बगदाद: अमेरिकी दूतावास के पास रॉकेट से हमला, तनाव का भारत से संबंधों पर असर नहीं होगा- ईरानी मंत्री
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- तुर्की ने लीबिया में सैनिकों को तैनाती किया
- परमाणु समझौते का पालन नहीं करेगा ईरान
- सुलेमानी के मारे जाने के बाद अमेरिका और ईरान में तनाव
डिजिटल डेस्क, बगदाद। ईरान और अमेरिका के बीच कड़वाहट लगातार बढ़ती जारी है। कई देशों और अंतरराष्ट्रीय संगठनों ने दोनों देशों से शांति बनाए रखने की अपील की है। वहीं बगदाद स्थित अमेरिकी दूतावास के पास रॉकेट से हमला हुआ है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार दो रॉकेट दूतावास के पास गिरे। वहीं ईरान ने कहा कि वह 2015 के अपने परमाणु समझौता का पालन नहीं करेगी। इस ऐलान के बाद तुर्की ने लीबिया में सैनिकों को तैनात कर दिया। वहीं जर्मनी की चांसलर एंजेल मर्केल, फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों और ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन से ईरान से अपने फैसला पर विचार करने की अपील की है।
चीनी व रूसी विदेश मंत्री के बीच फोन वार्ता
चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव के साथ फोन पर बातचीत कर खाड़ी क्षेत्र की वर्तमान स्थितियों तथा संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में दोनों पक्षों के सहयोग पर विचारों का आदान-प्रदान किया। वांग यी ने कहा कि चीन, अमेरिका और ईरान के बीच बढ़ते विवाद पर नजर बनाए हुए है। चीन अंतर्राष्ट्रीय संबंधों में बल प्रयोग का विरोध करता है। चीन का रुख है कि विभिन्न पक्षों को संयुक्त राष्ट्र चार्टर तथा अंतर्राष्ट्रीय संबंधों के बुनियादी मापदंड का पालन करना चाहिए। उन्होंने कहा कि इराक की प्रभुसत्ता और प्रादेशिक अखंडता का भी समादर किया जाना चाहिए और मध्य पूर्व और खाड़ी क्षेत्र में शांति बनाए रखा जाना चाहिए। सुरक्षा परिषद के स्थायी सदस्य होने के नाते चीन और रूस के कंधों पर विश्व शांति की रक्षा करने की जिम्मेदारी है। दोनों पक्षों को सामरिक संचार मजबूत कर अंतरराष्ट्रीय कानून और अंतर्राष्ट्रीय निष्पक्षता की रक्षा के लिए संयुक्त रुप से काम करना चाहिए।
वांग यी की ईरानी विदेश मंत्री से फोन पर वार्ता
नी विदेश मंत्री वांग यी ने ईरानी विदेश मंत्री मोहम्मद जवाद जरीफ से फोन पर बातचीत की। जरीफ ने अमेरिका द्वारा ईरानी सैन्य कमांडर कासिम सुलेमानी की हत्या किए जाने वाली घटना पर अपना रुख जताया और अमेरिका की इस कार्यवाही की कड़ी निंदा की और कहा कि अमेरिका की इस कार्रवाई का गंभीर परिणाम होगा। उन्होंने आशा जताई कि चीन क्षेत्रीय तनाव को बढ़ने से रोकने में अहम भूमिका निभाएगा।
संबंधों पर असर नहीं होगा: ईरानी मंत्री
ईरान के एक मंत्री ने रविवार को कहा कि ईरानी रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (आईआरजीसी) के कमांडर मेजर जनरल कासिम सुलेमानी व अन्य अधिकारियों की अमेरिकी हमले में मारे जाने के बाद अमेरिका के साथ जारी तनाव का असर भारत के साथ संबंधों पर नहीं होगा। इस्लामिक रिपब्लिक ऑफ ईरान के कल्चर व गाइडेंस उप मंत्री डॉ मोहसिन जावादी ने नई दिल्ली में पुस्तक निर्यात बाजार पर एक सम्मेलन से इतर कहा कि भारत-ईरान के संबंध ईरान के सामने उत्पन्न संकट से स्वतंत्र हैं। उन्होंने अमेरिका का उल्लेख किए बगैर कहा, हम हमले की निंदा करते हैं। ईरान लंबे समय से खतरों का सामना कर रहा है। हमारी किसी से कोई निजी दुश्मनी नहीं है, लेकिन अगर कोई हम पर हमला करता है, तो हमें पता है कि कैसे जवाब देना है।भारत-ईरान संबंधों पर उन्होंने कहा कि यह इन सब मुद्दों से ऊपर है। उन्होंने कहा, हमारे संबंध बहुत गहरे व परिपक्व हैं। इस हमले से हमारे संबंधों पर कोई असर नहीं पड़ेगा।
तीसरी तिमाही के नतीजों का बाजार पर रहेगा असर
भारतीय शेयर बाजार पर इस सप्ताह अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम और डॉलर के मुकाबले रुपये की चाल का असर देखने को मिलेगा। साथ ही, देश की कुछ प्रमुख कंपनियां चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही के अपने वित्तीय नतीजे घोषित करने वाली हैं, जिससे बाजार की चाल तय होगी। इसके अलावा इस सप्ताह देश-विदेश में जारी होने वाले प्रमुख आर्थिक आंकड़ों से भी बाजार को दिशा मिलेगी। अमेरिका और ईरान के बीच टकराव से खाड़ी क्षेत्र में पैदा हुए फौजी तनाव के कारण कच्चे तेल की आपूर्ति प्रभावित हो सकती है, जिससे इसकी कीमतों में तेजी बनी रह सकती है। अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम में तेजी से भारत में डॉलर के मुकाबले रुपये की चाल कुंद पड़ सकती है, जिसका प्रभाव घरेलू शेयर बाजार पर पड़ेगा।
Created On :   6 Jan 2020 8:22 AM IST