रात के अंधेरे पर चीन का सैन्य अभ्यास जारी, पूर्वी लद्दाख पर हमले की तैयारी!
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- अभ्यास में सशस्त्र समूह
- कमांडो और केमिकल वारफेयर के सैनिक शामिल हुए
डिजिटल डेस्क,नई दिल्ली। भारत और चीन के रिश्ते कुछ समय से तनावपूर्ण चल रहे है। ऐसे में चीन रात के अंधेरे में सैन्य अभ्यास कर रहा है। लग रहा है जैसे किसी हमले की तैयारी की जा रही है। दरअसल, चीन की पीपल्स लिबरेशन आर्मी की जॉइंट मिलिट्री ब्रिगेड ने तिब्बत में बायोलॉजिकल, ऐंटी न्यूक्लियर वारफेयर और केमिकल हथियारों से सैन्य अभ्यास किया।
बता दें कि, तिब्बत से ही सटे पूर्वी लद्दाख की सीमा पर भारत और चीन के बीच विवाद बढ़ा था, जो अब तक जारी है। इसलिए इस मॉक ड्रिल को अहम माना जा रहा है। ऐसे अभ्यास से अंदेशा जताया जा रहा है कि, क्या ये किसी हमले की तैयारी की जा रही है? या फिर ये दैनिक अभ्यास का एक हिस्सा है।
कौन से सैनिक शामिल हुए?
इस अभ्यास में सशस्त्र समूह, कमांडो और केमिकल वारफेयर की ट्रेनिंग कर चुके सैनिक शामिल हुए थे। ये सभी पीएलए यानि कि पीपल्स लिबरेशन आर्मी की अलग-अलग विंग्स का हिस्सा है। हाल ही में हुआ चीन का युद्ध अभ्यास तिब्बत सैन्य क्षेत्र में वेस्टर्न थिएटर कमांड के तहत किया गया। बता दें कि, चीन में 5 थिएटर कमांड्स हैं, जिनमें वेस्टर्न थिएटर कमांड सबसे अहम और बड़ा है। इतना ही नहीं भारत और चीन के बीच जो विवाद चल रहा है, उसमें वेस्टर्न थिएटर की ही अहम भूमिका है। ये भारत के लद्दाख से अरुणाचल प्रदेश तक की 3488 किलोमीटर लंबी सीमा हर वक्त निगरानी करते है।
हिंदुस्तान लाइव की खबर के अनुसार, पीएलए के एक न्यूज पोर्टल में इस युद्धाभ्यास की जानकारी दी गई है। लेकिन, सैनिकों को लेकर ज्यादा इंफॉर्मेशन साझा नहीं किया जाता है। सैनिकों ने किस लोकेशन पर अभ्यास किया। ये बात भी साफ नहीं की गई है। हालांकि जब ये मॉक ड्रिल चल रही थी, उस वक्त एक साइड रॉकेट लॉन्च किया गया और दूसरी तरफ आर्मी के इंजीनियर्स बुलाए गए और टॉरगेट वाली जगह पर विस्फोटक इंस्टॉल किए गए।
कैसे पूरा हुआ मॉक ड्रिल
- ड्रिल के वक्त एक कमांडिंग ऑफिसर ने न्यूक्लियर, बायोलॉजिकल और केमिकल अटैक करने की सबसे पहले चेतावनी दी।
- एक बटालियन के कमांडर ने चेतावनी सुनने के बाद तुरंत मोर्चा संभाला।
- गैस मास्क लगाकर तैयार सैनिक ने सभी से निपटते हुए मॉक ड्रिल पूरी करते हुए स्थिति की जानकारी दी।
- बताया जा रहा है कि, ये ड्रिल दुश्मन से निपटने, तत्काल प्रतिक्रिया देने और हमले में जवाबी कार्यवाई के लिए की गई थी।
- बता दें कि, चीनी सेना केमिकल और बायोलॉजिकल हथियारों के इस्तेमाल को लेकर रिसर्च कर रही है।
Created On :   15 Dec 2021 4:54 PM IST