पीएम इमरान खान ने भारतीय गेहूं को भूखे अफगानों तक पहुंचने से रोका
- अफगान में गेंहू नहीं पहुंचने देता पाक
- यूएन की चेतावनी अफगान में भुखमरी
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। इमरान खान सरकार अफगानिस्तान में भारतीय गेहूं के शिपमेंट को पाकिस्तान के क्षेत्र से गुजरने की अनुमति देने से इनकार कर रही है, वो भी ऐसे समय में जब संयुक्त राष्ट्र ने चेतावनी दी है कि अफगानिस्तान की लगभग आधी आबादी भूख से मर रही है। इमरान खान सरकार भारतीय गेहूं और दवाओं को अफगानिस्तान के लोगों तक पहुंचने की अनुमति देने के प्रस्ताव पर टाल-मटोल कर रही है, जबकि खान खुद दुनिया से अफगानिस्तान की मदद करने के लिए कहते रहे हैं।
एक अफगान समाचार एजेंसी खामा प्रेस के अनुसार पिछले हफ्ते इस्लामाबाद की यात्रा के दौरान, तालिबान शासन के विदेश मंत्री ने इमरान खान से 50,000 टन भारतीय गेहूं और जीवन रक्षक दवाओं के शिपमेंट को अपने क्षेत्र से गुजरने की अनुमति देने के लिए कहा था। खान से वादा मिलने के बाद तालिबान अधिकारियों ने ट्रकों की व्यवस्था की, जो भारत-पाकिस्तान सीमा पर वाघा से काबुल तक गेहूं ले जाएंगे, लेकिन प्रस्ताव आगे नहीं बढ़ सका।
भारतीय अधिकारियों के अनुसार वाघा सीमा के माध्यम से गेहूं और दवाएं भेजने का प्रस्ताव 7 अक्टूबर को पाकिस्तानी सरकार को भेजा गया था और एक महीने से अधिक समय बाद पाकिस्तान ने प्रस्ताव प्राप्त करना स्वीकार किया। पहले पाकिस्तान ने कहा कि वह भारतीय ट्रकों को पाकिस्तान के रास्ते काबुल नहीं जाने देगा। फिर कुछ दिनों के बाद इमरान खान ने कहा कि भारत को पाकिस्तानी ट्रक किराए पर लेना चाहिए जो संयुक्त राष्ट्र की निगरानी में वाघा से काबुल तक गेहूं ले जाएंगे लेकिन इस सुझाव को भारत ने खारिज कर दिया।
अंतत: 3 दिसंबर को इमरान खान सरकार ने कहा कि वह केवल अफगान ट्रकों में सीमा पार से भारतीय राहत सामग्री भेजने की अनुमति देगा, लेकिन इस शर्त के साथ कि 50,000 टन गेहूं और अन्य राहत सामग्री के शिपमेंट की पूरी प्रक्रिया पूरी की जाए। हालांकि इतने कम समय में माल की इतनी बड़ी खेप ले जाने का कार्य पूरा करना असंभव है। भारत सरकार ने इस समस्या से पाकिस्तान को अवगत कराया, लेकिन अभी तक इस्लामाबाद की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।
भारत अब तक 11 दिसंबर को काबुल के लिए विशेष चार्टर उड़ान से अफगानिस्तान को 1.6 टन जीवन रक्षक दवाएं भेज चुका है। उड़ान 104 लोगों को लेकर आई, जिनमें से ज्यादातर अफगान सिख और हिंदू थे, काबुल से नई दिल्ली और 85 अफगान नागरिकों के साथ लौटे, जो अगस्त के मध्य में अफगानिस्तान के तालिबान अधिग्रहण के बाद भारत में फंसे हुए थे।
आईएएनएस
Created On :   30 Dec 2021 6:31 PM IST