ओमिक्रॉन वैरिएंट ने यह दिखाया है कि अभी कोविड खत्म नहीं हुआ है

Omicron variant shows that covid is not over yet
ओमिक्रॉन वैरिएंट ने यह दिखाया है कि अभी कोविड खत्म नहीं हुआ है
डब्ल्यूएचओ ओमिक्रॉन वैरिएंट ने यह दिखाया है कि अभी कोविड खत्म नहीं हुआ है
हाईलाइट
  • 50 लाख से अधिक लोगों की मौत का कारण बनीं कोरोना
  • ओमिक्रॉन वैरिएंट का उद्भव खतरनाक और अनिश्चित है

डिजिटल डेस्क, जेनेवा। दुनिया कोविड-19 महामारी के तीसरे वर्ष में प्रवेश कर रही है, मगर 50 लाख से अधिक लोगों की मौत का कारण बनी यह संक्रामक बीमारी अभी भी खत्म नहीं हुई है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने सोमवार को यह टिप्पणी की। विश्व स्वास्थ्य सभा के विशेष सत्र में, डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक ट्रेडोस अदनोम घेब्रेयसस ने कहा कि दुनिया एक सदी में सबसे तीव्र स्वास्थ्य संकट की चपेट में है, भले ही इसे रोका जा सकता है, इसका पता लगाया जा सकता है और इसका इलाज किया जा सकता है।

उन्होंने कहा, अत्यधिक उत्परिवर्तित यानी म्यूटेंट ओमिक्रॉन वैरिएंट का उद्भव इस बात को रेखांकित करता है कि हमारी स्थिति कितनी खतरनाक और अनिश्चित है। स्वास्थ्य निकाय के प्रमुख ने कहा, हमें एक और वेक-अप कॉल की आवश्यकता नहीं है; हम सभी को इस वायरस के खतरे के प्रति जागरूक होना चाहिए। उन्होंने आगे महामारी पर एक वैश्विक संधि की आवश्यकता पर जोर दिया ताकि देशों को भविष्य की महामारियों को रोकने और लड़ने में मदद मिल सके। घेब्रेयसस ने कहा, वास्तव में, ओमिक्रॉन ने दिखाया है कि दुनिया को महामारी पर एक नए समझौते की आवश्यकता क्यों है। उन्होंने कहा कि कोविड ने महामारी की तैयारी और प्रतिक्रिया के लिए वैश्विक तौर पर मूलभूत कमजोरियों को उजागर किया और बढ़ा दिया।

इनमें जटिल और खंडित शासन, अपर्याप्त वित्तपोषण और अपर्याप्त प्रणाली के साथ ही उपकरण शामिल हैं। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि भविष्य की महामारियों को संबोधित करने का सबसे अच्छा तरीका राष्ट्रों के बीच कानूनी रूप से बाध्यकारी समझौता होगा; इस मान्यता से बना एक समझौता कि हमारा कोई भविष्य नहीं बल्कि एक सामान्य या कॉमन भविष्य है। घेब्रेयसस के अनुसार, यह राष्ट्रों को एक साथ आने और साझा खतरों के खिलाफ सतत प्रगति करने के लिए साझा आधार खोजने में सक्षम बनाएगा। उन्होंने कहा, महामारी तब तक समाप्त नहीं हो सकती जब तक कि वैक्सीन संकट का समाधान नहीं हो जाता। दुनिया के 80 प्रतिशत से अधिक टीके जी-20 देशों में गए हैं और कम आय वाले देशों, जिनमें से अधिकांश अफ्रीका में हैं, को सभी टीकों का सिर्फ 0.6 प्रतिशत टीके प्राप्त हुए हैं। डब्ल्यूएचओ प्रमुख ने अपने सदस्य देशों से इस साल के अंत तक हर देश की 40 प्रतिशत आबादी और अगले साल के मध्य तक 70 प्रतिशत आबादी का टीकाकरण करने के लक्ष्य का समर्थन करने का भी आह्वान किया। घेब्रेयसस ने कहा, टीके की असमानता जितनी अधिक समय तक बनी रहती है, इस वायरस के फैलने और विकसित होने का उतना ही अधिक अवसर होगा, इस लेकर न ही हम भविष्यवाणी कर सकते हैं और न ही रोक सकते हैं।

(आईएएनएस)

Created On :   29 Nov 2021 5:00 PM GMT

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story