अब तुर्की से भिड़ा चीन, उइगर मुसलमानों को लेकर दोनों देश आए आमने-सामने, तुर्की ने इन शब्दों के साथ जताई नाराजगी
- चीन और तुर्की के बीच बढ़े तनाव
डिजिटल डेस्क, बीजिंग। चीन अक्सर अपने कारनामे को लेकर दुनियाभर में हमेशा सुर्खियों में बना रहता है। कोरोना वायरस की उत्पत्ति को लेकर चीन पर ही आरोप लगता रहा है। अब एक बार फिर से चीन में रह रहे उइगर मुसलानों पर अत्याचार को लेकर वो घिरता हुआ नजर आ रहा है। इसी मसले पर अब चीन और तुर्की भी आमने-सामने आ गए हैं।
दोनों देशों के बीच ताजा विवाद इस वजह से बढ़ गया कि चीन ने तुर्की के राजदूत को शिनझियांग प्रांत का दौरा करने से साफ मना कर दिया था। चीन पर आरोप है कि शिनझियांग प्रांत में चीन ने उइगर मुसलमानों को रखने के लिए कई डिटेंशन सेंटर खोल रखा है। चीन पर आरोप लगते आ रहे हैं कि यहां पर चीन उइगर मुसलमानों पर कहर ढाया करता है। इसको लेकर कई बार अंतर्राष्ट्रीय समुदाय में चीन की फजीहत भी हो चुकी है। लेकिन चीन अपनी आदत से बाज नहीं आ रहा है।
उइगर मुसलमानों पर सितम ढा रहा चीन
पश्चिमी मीडिया का दावा है कि चीन शिनझियांग प्रांत में उइगर मुसलमानों पर जमकर प्रताड़ित करता है। इसी हकीकत को तुर्की के राजदूत ने वहां जाकर जानने के कोशिश की तो चीनी राजदूत की ओर से साफ मना कर दिया गया। जिसके बाद तुर्की ने मुद्दे पर अपना विरोध जताया है। यहां तक कि तुर्की के विदेश मंत्री ने चीन के इस कारनामे पर नाराज होकर अंकारा में पिछले महीने की 31 तारीख को प्रेस कॉन्फ्रेंस की और चीन की आलोचना की।
तुर्की के विदेश मंत्री ने चीन पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि तुर्की के राजदूत के अलावा चीन ने तुर्की के एक प्रतिनिधिमंडल को भी शिनझियांग प्रांत जाने से रोक दिया है। उन्होंने आगे कहा कि ऐसा कर चीन उइगर मुसलमानों की सच्चाई दुनिया के सामने से छिपाना चाहता है। तुर्की से सटे चीन के शिनझियांग प्रांत में एक करोड़ से ज्यादा मुसलमान रहते हैं। जिनमें ज्यादातर अल्पसंख्यक उइगर मुसलमान हैं। उइगर अपने को चीनी निवासी मानते हैं। फिर भी उनके ऊपर लग रहे अत्याचार के आरोप ने चीन को कटघरे में खड़ा कर दिया है।
हिरासत में उइगर मुसलमान
चीनी सरकार पर आरोप है कि साल 2017 से ही शरणार्थी शिविरों में एक लाख से ज्यादा मुसलमानों को जबरिया हिरासत में बंद कर रखा है। उनमें से अधिकतर उइगर मुसलमान हैं, जो तुर्की से सटे चीन के उत्तर-पश्चिम क्षेत्र शिनझियांग में तुर्क भाषी जातीय समूह हैं। चीन पर आरोप यह भी लग रहे हैं कि इस क्षेत्र में चीन इन लोगों से बंधुआ मजदूरी करवा रहा है। उनका शारिरक शोषण भी किया जाता है साथ ही नसबंदी भी करवाई गई है। इतने पर भी चीन रूका नहीं है, बंधुआ मजदूर बनाए गए उइगर मुसलमानों की लगातार निगरानी भी की जा रही है। ये खबरें बाहर आने के बाद से चीन हमेशा उइगर मुसलमानों पर अत्याचार को लेकर अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर निशाने पर रहता है।
Created On :   4 Jan 2023 3:11 PM IST