क्या चीनी युद्धपोत "तुग़रिल" है भारत के लिए खतरे की घंटी? पाकिस्तानी नौसेना में हुआ शामिल
- पाक की नौसेना ने चीन में निर्मित 054एपी युद्धपोत ख़रीदा है
डिजिटल डेस्क,नई दिल्ली। चीन और पाकिस्तान की दोस्ती किसी से नहीं छिपी है। अपने खास मित्र पाकिस्तान को हमेशा की तरह इस बार भी सहयोग करते हुए चीन ने युद्धपोत "तुग़रिल" दिया है, जिसे पाक नौसेना में शामिल किया गया है। भारत में इस युद्धपोत को लेकर काफी चर्चा है। क्या ये चीन-पाक सहयोग के अलावा भारत के लिए चुनौती का संकेत हो सकता है या नहीं ? ये बड़ा सवाल है।
बता दें कि, कुछ दिनों पहले पाक की नौसेना ने चीन में निर्मित 054एपी युद्धपोत ख़रीदा है, जो सतह से सतह, सतह से हवा और पानी के नीचे जंगी कार्रवाई करने में सक्षम है। ऐसा अधिकारियों का कहना है। बीबीसी हिंदी में छपी रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान नौसेना के मीडिया विंग के महानिदेशक, कैप्टन राशिद ने कहा कि, इस युद्धपोत के आने से पाकिस्तानी सेना की ताकत बढ़ गई है और इसमें लगे हथियारों के सेंसर "प्रदर्शन की उत्कृष्ट मिसाल" हैं जो समुद्र में कई तरह के ऑपरेशन करने में सक्षम है।
क्या भारत को है खतरा?
तुगरिल को जैसे ही पाक नौसेना में शामिल करने की खबरें आई वैसे ही भारत में इसे लेकर चर्चा तेज हो गई। टाइम्स ऑफ़ इंडिया की मानें तो, जैसे-जैसे पाक नौसेना का आधुनिकीकरण होगा वैसे-वैसे हिंद और अरब सागर में चीनी सैनिकों की मौजूदगी में भी इजाफा होगा। बता दें कि, पाक सिर्फ युद्धपोत ही नहीं बल्कि, चीन से आठ पनडुब्बियां भी लेने जा रहा है, जो पाकिस्तानी नौसेना के आधुनिकीकरण का हिस्सा है। चीनी सैनिकों का हिंद महासागर पर होना भारत के लिए चिंता का विषय है।
ब्रोकिंग्स इंस्टीट्यूट ने जून, 2020 में अपनी एक रिपोर्ट जारी की थी, जिसके अनुसार, पिछले लगभग तीन दशकों में, चीन ने हिंद महासागर क्षेत्र में अपने सैनिकों की मौजूदगी में काफी इजाफा किया है। चीन की तथाकथित "क़र्ज़ में फंसाने" की कूटनीति और नौसेनिकों को बढ़ाने की रणनीति से अमेरिका और भारतीय युद्ध योजनाकारों में चिंता बढ़ गई है। चीन समुद्री सीमाओं से आगे बढ़ कर अपनी एक अलग ताकत को बढ़ाने की कोशिश कर रहा है।
Created On :   23 Nov 2021 7:16 AM GMT