बुर्का बैन को लेकर स्विट्जरलैंड की संसद में बिल पेश, कानून न मानने पर देना पड़ेगा जुर्माना
- भारतीय रुपय में करीब 82 हजार रुपये का जुर्माना देना होगा
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारत में पिछले कुछ महीनों से हिजाब का मुद्दा सुर्खियों में बना हुआ है। जिसको लेकर सुप्रीम कोर्ट में कई याचिका दायर की गई थी। जिस पर शीर्ष अदालत के दो जजों की बेंच का फैसला एक दूसरे से अलग-अलग रहा। अब ये पूरा मुद्दा सुप्रीम कोर्ट की बड़ी बेंच के पास चली गई है, जो हिजाब विवाद की सुनवाई करेगा। यह विवाद केवल भारत तक ही सीमित नहीं है। बीते कुछ दिनों से हिजाब का विरोध ईरान की महिलाएं पूरी ताकत से कर रही हैं।
हिजाब विवाद की वजह से कई ईरानी महिलाओं को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा है। इसी लिस्ट में स्विट्जरलैंड का नाम भी जुड़ता हुआ नजर आ रहा है। स्विट्जरलैंड की सरकार ने अपनी संसद में बुधवार को एक बिल पेश किया। जिसमें देश में बुर्का पहनने पर प्रतिबंध लगाने की बात कही गई है। इस बिल में बताया गया है कि जो इस कानून को नहीं मानेगा उस व्यक्ति विशेष पर 1000 स्विस फ्रैंक यानि भारतीय रुपए में करीब 82 हजार रुपये का जुर्माना देना होगा।
हालांकि, स्विट्जरलैंड में सार्वजनिक जगहों पर हिजाब से चेहरा ढके रहने पर इसे बैन करने के लिए कई सालों से बात चल रही थी। तकरीबन एक वर्ष से इसको एक मुहिम की तरह से चलाया गया। हिजाब को बैन करने के लिए स्विट्जरलैंड में जनमत संग्रह तक कराया गया जिसमें लोग बुर्का को बैन करने के पक्ष में थे।
स्विस सरकार ने बचाव में कहा ये बात
गौरतलब है कि जो स्विस सरकार ने अपनी संसद में बिल पेश किया है, उसमें इस्लाम का जिक्र नहीं है। हिजाब बैन को लेकर सरकार का कहना है कि इस मसौदा को लाने का उद्देश्य सिर्फ हिंसक प्रदर्शनकारियों को चेहरा ढकने और मास्क पहनने से रोकना है। लेकिन सरकार के उठाए गए इस कदम को स्विस के नेता और मीडिया इस फैसले को बुर्का बैन के रुप में देख रहे हैं। स्विस सरकार अपने बचाव में आगे कहा कि हिजाब से चेहरा ढकने पर बैन का उद्देश्य केवल सार्वजनिक सुरक्षा और व्यवस्था को सुनिश्चित करना है। सुरक्षा के मद्देनजर रखते हुए सरकार ने जुर्माने का प्रावधान भी किया है। हालांकि इस बिल में कई छूट भी शामिल हैं।
इन जगहों पर होगी हिजाब पहनने की छूट
स्विट्जरलैंड की सरकार ने अपने मसौदा में राजनयिक इलाके, धार्मिक स्थलों और फ्लाइट जैसे स्थानों पर हिजाब बैन हटाने की बात कही है। हेल्थ, सिक्योरिटी, जलवायु परिस्थितियों और रीति-रिवाजों से जुडे़ मामलों में हिजाब वैध होगा। इसके अलावा कलात्मक प्रदर्शन, विज्ञापनों में छूट और इसके साथ खुद को बचाने के लिए मौलिक अधिकारों के तहत मास्क पहनने की इजाजत होगी। गौरतलब है कि हिजाब प्रतिबंध समर्थकों ने ढके हुए चेहरे को इस्लाम का प्रतीक बताया था। वहीं भेदभाव का आरोप लगाते हुए मुस्लिम ग्रुप ने इस पूरे प्रकरण की निंदा की है।
इन देशों में बैन है बुर्का
बता दें कि साल 2011 से ही फ्रांस में सार्वजनिक तौर पर चेहरे को ढकना बैन हो गया था। लेकिन वहीं कुछ ऐसे भी देश है जैसे डेनमार्क, नीदरलैंड, बुल्गारिया और ऑस्ट्रिया जहां कि पूरी तरह से तो नहीं लेकिन आंशिक रुप से हिजाब पर प्रतिबंध लगाए गए है। गौरतलब है कि स्विट्जरलैंड की आबादी लगभग 88 लाख है। जिसमें से 5 फीसदी मुसलमानों की संख्या है। इस जनसंख्या में अधिकांश बोस्निया कोसोवो और तुर्की से आए हुए मुसलमान शामिल है।
Created On :   13 Oct 2022 10:32 PM IST