रेरणा मिल सकती है।

 

 

पीएम नरेंद्र मोदी ने SCO के सेक्रेटरी जनरल राशिद अलीमोव से मुलाकात की।

 

 

शिखर सम्मेलन को लेकर पीएम मोदी ने कहा, देश के पूर्ण सदस्य के तौर पर समिट की पहली बैठक में वो भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करने को लेकर बेहद रोमांचित हैं। गौरतलब है कि पूर्ण सदस्य के रूप में भारत के लिए ये पहला SCO शिखर सम्मेलन है।

 

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने बताया कि इस बैठक का खास उद्देश्य भारत और चीन के द्विपक्षीय संबंधों को मजबूती देना है। इसी बीच भारत के चीन में राजदूत गौतम बंबावाले ने बड़ा बयान दिया। उन्होंने कहा दोनों देश पिछले साल हुए डोकलाम विवाद को पीछे छोड़कर बेहतर द्विपक्षीय संबंधों के लिए आगे बढ़ रहे हैं।  

 

 

राजदूत बंबावाले ने कहा,”इस बात में कोई संदेह नहीं है कि भारत-चीन के रिश्ते अनौपचारिक वुहान समिट के बाद बदलाव के दौर से गुजर रहे हैं। हमने डोकलाम की घटना को पीछे छोड़ दिया है। भारत-चीन बेहतर गठबंधन के लिए आगे बढ़ रहे हैं।” वार्ता में एससीओ समिट में उठाई गई बातों पर दोनों देशों में बातचीत होनी है। 2017 में भारत और चीन के सैनिक डोकलाम की जमीन पर आमने-सामने आ गए थे। ये विवाद बीते 28 अगस्त को उस वक्त समाप्त हुआ था, जब भारत - चीन ने अपने सैनिकों की डोकलाम से तैनाती हटाने का फैसला किया था।

 

यह 18वीं बैठक

शंघाई को-ऑपरेशन ऑर्गनाइजेशन सदस्य देशों की यह 18वीं बैठक है। बैठक से पहले जब इस संबंध में भारत में चीन के राजदूत गौतम बंबावले से बात की गई तो उन्होंने बताया, इस बैठक में कई ऐसे मुद्दे हो सकते हैं, जिन पर दोनों नेता चर्चा कर सकते हैं। खासकर वुहान अनौपचारिक समिट में हुई बातचीत को इसमें आगे बढ़ाने पर चर्चा जरूर होगी। उन्होंने यह भी कहा कि आतंकवाद पर भी निश्चित रूप से इस बैठक में बातचीत की जाएगी।

 

 

 

SCO समिट में पाकिस्तान भी हिस्सा ले रहा है, लेकिन पाकिस्तान के साथ द्विपक्षीय बैठक फिलहाल संभव नहीं है। हालांकि ऐसी समिट के दौरान नेता अनौपचारिक रूप से एक-दूसरे से मिल सकते हैं, मगर ताजा हालातों में पाकिस्तान के साथ बैठक नामुमकिन है।
 


 

Created On :   8 Jun 2018 1:04 PM IST

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