जंगल की आग से निकलने वाला ब्राउन कार्बन ग्लोबल वार्मिंग के लिए अधिक जिम्मेदार
डिजिटल डेस्क, Xinhua। चीनी वैज्ञानिकों ने अपने एक अध्ययन में यह दावा किया है कि जंगल की आग से निकलने वाला ब्राउन कार्बन ग्लोबल वार्मिंग के लिए अधिक जिम्मेदार है और उन्होंने यह चेतावनी भी दी है कि धरती के बढ़ते हुए तापमान से भविष्य में और भी अधिक जंगल की आग लग सकती है।
वन अर्थ जर्नल में शनिवार को प्रकाशित अध्ययन में बताया गया है कि कैसे उत्तरी गोलार्ध (Northern Hemisphere) में बायोमास के जलने से उत्पन्न होने वाली कार्बन कैसे आर्कटिक में बढ़ते तापमान का कारण बन रही है?
टियांजिन यूनिवर्सिटी में एटमोस्फेरिक केमिस्ट (atmospheric chemist) और पेपर के वरिष्ठ लेखक फू पिंगकिंग ने कहा, "शोध के नतीजों से पता चलता है कि आर्कटिक पर ब्राउन कार्बन एरोसोल का वार्मिंग प्रभाव ब्लैक कार्बन से लगभग 30 प्रतिशत ज्यादा है।"
शोधकर्ताओं ने कहा कि पिछले 50 वर्षों में, आर्कटिक, पृथ्वी के बाकी हिस्सों के मुकाबले तीन गुना अधिक गर्म हुआ है और जंगल की आग इसका एक बड़ा कारण है।
अध्ययन के अनुसार, उन्होंने पाया कि बायोमास जलने से निकलने वाला ब्राउन कार्बन, फॉसिल-ईंधन जलने से निकलने वाले ब्राउन कार्बन की तुलना में दुगना प्रभावशाली है।
2017 में, चीनी आइसब्रेकर पोत Xuelong को, आर्कटिक महासागर में यह जांचने के लिए भेजा गया था कि आर्कटिक की हवा में कौन से एरोसोल तैर रहे हैं और उनके स्रोत क्या हैं?
जहाज पर मौजूद वैज्ञानिकों ने जांच में पाया कि उच्च तापमान वाले फॉसिल-ईंधन जलने से निकलने वाले ब्लैक कार्बन की तुलना में ब्राउन कार्बन जलवायु को कैसे प्रभावित कर रहा है?
अध्ययन के अनुसार, ब्लैक कार्बन और कार्बन डाइऑक्साइड की तरह, ब्राउन कार्बन भी सूर्य से आ रही किरणों को सोखकर पृथ्वी को गर्म करता है।
फू ने कहा, "जंगल की आग की घटनाओं में वृद्धि से अधिक ब्राउन कार्बन एरोसोल हवा में फैलेगा, जो पृथ्वी को और गर्म करेगा, जिससे और ज्यादा जंगल की आग का खतरा बढ़ेगा।"
फू ने आगे कहा, "हमारे निष्कर्ष बताते हैं कि जंगल की आग को नियंत्रित करना बहुत महत्वपूर्ण है।"
Created On :   21 March 2022 7:24 PM IST