महाभियोग: ट्रंप के खिलाफ दो आरोपों के ड्राफ्ट को मंजूरी, अब सीनेट में होगी वोटिंग
डिजिटल डेस्क, वॉशिंगटन। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ महाभियोग के आरोपों के 2 ड्राफ्ट को अमेरिकी संसद ने शुक्रवार को मंजूरी दे दी। संसद की न्यायिक समिति में शामिल डेमोक्रेट और रिपब्लिक सांसदों ने इस मुद्दे पर 14 घंटे चली बहस के बाद वोट डाले। आरोपों को मंजूरी देने के पक्ष में 23, विपक्ष में 17 वोट पड़े। अब फुल हाउस वोटिंग होगी और सीनेट (उच्च सदन) में ट्रंप में खिलाफ महाभियोग मुकदमा चलेगा। इस तरह अमेरिका के इतिहास में ट्रंप ऐसे तीसरे राष्ट्रपति बन जाएंगे, जिनके खिलाफ महाभियोग की कार्रवाई आगे बढ़ेगी।
435 सदस्यीय सदन में डेमोक्रेट के पास 233-197 का बहुमत (कुछ रिक्तियों के साथ) है। क्रिसमस की छुट्टी से पहले अगले हफ्ते पूर्ण हाउस वोट होने की उम्मीद है। हालांकि राष्ट्रपति को पद से तभी हटाया जा सकता है, जब सीनेट ट्रायल में उन्हें दोषी ठहराया जाए। सीनेट में रिपब्लिकन के पास 53-47 की मेजोरिटी है और दोषी ठहराए जाने के लिए दो-तिहाई मत (67/100) की आवश्यकता होती है। ऐसे में ट्रंप को दोषी ठहराए जाने की संभावना कम ही है। सीनेट ट्रायल के जनवरी 2020 से पहले शुरू होने की उम्मीद नहीं है।
बता दें कि अमेरिकी संविधान कहता है कि सीनेट के पास सभी महाभियोग का ट्रायल करने के लिए एकमात्र शक्ति होगी। "सीनेट अदालत है और इसके सदस्य जज और जूरी दोनों बन जाते हैं।" उदाहरण के लिए, जब 1998 में राष्ट्रपति बिल क्लिंटन पर न्याय में बाधा डालने के लिए सदन की ओर से महाभियोग लगाया गया, तो बाद में उन्हें सीनेट के मुकदमे में दोषी नहीं पाया गया, और राष्ट्रपति के रूप में अपना कार्यकाल पूरा करने के लिए मिला।
महाभियोग के दो आरोपों को मंजूरी के बाद ट्रंप ने संवाददाताओं से कहा कि "यह हमारे देश के लिए एक बहुत ही दुखद बात है, लेकिन राजनीतिक रूप से यह मेरे लिए बहुत अच्छा है।" ट्रंप ने कहा, "किसी ने कभी भी ऐसा कुछ नहीं देखा।" उन्होंने कहा, "इस बकवास पर महाभियोग की शक्ति का उपयोग करना इस देश के लिए शर्मनाक है।" यह पूछे जाने पर कि क्या वह सीनेट में लंबे या छोटे मुकदमे को प्राथमिकता देंगे, ट्रंप ने कहा, "मैं जो चाहूंगा वह करूंगा। हमने कुछ भी गलत नहीं किया।"
राष्ट्रपति ट्रंप के खिलाफ महाभियोग चलाने के प्रस्ताव को हाउस ऑफ रिप्रेजेंटिव्स (निचले सदन) ने 1 नवंबर को मंजूरी दी थी। तब इसके पक्ष में 232 वोट पड़े, जबिक विरोध में 196 वोट डाले गए थे। एक अंजान आदमी (विसिलब्लोअर) ने सितंबर में संसद से शिकायत की थी कि जुलाई में राष्ट्रपति ट्रंप ने यूक्रेन के राष्ट्रपति को फ़ोन किया था। ट्रंप पर आरोप है कि उन्होंने अपने ऑफिस की शक्तियों का इस्तेमाल जो बाइडेन की जांच शुरू कराने का दबाव डालने के लिए किया था। जो बाइडेन (अगले साल होने वाले राष्ट्रपति चुनाव में डेमोक्रेटिक पार्टी के संभावित उम्मीदवार) है।
डेमोक्रेटिक सांसदों का कहना है कि एक कमज़ोर अमरीकी सहयोगी पर दबाव डालना सत्ता का दुरुपयोग है। अगर राष्ट्रपति ट्रंप के ख़िलाफ़ दो तिहाई बहुमत के साथ अभियोग सिद्ध हो जाते हैं तो वह अमरीकी इतिहास में महाभियोग की प्रक्रिया के चलते पद से हटाए जाने वाले पहले राष्ट्रपति होंगे। मगर फ़िलहाल ऐसा होना मुश्किल नज़र आता है।
Created On :   14 Dec 2019 12:46 AM IST