कर्ज ने तोड़ दी पाकिस्तान की कमर, अब दूसरे देशों में स्थित अपने दूतावास बेचकर काम चलाएगी पाक सरकार
- शहबाज शरीफ सरकार ने वाशिंगटन में अपने दूतावास को बेचने की मंजूरी दी
डिजिटल डेस्क, इस्लामाबाद। पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान की हालत दिन-प्रतिदिन और भी ज्यादा खराब होती जा रही है। एक तरह यह देश आर्थिक संकट से जुझ रहा है तो वही दूसरी ओर यह मुल्क कर्ज तले डूबता जा रहा है। पाकिस्तान की हालत ऐसी हो गई है कि अब उसे अपने विदेशी दूतावासों की इमारतों को बेचने की जरूरत पड़ रही है। इस बात की पुष्टि पाकिस्तानी अखबार डॉन ने की है। अखबार के मुताबिक शहबाज शरीफ सरकार ने वाशिंगटन में अपने दूतावास को बेचने की मंजूरी दे दी है।
बता दें कि यह पहला मौका नहीं जब कोई पाकिस्तानी सरकार को अपने दूतावास को बेचने रही है, बल्कि इससे पहले शहबाज के बड़े भाई नवाज शरीफ भी अपने कार्यकाल के दौरान ऐसा कारनामा कर चुके हैं। पाक के अधिकारियों के मुताबिक पाकिस्तान नीलामी के लिए तब मानेगा, जब उसे मनमाफिक कीमत मिलेगी। पॉश इलाके में स्थित इस इमारत की कीमत 60 लाख अमेरिकी डॉलर रखी गई है।
पिछले कुछ वक्त से यह खबर पाकिस्तानी मीडिया में चर्चा का विषय बना हुआ है कि शहबाज सरकार कर्ज तले डूबी हुई है, इसलिए वो दिवालिया होने से बचने के लिए ऐसा कर रही है। मुल्क भले ही कर्ज में डुबता जा रहा हो, लेकिन पाकिस्तानी सरकार के नुमाइंदों के लिए शानो-शौकत में कोई कमी नहीं है। इस समय पाकिस्तान में महंगाई चरम पर है।
दूतावास के अधिकारियों ने बताया कि यह इमारत बहुत पुरानी हो चुकी है और यह पिछले 15 सालों से खाली है। पाकिस्तान के संघीय सूचना और प्रसारण मरियम औरंगजेब ने दूतावास का जिक्र करते हुए कहा कैबिनेट ने वाशिंगटन में पाकिस्तानी दूतावास को बेचने के लिए मंजूरी दे दी है। उन्होंने आगे कहा कि इसकी पहली बोली 4.5 मिलियन डॉलर थी लेकिन जब इमारत की दूसरी बोली लगी तब इसकी कीमत 6.9 मिलियन डॉलर रही।
इससे पहले भी बिक चुके है दूतावास- नौशीन सईद
पाकिस्तानी नेशनल असेंबली की सदस्य नौशीन सईद ने शहबाज सरीफ सरकार की तरह से सफाई पेश करते हुए कहा कि ऐसा पहली बार नहीं हुआ जब किसी सरकार ने विदेश में अपना दूतावास को बेचा हो। बल्कि इससे पहले भी नवाज शरीफ की सरकार ने यूरोप और सऊदी अरब में पाकिस्तानी दुतावास को बेच चुकी है।
कर्ज तले डूबा पाकिस्तान
पाकिस्तान पर कर्ज की बात करें तो इस समय मुल्क 60 ट्रिलियन पाकिस्तानी रुपये के रिकॉर्ड तोड़ स्तर को पार कर चुका है। इससे पहले पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने देश में आर्थिक संकट छाने का ठिकरा पहले सरकार पर फोड़ा था और कर्ज पर अंकुश लगाने की बात कही थी। लेकिन 43 माह में पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) की सरकार अपने सबसे उच्च कर्ज के साथ समाप्त हो गई। फिलहाल अब पाकिस्तानी सरकार की नजर उन सम्पतियों पर जो निष्क्रिय हो गई है।
Created On :   16 Dec 2022 2:27 PM IST