इस्लामाबाद हाईकोर्ट ने दिया आदेश, कहा पूर्व नौसेना प्रमुख के खिलाफ आपराधिक कार्यवाही शुरू की जाए

Islamabad High Court ordered that criminal proceedings should be initiated against the former Navy Chief
इस्लामाबाद हाईकोर्ट ने दिया आदेश, कहा पूर्व नौसेना प्रमुख के खिलाफ आपराधिक कार्यवाही शुरू की जाए
पाकिस्तान इस्लामाबाद हाईकोर्ट ने दिया आदेश, कहा पूर्व नौसेना प्रमुख के खिलाफ आपराधिक कार्यवाही शुरू की जाए
हाईलाइट
  • पूर्व नौसेना प्रमुख ने शपथ का किया उल्लंघन

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। इस्लामाबाद हाईकोर्ट (आईएचसी) ने अतिरिक्त महान्यायवादी (एएजी) को नौसेना सेलिंग क्लब के विध्वंस और पूर्व नौसेना प्रमुख एडमिरल (सेवानिवृत्त) जफर महमूद अब्बासी के खिलाफ आपराधिक कार्यवाही शुरू करने के निर्देश दिए गए हैं। हाईकोर्ट ने प्रधानमंत्री इमरान खान और संघीय कैबिनेट के समक्ष यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है कि पूर्व नौसेना प्रमुख के खिलाफ आपराधिक कार्यवाही हो। द एक्सप्रेस ट्रिब्यून ने अपनी एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी।

रिपोर्ट में कहा गया है कि उच्च न्यायालय की दो सदस्यीय खंडपीठ में जस्टिस आमिर फारूक और गुल हसन औरंगजेब शामिल हैं, जिन्होंने पूर्व नौसेना प्रमुख को बुधवार को कैबिनेट सचिव के सामने पेश होने का निर्देश दिया। अगर कैबिनेट तब तक कोई निर्णय नहीं लेती है तो उन्हें बुधवार तक पेश किया जाएगा। रिपोर्ट में कहा गया है कि एडवोकेट अश्तर ओसाफ द्वारा दायर एक इंटर-कोर्ट अपील पर सुनवाई के दौरान निर्देश जारी किए गए, जिसमें सेलिंग क्लब को ध्वस्त करने और पूर्व नौसेना प्रमुख के खिलाफ आपराधिक कार्यवाही शुरू करने के अदालत के आदेश को चुनौती दी गई थी।

अपील में कहा गया है कि पूर्व नौसैनिक प्रमुख 45 साल तक पाकिस्तानी नौसेना में अधिकारी रहे और 2017 से 2020 तक इसकी कमान संभाली। इसमें कहा गया है कि जिस अपील पर फैसला सुनाया गया वह स्वीकार्य नहीं है। रिपोर्ट के अनुसार यह भी कहा गया है कि मूल याचिका में आपराधिक कार्यवाही का आह्वान नहीं किया गया था, इसलिए 7 जनवरी के एकल पीठ के फैसले को रद्द किया जाना चाहिए।

अपीलकर्ता ने कहा कि अदालत ने अपने फैसले में लिखा है कि पूर्व नौसेना प्रमुख ने एक अवैध इमारत का उद्घाटन करके अपनी शपथ का उल्लंघन किया। इस्लामाबाद हाईकोर्ट ने इससे पहले जनवरी की शुरूआत में इस्लामाबाद में रावल झील के किनारे पाकिस्तान नेवी सेलिंग क्लब को ध्वस्त करने का आदेश दिया था। अदालत ने फैसला सुनाया कि नौसेना के पास अचल संपत्ति पर निर्माण करने का अधिकार नहीं है। आईएचसी ने अगले तीन हफ्तों के भीतर क्लब को गिराने का आदेश दिया और अवैध नौकायन क्लब के निर्माण के लिए पूर्व नौसेना प्रमुख के खिलाफ आपराधिक और कदाचार कार्यवाही को मंजूरी दे दी। रिपोर्ट में कहा गया है कि अदालत ने नौसेना अधिकारी के क्लब के उद्घाटन को भी असंवैधानिक माना और आईएचसी न्यायाधीश ने कहा कि क्लब अवैध है और इसलिए इसे तीन सप्ताह में ध्वस्त कर दिया जाना चाहिए।

 

(आईएएनएस)

Created On :   18 Jan 2022 11:30 PM IST

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