विदेश मंत्री अब्दुल्लाहियन ने परमाणु वार्ता के लिए अमेरिका की तत्परता पर उठाया सवाल
- ठोस परिणाम हासिल करना ही बातचीत का एक मात्र उद्देश्य
डिजिटल डेस्क, तेहरान । ईरान के विदेश मंत्री होसैन अमीर अब्दुल्लाहियन ने ईरान परमाणु समझौते या जेसीपीओए पर लौटने के लिए वाशिंगटन की तत्परता पर सवाल उठाया है और परमाणु वार्ता को लेकर उसके दोतरफा कदमों की आलोचना की है। अमिर अब्दुल्लाहियन ने दोपहर तड़के अपने निजी ट्विटर अकाउंट पर लिखा व्हाइट हाउस ईरान के साथ बातचीत का आह्वान कर रहा है और जेसीपीओए में लौटने के लिए तैयार होने का दावा कर रहा है। फिर भी यह ईरानी व्यक्तियों और संस्थाओं पर एक साथ नए प्रतिबंध लगा रहा है।
उन्होंने कहा हम बाइडेन के व्यवहार की बारीकी से जांच कर रहे हैं। 29 अक्टूबर को अमेरिकी ट्रेजरी विभाग ने ईरान के इस्लामिक रेवोल्यूशन गार्डस कॉर्प्स के मानव रहित हवाई वाहन कार्यक्रम से संबंधित चार व्यक्तियों और दो कंपनियों के खिलाफ प्रतिबंध जारी किए। अमीर अब्दुल्लाहियन ने जोर देकर कहा आगामी वियना वार्ता आपसी हितों के सम्मान के आधार पर होनी चाहिए। बातचीत का उद्देश्य सिर्फ बात करना नहीं है बल्कि ठोस परिणाम हासिल करना है।
अमेरिका और ईरान अधिकारियों ने 2015 के परमाणु समझौते को बहाल करने के लिए इस अप्रैल में वियना में अप्रत्यक्ष वार्ता शुरू की लेकिन छह दौर की बातचीत के बाद उनकी असहमति महत्वपूर्ण बनी रही। जो ईरान के कारण बाधित हो गई है। तेहरान पर दबाव बनाने के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के प्रशासन ने हाल ही में दोहराया है कि जेसीपीओए में वापसी पर बातचीत हमेशा के लिए नहीं खुली रहेगी और कूटनीति विफल होने पर अन्य विकल्पों को चुना जाएगा। मई 2018 में जब डोनाल्ड ट्रम्प पद पर थे तब अमेरिका 2015 के परमाणु समझौते से हट गया और ईरान पर प्रतिबंध लगा दिए। इसके जवाब में ईरान ने मई 2019 से समझौते के लिए अपनी प्रतिबद्धताओं के कुछ हिस्सों को लागू करना धीरे-धीरे बंद कर दिया है।
(आईएएनएस)
Created On :   3 Nov 2021 4:01 PM IST