रूस के पूर्व राष्ट्रपति ने पोलैंड मिसाइल घटना को तीसरे विश्व युद्ध की ओर कदम बताया

Former Russian President calls Poland missile incident a step towards third world war
रूस के पूर्व राष्ट्रपति ने पोलैंड मिसाइल घटना को तीसरे विश्व युद्ध की ओर कदम बताया
रूस-यूक्रेन युद्ध रूस के पूर्व राष्ट्रपति ने पोलैंड मिसाइल घटना को तीसरे विश्व युद्ध की ओर कदम बताया
हाईलाइट
  • मिसाइल स्ट्राइक शब्दों को उद्धरण चिह्नें में भी रखा

डिजिटल डेस्क, मास्को। रूस के पूर्व राष्ट्रपति दमित्री मेदवेदेव ने चेतावनी दी है कि पोलैंड में दो लोगों की मौत वाले मिसाइल विस्फोट ने पश्चिम को तीसरे विश्व युद्ध के करीब ला दिया है। आरटी ने बताया- पूर्व राष्ट्रपति, जो अब रूस की सुरक्षा परिषद के डिप्टी चेयरमैन हैं, उन्होंने बुधवार को ट्विटर पर लिखा, घटना सिर्फ एक बात साबित करती है: रूस के खिलाफ हाइब्रिड युद्ध छेड़ने से, पश्चिम विश्व युद्ध के करीब पहुंच गया। उन्होंने मिसाइल स्ट्राइक शब्दों को उद्धरण चिह्नें में भी रखा।

मेदवेदेव के शब्दों को संयुक्त राष्ट्र में रूस के उप प्रतिनिधि दिमित्री पोलांस्की ने प्रतिध्वनित किया, जिन्होंने दावा किया कि नाटो और रूस के बीच प्रत्यक्ष सैन्य टकराव को भड़काने का एक स्पष्ट प्रयास था, जिसके परिणाम पूरी दुनिया में घातक होंगे। टेलीग्राम पर एक पोस्ट में पॉलांस्की ने कहा कि, यह संदिग्ध था कि पिछले हफ्ते पश्चिमी शक्तियों ने इस बुधवार को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद सत्र आयोजित करने के लिए कहा था, सभा के कारण का नाम लिए बिना, और पोलैंड पर कथित मिसाइल हमला बैठक के ठीक समय पर हुआ।

राजनयिक ने लिखा- संदेह का एक अन्य स्रोत कीव शासन का तत्काल हिस्टीरिया है जो रूस को दंडित करने की मांग करता है, जो पहले ही रसोफोबिया से पागल हो चुका है। पॉलींस्की ने कहा कि सभी तथ्यों से संकेत मिलता है कि रूस का इस घटना से कोई लेना-देना नहीं है, यह देखना बड़ा मजेदार होगा कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के आगामी सत्र के दौरान अमेरिका और उसके सहयोगी कैसे खुद को इससे बचाते हैं।

यूक्रेनी राष्ट्रपति व्लादिमीर जेलेंस्की ने मंगलवार की देर रात इस घटना के लिए रूस को दोषी ठहराया, और नाटो से इस हमले के खिलाफ कार्रवाई करने का आग्रह किया, नाटो में पोलैंड भी सदस्य है। आरटी ने बताया कि कोई भी सबूत नहीं होने के बावजूद, पोलैंड में मीडिया और देश के कुछ अधिकारियों द्वारा दावों को उठाया गया था।

वारसॉ (पोलैंड की राजधानी) ने अपनी सेना को सतर्क कर दिया, और नाटो के अनुच्छेद 4 को लागू करना पर चर्चा की गई, जिसके लिए अन्य 29 सदस्य राज्यों के साथ स्थिति पर परामर्श और आगे बढ़ने के तरीके पर सर्वसम्मति से निर्णय लेने की आवश्यकता होगी।

रूस के रक्षा मंत्रालय ने जोर देकर कहा है कि उसने मंगलवार को यूक्रेनी-पोलिश सीमा के पास कोई हमला नहीं किया। इसने बाद में स्पष्ट किया कि साइट की तस्वीरों के विश्लेषण से पता चला है कि मलबा यूक्रेन की सेना द्वारा संचालित एस-300 वायु रक्षा प्रणाली की मिसाइल का था।

(आईएएनएस)

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Created On :   16 Nov 2022 11:30 PM IST

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