बांग्लादेश: एनसीपी नेता नाहिद इस्लाम का बड़ा बयान, आगामी चुनाव में बांग्लादेश अवामी लीग हिस्सा न ले

एनसीपी नेता नाहिद इस्लाम का बड़ा बयान, आगामी चुनाव में बांग्लादेश अवामी लीग हिस्सा न ले
  • विदेशी शक्ति के प्रभुत्व से मुक्त हो देश-इस्लाम
  • एक अनिर्वाचित सरकार को लंबे समय तक सत्ता में नहीं रहना चाहिए
  • एनसीपी स्टूडेंट्स अगेंस्ट डिस्क्रिमिनेश या भेदभाव-विरोधी छात्र आंदोलन से उभरी

डिजिटल डेस्क, ढाका। बांग्लादेश में छात्र नेतृत्व वाली नेशनल सिटिजन पार्टी के संयोजक नाहिद इस्लाम ने बांग्लादेश अवामी लीग को लेकर बड़ा बयान दिया है। बांग्लादेश में शेख हसीना का विरोध कर प्रधानमंत्री पद से अपदस्थ करने में अहम भूमिका निभाने वाली एनसीपी का कहना है कि आगामी चुनाव में बांग्लादेश अवामी लीग हिस्सा न ले । इस्लाम की ये टिप्पणी चुनावी अटकलों के बीच आई है।

पीटीआई भाषा से मिली जानकारी के मुताबिक एशिया-प्रशांत क्षेत्र के लिए अमेरिका की अंतरराष्ट्रीय समसामयिक मामलों की पत्रिका ‘द डिप्लोमेट’ में मंगलवार देर रात प्रकाशित एक इंटरव्यू में एनसीपी के संयोजक नाहिद इस्लाम ने कहा, नहीं, हम नहीं चाहते कि अवामी लीग चुनावों में भाग ले। अवामी लीग के जो लोग गलत कामों के लिए जिम्मेदार हैं, उन पर सबसे पहले केस चलाया जाना चाहिए।

एनसीपी संयोजक नाहिद इस्लाम ने कूटनीति पर पार्टी का विचार रखते हुए कहा बांग्लादेश किसी भी विदेशी शक्ति के प्रभुत्व से मुक्त होकर एक संतुलित और लाभकारी कूटनीतिक दृष्टिकोण अपनाए। उन्होंने आगे कहा हम बांग्लादेश की राजनीति को भारत या पाकिस्तान के इर्द-गिर्द केंद्रित नहीं होने देंगे। एनसीपी बांग्लादेश केंद्रित रहेगी और राष्ट्रीय हितों को सर्वोपरि रखेगी।

आपको बता दें शुरु में छात्रों का विद्रोह सरकारी नौकरियों के लिए कोटा सिस्टम में सुधार की मांग को लेकर हुआ, जो धीरे धीरे अवामी लीग की शेख हसीना सरकार को हटाने के लिए एक राजनीतिक आंदोलन में तब्दील हो गया। हिंसक आंदोलन के चलते 5 अगस्त को पीएम शेख हसीना बांग्लादेश छोड़कर भारत आ गई। उनके बाद मोहम्मद यूनुस ने बांग्लादेश को संभाला। पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया की बीएनपी राजनीतिक परिदृश्य में सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी है।

हालांकि उन्होंने आगे कहा चुनाव हमारी तत्काल प्राथमिकता नहीं है। हम संविधान और चुनावी प्रणाली में सुधार के पक्ष में हैं ताकि फासीवादी शासन फिर से न उभर सके। चुनाव के लिए कोई विशिष्ट समय सीमा निर्धारित नहीं कर रहे। हमारा फोकस अभी पिछली सरकार के अपराधियों पर मुकदमा चलाने, देश में स्थिर कानून-व्यवस्था सुनिश्चित करने और संविधान सभा स्थापित करने पर है।

छात्रों के विद्रोही संगठनों ने पिछले साल जुलाई-अगस्त में स्टूडेंट्स अगेंस्ट डिस्क्रिमिनेशन (SAD) या भेदभाव-विरोधी छात्र आंदोलन नामक बैनर के तहत बड़े पैमाने पर शेख हसीना सरकार के विरोध में विद्रोह किया था। बांग्लादेश में जल्द से जल्द चुनाव होने के लिए खालिदा जिया की पार्टी ने UN चीफ के सामने अपनी बात रखी।

Created On :   19 March 2025 1:37 PM IST

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