नीरव मोदी की 22 अगस्त तक बढ़ी रिमांड, वीडियोलिंक के जरिए हुआ कोर्ट में पेश
- नीरव पर पीएनबी में 13000 करोड़ रुपए से ज्यादा की धोखाधड़ी का आरोप है
- ब्रिटेन की एक अदालत ने नीरव मोदी की रिमांड 22 अगस्त तक बढ़ा दी
- मार्च में गिरफ्तारी के बाद से वह दक्षिण-पश्चिम लंदन के वैंड्सवर्थ जेल में है
डिजिटल डेस्क, लंदन। ब्रिटेन की एक अदालत ने गुरुवार को भगोड़े हीरा कारोबारी नीरव मोदी की रिमांड 22 अगस्त तक बढ़ा दी। 48 वर्षीय नीरव पर पंजाब नेशनल बैंक में 13000 करोड़ रुपए से ज्यादा की धोखाधड़ी करने का आरोप है। मार्च में गिरफ्तारी के बाद से वह दक्षिण-पश्चिम लंदन के वैंड्सवर्थ जेल में सलाखों के पीछे है।
गुरुवार को लंदन में वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट कोर्ट के सामने नियमित रिमांड की सुनवाई के लिए नीरव मोदी जेल से ग्रे रंग की टी-शर्ट में वीडियोलिंक के माध्यम से पेश हुआ। इस दौरान चीफ मजिस्ट्रेट एम्मा आर्बथनॉट ने संकेत दिया कि सभी पक्षों के बीच आपसी सहमति से तारीखें तय होने के बाद मई 2020 में पांच दिवसीय प्रत्यर्पण ट्रायल होगा। उन्होंने उम्मीद जताई कि ट्रायल से पहले 8 अप्रैल 2020 तक मामले में सभी साक्ष्य और आर्गुमेंट बंडल उन्हें मिल जाएंगे।
यूके की वर्तमान हीट वेव को देखते हुए मजिस्ट्रेट ने नीरव से मजाकिया अंदाज में कहा, उम्मीद है कि वैंड्सवर्थ जेल में आपको ज्यादा गर्मी नहीं लग रही होगी। इस पर नीरव मोदी ने हंसते हुए कहा, "ठीक हूं, धन्यवाद मैम।" नीरव मोदी का बैरिस्टर जेसिका जोन्स ने अदालत में प्रतिनिधित्व किया। ब्रिटेन के कानून के तहत, नीरव मोदी को हर चार हफ्ते में अदालत में पेश जाना है, अब 22 अगस्त को नीरव को पेश किया जाएगा।
इससे पहले 27 जून को वीडियोलिंक के माध्यम से नीरव को वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट कोर्ट के सामने पेश किया गया था। जिसके बाद उसकी रिमांड 25 जुलाई तक बढ़ा दी गई थी। अदालत में नीरव की लीगल टीम ने मजिस्ट्रेट से उसे (नीरव को) लैपटॉप दिए जाने का अनुरोध किया था। इसके पीछे उनका तर्क है कि नीरव मोदी जेल में उनके खिलाफ भारत सरकार की ओर से दायर 5000 पन्नों के मामले को पढ़ना चाहते है।
नीरव मोदी को स्कॉटलैंड यार्ड के अधिकारियों ने 19 मार्च को प्रत्यर्पण वारंट पर गिरफ्तार किया था और तब से जेल में है। ब्रिटेन की हाईकोर्ट ने 12 जून को नीरव मोदी की जमानत अर्जी खारिज कर दी थी, जमानत पाने का उसका ये चौथा प्रयास था। नीरव मोदी यूके में 13,700 करोड़ रुपए से ज्यादा के पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) धोखाधड़ी और मनी लॉन्ड्रिंग मामले में प्रत्यर्पण कार्यवाही का सामना कर रहा है।
नीरव मोदी की जमानत की अर्जी को खारिज करते हुए, हाईकोर्ट के जस्टिस इंग्रिड सिमलर ने कहा था कि यह मानने के लिए "पर्याप्त आधार" हैं कि 48 वर्षीय व्यक्ति सरेंडर करने में विफल होगा। इसके बाद जस्टिस सिमलर ने फैसला सुनाते हुए कहा था कि कोर्ट को इस बात के पुख्ता सबूत मिले हैं कि गवाहों के साथ छेड़छाड़ और मामले में सबूतों को नष्ट करने की कोशिश की गई थी। उन्होंने कहा कि यह अभी भी हो सकता है।
Created On :   25 July 2019 5:18 PM IST