जाकिर के प्रत्यर्पण से मलेशिया का इनकार, पीएम ने कहा- हमारे पास अधिकार
- जाकिर नाईक का भी मानना है कि उसे भारत में निष्पक्ष ट्रायल नहीं मिलेगा
- मलेशिया की सरकार ने जाकिर नाइक को प्रत्यर्पित करने से इनकार कर दिया है
- मलेशिया के पीएम ने कहा कि जाकिर को प्रत्यर्पित न करने का हमारे पास अधिकार है
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। मलेशिया की सरकार ने इस्लामिक प्रचारक जाकिर नाइक को प्रत्यर्पित करने से एक बार फिर इनकार कर दिया है। एक प्रमुख अंग्रेजी दैनिक द स्टार को दिए इंटरव्यू में प्रधानमंत्री महातिर मोहम्मद ने कहा कि उनकी सरकार के पास अधिकार है यदि जाकिर नाइक को भारत में उचित ट्रायल नहीं मिलता तो वह उसे प्रत्यर्पित न करें। खुद जाकिर नाईक का भी मानना है कि उसे भारत में निष्पक्ष ट्रायल नहीं मिलेगा।
प्रधानमंत्री ने एक ऐसी स्थिति का भी उल्लेख किया जिसमें ऑस्ट्रेलिया ने पूर्व पुलिस कमांडो, सरुल अजहर उमर को प्रत्यर्पित करने से इनकार कर दिया था, जिन्हें मलेशिया में एक मंगोलियाई नागरिक अल्तांतुआ की हत्या के लिए मृत्युदंड दिया गया था। उन्होंने द स्टार को बताया कि "हमने ऑस्ट्रेलिया से अनुरोध किया कि वह सिरुल का प्रत्यर्पण करे लेकिन उन्हें डर है कि हम उसे फांसी दे देंगे।
यह पहली बार नहीं है कि मलेशिया ने विवादास्पद इस्लामिक उपदेशक जाकिर नाइक के प्रत्यर्पण से इनकार कर दिया है, जो भारत में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की जांच का सामना कर रहा है। जाकिर पर भारत में नफरत फैलाने वाले अपने भाषणों से युवाओं को आतंकवादी गतिविधयों के लिए उकसाने और मनी लॉन्ड्रिंग जैसे मामलों का आरोप है। 2016 में बांग्लादेश के ढाका में हुए आतंकी हमले के लिए भी जाकिर नाइक को जिम्मेदार माना जाता है। इस हमले में 22 लोगों की जान चली गई थी। हमलावर जाकिर के भाषणों से प्रेरित थे।
इस्लामिक नेता ने 2016 में कथित तौर पर भारत छोड़ दिया था और बाद में वह मलेशिया चला गया था, जहां उसे स्थायी निवास प्रदान किया गया। नाइक के एनजीओ - इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन (IRF) - को भी 2016 में गैरकानूनी घोषित किया गया था। 18 करोड़ रुपये से अधिक के मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों की जांच ED कर रही है। पिछले साल औपचारिक और राजनयिक चैनलों के माध्यम से अनुरोध करने के बावजूद, मलेशियाई अधिकारियों ने जाकिर को वापस भेजने से इनकार कर दिया था।
Created On :   11 Jun 2019 12:50 AM IST