UNHRC में भारत का जवाब, कहा- झूठ की रनिंग कमेंट्री कर रहा पाकिस्तान
- ठाकुर ने कश्मीर को लेकर पाकिस्तान के लगाए गए आरोपों को भी झूठा बताया
- यूएनएचआरसी में भारत ने कश्मीर का मुद्दा उठाने पर पाकिस्तान को करारा जवाब दिया
- विय सिंह ठाकुर ने कश्मीर को भारत का आंतरिक मामला बताया
डिजिटल डेस्क, जिनेवा। संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (यूएनएचआरसी) में भारत ने कश्मीर का मुद्दा उठाने पर पाकिस्तान को करारा जवाब दिया है। यूएनएचआरसी में भारत की ओर से सेक्रेटरी ईस्ट विजय ठाकुर सिंह ने कश्मीर को भारत का आंतरिक मामला बताया। उन्होंने कश्मीर को लेकर पाकिस्तान के लगाए गए आरोपों को भी झूठा बताया। सिंह ने कहा कि पाकिस्तान झूठ की रनिंग कमेंट्री कर रहा है।
#WATCH Secy (East) MEA at UNHRC: A delegation has given a running commentary with offensive rhetoric of false allegations concocted charges against my country. World is aware that this narrative comes from epicentre of global terrorism, where ring leaders were sheltered for yrs pic.twitter.com/x8LL9lJyX0
— ANI (@ANI) September 10, 2019
सिंह ने पाकिस्तान का नाम लिए बिना कहा कि एक प्रतिनिधिमंडल ने मेरे देश के खिलाफ झूठे और मनगढ़ंत आरोप लगाकर आपत्तिजनक बयानबाजी की है। दुनिया जानती है कि यह मनगढ़ंत कहानी वैश्विक आतंकवाद के केंद्र से आती है, जहां सालों से आतंकियों के सरगनाओं को शरण दी जा रही है। उन्होंने कहा कोई भी देश अपने आतंरिक मामलों में किसी भी देश का दखल पसंद नहीं करेगा। चुनौतीपूर्ण हालातों के बावजूद भी जम्मू-कश्मीर का प्रशासन वहां के लोगों को मूलभूत सुविधाएं, यातायात के साधन और कनेक्टिविटी मुहैया करा रहा है।
सिंह ने कहा कि जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में हमारे नागरिकों के लिए पूरी तरह से प्रगतिशील नीतियां लागू की जा रही है। यह लिंग भेदभाव को खत्म करेगा, किशोर अधिकारों की बेहतर रक्षा करेगा और शिक्षा, सूचना, और काम के अधिकारों को लागू करेगा। उन्होंने कहा ज्यादातर जगहों पर पाबंदियों में ढील दी जा रही है, राज्य में सुरक्षा को बनाए रखने के लिए एहतियात के तौर पर अस्थाई कदम उठाए जा रहे हैं।
सिंह के बाद UNHRC में फर्स्ट सेक्रेटरी विमर्श आर्यन ने कहा, "अनुच्छेद 370 भारतीय संविधान का एक अस्थायी प्रावधान था, इसका हालिया संशोधन हमारे संप्रभु अधिकार के भीतर है और पूरी तरह से भारत का आंतरिक मामला है।" उन्होंने कहा, "हम मंच के राजनीतिकरण और ध्रुवीकरण के मकसद से पाकिस्तान की ओर से दिए गए झूठे बयानों से आश्चर्यचकित नहीं है। पाकिस्तान को लग रहा है कि है कि हमारे फैसले से सीमा पार आतंकवाद के निरंतर प्रायोजन में बाधाएं पैदा हो रही है जिससे उसके पैरों के नीचे से जमीन खिसक गई है।"
आर्यन ने कहा, "कुछ पाकिस्तानी नेता इतना आगे बढ़ चुके हैं कि वह जम्मू-कश्मीर और तीसरे देशों में हिंसा को प्रोत्साहित करने के लिए जिहाद को प्रोत्साहित कर रहे हैं, ताकि इसे नरसंहार का नाम दिया जा सके, वे भी जानते हैं कि यह वास्तविकता से बहुत दूर है।" उन्होंने कहा, "पाकिस्तान का हिंसात्मक रिकॉर्ड खुद उसके बारे में गवाही देता है। यह बयानबाजी पाकिस्तान के धार्मिक और जातीय अल्पसंख्यकों समूह चाहे वह ईसाई, सिख, शिया, अहमदिया और हिंदू हों के उत्पीड़न और उन्मूलन से दुनिया का ध्यान नहीं हटाएगी।"
बता दें कि इससे पहले पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने यूएन से जम्मू-कश्मीर में भारत की कार्रवाई की जांच की मांग की थी। कुरैशी ने कहा था, "आज, मैंने मानवाधिकार परिषद के दरवाजों पर दस्तक दी है, ताकि कश्मीर के लोगों को न्याय और सम्मान मिल सके।" उन्होंने कहा था, जम्मू-कश्मीर में भारत की कार्रवाई की जांच की जानी चाहिए।
Created On :   10 Sept 2019 8:00 PM IST