समर्थकों की अपील, तालिबान हिट-स्क्वाड सदस्य को प्रत्यर्पित करे

14 years since Benazir Bhuttos assassination: Supporters appeal, Taliban hit-squad member should be extradited
समर्थकों की अपील, तालिबान हिट-स्क्वाड सदस्य को प्रत्यर्पित करे
बेनजीर भुट्टो की हत्या के 14 साल समर्थकों की अपील, तालिबान हिट-स्क्वाड सदस्य को प्रत्यर्पित करे
हाईलाइट
  • बेनजीर भुट्टो की हत्या के 14 साल : समर्थकों की अपील
  • तालिबान हिट-स्क्वाड सदस्य को प्रत्यर्पित करे

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। ठीक 14 साल हो गए हैं, लेकिन सरकार अभी तक पाकिस्तान के मोस्टवांटेड अपराधी इकरामुल्ला महसूद को नहीं पकड़ पाई है। महसूद अफगानिस्तान में अपने आंतरिक मंत्री सिराजुद्दीन हक्कानी के संरक्षण में है। वह आतंकवादी संगठन हक्कानी नेटवर्क का प्रमुख है।

पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) ने अब सिराजुद्दीन से महसूद को सौंपने को कहा है, जो पूर्व प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो को मारने के लिए तैनात आत्मघाती दस्ते का हिस्सा था।

पूर्व गृहमंत्री और बेनजीर के करीबी रहमान मलिक ने कहा, मैं हक्कानी नेटवर्क और अफगानिस्तान के आंतरिक मंत्री सिराजुद्दीन हक्कानी से इकरामुल्ला को गिरफ्तार करने और उसे हमें सौंपने की अपील करता हूं, क्योंकि हमें उसकी जरूरत है।

पाकिस्तानी सुरक्षा एजेंसियों के अनुसार, इकरामुल्ला तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) का एक बैक-अप आत्मघाती हमलावर था, जो पहले हमलावर के सफल नहीं होने पर अपने विस्फोटक बनियान को विस्फोट करने के लिए था।

लेकिन अधिकारियों का कहना है कि 27 दिसंबर, 2007 को रावलपिंडी में एक रैली में बेनजीर भुट्टो और कम से कम 20 अन्य लोगों की हत्या करने के बाद जब एक अन्य हमलावर ने खुद को उड़ा लिया, तब वह वहां से भाग गया।

टीटीपी का वरिष्ठ नेता माने जाने वाला इकरामुल्ला सबसे वांछित आतंकवादी संदिग्धों की पाकिस्तानी सूची में है और उसे दूसरे आत्मघाती हमलावर के रूप में अदालत में नामित किया गया है।

पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के नेताओं ने तालिबान पर अपने नेता के हत्यारे को पनाह देने का आरोप लगाया है।

रहमान मलिक ने कहा, आप दोनों तरफ टीटीपी और पाकिस्तान के साथ बैठना चाहते हैं। पाकिस्तानियों ने उनके लिए अपनी जान कुर्बान कर दी और उनके शरणार्थियों की मदद की, लेकिन वे पाकिस्तान के दुश्मनों का समर्थन कर रहे थे।

द न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक, उन्होंने कहा कि उनके नेता की हत्या के लिए अल-कायदा के मारे गए सुप्रीमो ओसामा बिन लादेन ने पैसे दिए थे।

पीपीपी नेता रहमान मलिक के अनुसार, जब से तालिबान ने अफगानिस्तान में सत्ता पर कब्जा किया है, उनकी पार्टी ने इकरामुल्लाह को निर्वासित करने के लिए हक्कानी को चार पत्र लिखे हैं, लेकिन न तो हक्कानी और न ही पाकिस्तानी जासूसी एजेंसी इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई) और इमरान खान ने इसमें कोई रुचि दिखाई है।

रहमान का कहना है कि 2008 में गृहमंत्री बनने के बाद उन्होंने जांच में तेजी लाई और अदालत में सौंपी गई जांच रिपोर्ट के अनुसार बेनजीर भुट्टो की हत्या की साजिश पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के अकोरा खट्टक में कुख्यात दारुल उलूम हक्कानिया के कमरा नंबर 96 में रची गई थी। हक्कानी इस मदरसे का संरक्षक है और अधिकांश तालिबान मंत्री और टीटीपी नेता मदरसे से निकटता से जुड़े हुए हैं जिसे जिहाद का कारखाना भी कहा जाता है।

रहमान के अनुसार, दो आत्मघाती हमलावर एक ही मदरसे के छात्र थे और बाद में उन्हें हक्कानी नेटवर्क के आत्मघाती हमलावर विंग द्वारा प्रशिक्षित किया गया था।

दिलचस्प बात यह है कि टीटीपी के मौजूदा प्रमुख मुफ्ती नूर वली ने भी स्वीकार किया है कि बेनजीर भुट्टो की हत्या टीटीपी ने ही की थी।

उन्होंने अपनी किताब इंकलाब महसूद दक्षिण वजीरिस्तान - ब्रिटिश राज से अमेरिकी साम्राज्यवाद तक में लिखा है, बिलाल को सईद के नाम से भी जाना जाता है, उसे और इकरामुल्ला को बेनजीर पर हमले को अंजाम देने का काम सौंपा गया था। बॉम्बर बिलाल ने पहले बेनजीर भुट्टो पर पिस्तौल से गोली चलाई, गोली उनकी गर्दन में लगी। फिर बिलाल ने जुलूस के बीच अपनी विस्फोटक जैकेट से खुद को उड़ा लिया। इमरान खान उसी टीटीपी ग्रुप के साथ डील करने की कोशिश कर रहे हैं।

रहमान ने चेतावनी देते हुए कहा, टीटीपी के साथ बातचीत करते हुए इमरान खान को यह नहीं भूलना चाहिए कि आतंकवादियों ने हम पर गहरे घाव किए हैं और एपीएस पेशावर के मासूम बच्चों और सैनिकों सहित हमारे प्रियजनों को मार डाला है। उन्होंने जोर देकर कहा कि अगर उनकी पार्टी सत्ता में आती है, तो वह हक्कानी पर मोहतरमा भुट्टो के हत्यारे को निर्वासित करने का दबाव बनाएगी।

विश्लेषकों का कहना है कि तालिबान का आंतरिक सुरक्षा मंत्री हक्कानी संयुक्त राष्ट्र-नामित आतंकवादी है, जिस पर 1 करोड़ डॉलर का इनाम है। वह आत्मघाती हमलावरों के अपने दस्ते के किसी भी सदस्य को कभी भी निर्वासित नहीं करेगा। मंत्री बनने के बाद अपने पहले सार्वजनिक भाषण में उसने अक्टूबर में अपने आत्मघाती हमलावरों और शहीद हमलावरों के परिवारों को सम्मानित किया और उन्हें देश के नायक कहा था।

(यह सामग्री इंडियानैरेटिव डॉट कॉम के साथ एक व्यवस्था के तहत प्रस्तुत है)

--इंडियानैरेटिव

 

Created On :   28 Dec 2021 12:30 AM IST

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