2030 तक बच्चों में एड्स को समाप्त करने के लिए बनाया गया नया वैश्विक गठबंधन
- विश्व स्तर पर एचआईवी से पीड़ित केवल 52 प्रतिशत बच्चे ही जीवन रक्षक उपचार पर हैं
डिजिटल डेस्क, मॉन्ट्रियल। यहां 24वें अंतर्राष्ट्रीय एड्स सम्मेलन में 2030 तक बच्चों में एड्स को समाप्त करने के लिए एक नए वैश्विक गठबंधन की घोषणा की गई है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि एचआईवी से पीड़ित कोई भी बच्चा दशक के अंत तक इलाज से वंचित न रहे और शिशुओं में एचआईवी संक्रमण को रोका जा सके।
समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, यह गठबंधन एचआईवी/एड्स (यूएनएड्स), यूनिसेफ, विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ), नागरिक समाज समूहों, सरकारों और अंतरराष्ट्रीय भागीदारों के साथ संयुक्त संयुक्त राष्ट्र कार्यक्रम के तहत बना है। पहले चरण में 12 देश गठबंधन में शामिल हुए हैं।
डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक ट्रेडोस एडनॉम घेब्रेयसस ने कहा, कोई भी बच्चा एचआईवी के साथ पैदा या बड़ा नहीं होना चाहिए और एचआईवी वाले किसी भी बच्चे को इलाज से वंचित नहीं रहना चाहिए। उन्होंने कहा, बच्चों में एड्स को समाप्त करने के लिए वैश्विक गठबंधन बच्चों और उनके परिवारों को एकजुट होने, बोलने और उद्देश्य के साथ कार्य करने और सभी माताओं, बच्चों और किशोरों के साथ एकजुटता के लिए हमारी प्रतिबद्धता को नवीनीकृत करने का एक अवसर है।
यूएनएड्स की एक रिपोर्ट से पता चला है कि विश्व स्तर पर एचआईवी से पीड़ित केवल 52 प्रतिशत बच्चे ही जीवन रक्षक उपचार पर हैं। यह वर्ग 76 प्रतिशत एंटीरेट्रोवाइरल प्राप्त करने वाले वयस्कों से बहुत पीछे है। यूएनएड्स की कार्यकारी निदेशक विनी ब्यान्यामा ने कहा, बच्चों और वयस्कों के बीच उपचार कवरेज में व्यापक अंतर एक उल्लंघन की तरह है।
उन्होंने कहा, इस गठबंधन के माध्यम से, हम उस उल्लंघन पर कार्रवाई करेंगे। नई बेहतर दवाओं, नई राजनीतिक प्रतिबद्धता और समुदायों की ²ढ़ सक्रियता को एक साथ लाकर, हम बच्चों में एड्स को समाप्त करने वाली पीढ़ी बन सकते हैं। हम इसे जीत सकते हैं - लेकिन हम एक साथ ही जीत सकते हैं।
कनाडा के मॉन्ट्रियल शहर में हो रहे पांच दिवसीय सम्मेलन का समापन मंगलवार को होगा। यूनिसेफ के अनुसार, वर्तमान में लगभग 28 लाख बच्चे और किशोर एचआईवी के साथ जी रहे हैं और उनमें से लगभग 88 प्रतिशत उप-सहारा अफ्रीका में हैं। एचआईवी से पीड़ित 85 प्रतिशत गर्भवती महिलाओं की तुलना में केवल 54 प्रतिशत संक्रमित बच्चे और किशोर एचआईवी उपचार के अधीन हैं।
2020 में, कम से कम 300,000 बच्चे एचआईवी से संक्रमित हुए थे। यानी हर दो मिनट में एक बच्चा इस खतरनाक संक्रमण का शिकार बना। उसी वर्ष, 120,000 बच्चों और किशोरों की एड्स से संबंधित कारणों से मृत्यु हो गई। यानी हर पांच मिनट में एक बच्चे ने इस बीमारी से अपनी जान गंवा दी।
(आईएएनएस)
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Created On :   2 Aug 2022 8:00 PM IST