तालिबानी हुकूमत में कम नहीं हुई अफगान महिलाओं की मुश्किलें, हर दिन एक या दो महिलाएं कर रही हैं सुसाइड, धड़ल्ले से बेची जा रही हैं नाबालिग बच्चियां

Afghan womens problems have not reduced under Taliban rule, every day one or two women are committing suicide
तालिबानी हुकूमत में कम नहीं हुई अफगान महिलाओं की मुश्किलें, हर दिन एक या दो महिलाएं कर रही हैं सुसाइड, धड़ल्ले से बेची जा रही हैं नाबालिग बच्चियां
अफगान महिलाओं का उत्पीड़न तालिबानी हुकूमत में कम नहीं हुई अफगान महिलाओं की मुश्किलें, हर दिन एक या दो महिलाएं कर रही हैं सुसाइड, धड़ल्ले से बेची जा रही हैं नाबालिग बच्चियां

डिजिटल डेस्क, काबुल। अफगानिस्तान पर काबिज होने के बाद तालिबान ने अफगान महिलाओं पर सबसे पहले शिकंजा कसना शुरू कर दिया था। सत्ता हासिल करने के बाद सबसे पहले तालिबान ने महिलाओं की शिक्षा पर बैन लगाया। तालिबान की तरफ से फरमान जारी किया गया कि देश शरियत के हिसाब से चलेगा। यहां तक तालिबान के आकाओं ने अफगान महिलाओं की अकेले बस यात्रा पर भी रोक लगा दी। तालिबानी हुक्मरानों की तरफ से अफगान महिलाओं की स्वतंत्रता को पूरी तरीके से रौंदने का काम किया गया। 
 

आज भी वहां की महिलाओं को तालिबानी सत्ता की तमाम यातनाएं सहनी पड़ रही है। अफगान संसद की पूर्व डिप्टी स्पीकर ने एक बड़ा खुलासा करके सभी को हैरानी में डाल दिया। उन्होंने ने कहा कि अवसर की कमी और मानसिक अवसाद की वहज से अफगान महिलाओं की मुश्किलें निरंतर बढ़ती ही जा रह है। पूर्व डिप्टी स्पीकर ने ये भी दावा किया कि अफगानिस्तान में हर दिन दो महिलाएं आत्महत्या कर रही हैं। यह खुलासा जिनेवा में मानवाधिकार परिषद में महिला अधिकारों के मुद्दे पर बहस के दौरान हुआ है। 

तालिबान में बेचा जा रहा महिलाओं को

अफगान संसद की पूर्व डिप्टी स्पीकर फोजिया कूफी ने बताया कि इन दिनों अफगान महिलाओं की दुर्दशा चरम पर है। हर दिन महिलाएं आर्थिक या फिर अवसर की कमी के कारण सुसाइड कर रहीं हैं। उन्होंने ये भी दावा किया गया कि नौ साल से कम उम्र की लड़कियों को आर्थिक दबाव के कारण बेचा रहा है। उसके पीछे एक और कारण निकलकर आया है कि महिलाओं को तालिबानी सत्ता में अवसर का अभाव भी है। महिलाओं के साथ इस तरह की घटना की निंदा दुनियाभर में भी हो चुकी है। लेकिन तालिबान अपनी आदत से बाज नहीं आ रहा है।

यूएन मानवाधिकार ने की तालिबान की निंदा

गौरतलब है कि संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार प्रमुख मिशेल बाचेलेट ने अफगान महिलाओं की बेरोजगारी, उनके कपड़ो व अन्य चीजों पर लगे पायबंद की कड़े शब्दों में निंदा की है। तालिबान ने अफगानिस्तान से सत्ता हथियाने के बाद ही अगस्त 2021 में महिलाओं के स्वामित्व व्यवसायों पर पूरी तरह से बैन लगा दिया है। बाचेलेट ने बताया कि अफगानिस्तान में अब 1.2 मिलियन लड़कियों  माध्यमिक शिक्षा से वंचित हैं। तालिबान की इस कट्टरपंथी रवैए की चारों तरफ निंदा हो रही है। 

भारत ने चिंता व्यक्त की 

तालिबान में महिलाओं के साथ हो रहे अत्याचार को लेकर भारत ने भी चिंता जाहिर की है। बीते शुक्रवार को अफगान महिलाओं को सार्वजनिक जीवन से बाहर किए जाने पर भारत ने वहां की महिलाओं और लड़कियों के अधिकारों की सुरक्षा सुनिश्चित करने का आह्वान किया। उन्होंने ये भी कहा कि अफगानिस्तान पड़ोसी देश होने के नाते भारत की शांति और स्थिरता की वापसी को लेकर प्रयास जारी है। 

Created On :   2 July 2022 8:50 PM IST

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