आतंकवाद और सीमा विवाद पर बात!: चीन और पाकिस्तान पर भारतीय विदेश मंत्रालय ने रखी अपनी बात, उदाहरण सहित दिया जवाब
- भारतीय विदेश मंत्रालय ने रखी अपनी बात
- चीन और पाकिस्तान को घेरा
- आतंकवाद और सीमा विवाद पर की बात
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने शुक्रवार के दिन पाकिस्तान और चीन पर जमकर हमला बोला। हाल ही में पाकिस्तान के विदेश मंत्री इशाक डार ने गुरुवार को भारत के साथ बेहतर रिश्तों की उम्मीद जताई थी। जिसके बाद मंत्रालय ने चीन को भी लताड़ा।
एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में भारत के साथ व्यापारिक संबंधों पर बोलते हुए पाकिस्तान के विदेश मंत्री इशाक ने कहा कि रिश्तों को बेहतर बनाने के लिए ‘दो लोगों की जरूरत होती है। उन्होंने भारत से संबंधों को बेहतर बनाने के लिए माहौल बनाने की अपील की।पाकिस्तानी मंत्री ने अपने बयान में अंग्रेजी की कहावत - 'इट टेक्स टू टू टैंगो' का इस्तेमाल किया था जिसका मतलब होता है कि एक हाथ से ताली नहीं बजती'।
भारतीय विदेश मंत्रालय ने दिया करारा जवाब
डार के इस बयान पर भारत के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा, "इसमें प्रासंगिक शब्द 'टी' है जिसका मतलब होता है 'आतंकवाद' न कि 'टैंगो'।" इसी के साथ विदेश मंत्रालय ने अवैध रूप से कब्जे वाले अक्साई चिन क्षेत्र में चीन की तरफ से दो नए काउंटी बनाने को खारिज कर दिया और अपना विरोध दर्ज कराया। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा, "हमने चीन के होटन प्रीफेक्चर में दो नई काउंटियों की स्थापना से संबंधित घोषणा देखी है। इन तथाकथित काउंटियों के अधिकार क्षेत्र के कुछ हिस्से भारत के केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख में आते हैं।"
चीन पर कसा तंज
जायसवाल ने कहा, "हमने इस इलाके में भारतीय क्षेत्र पर अवैध चीनी कब्जे को कभी स्वीकार नहीं किया है। नई काउंटियों के निर्माण से न तो इस क्षेत्र पर हमारी संप्रभुता के बारे में भारत की दीर्घकालिक और सुसंगत स्थिति पर कोई असर पड़ेगा और न ही चीन के अवैध-जबरन कब्जे को वैधता मिलेगी। हमने कूटनीतिक चैनलों के माध्यम से चीनी पक्ष के समक्ष गंभीर विरोध दर्ज कराया है।" विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा, "हमने चीन के तिब्बत स्वायत्त क्षेत्र में यारलुंग त्संगपो नदी (ब्रह्मपुत्र नदी) पर एक जलविद्युत परियोजना के संबंध में 25 दिसंबर 2024 को सिन्हुआ द्वारा जारी की गई सूचना देखी है। नदी के पानी पर हमारा अधिकार है और निचले तटवर्ती देश के रूप में, हमने लगातार विशेषज्ञ स्तर और कूटनीतिक चैनलों के माध्यम से चीनी पक्ष को उनके क्षेत्र में नदियों पर मेगा परियोजनाओं को लेकर अपने विचार और चिंताएं व्यक्त की हैं।"
जायसवाल ने कहा, "नवीनतम रिपोर्ट के बाद इन चिंताओं को दोहराया गया है, साथ ही पारदर्शिता और निचले देशों के साथ परामर्श की जरुरत पर भी जोर दिया गया है। चीनी पक्ष से यह सुनिश्चित करने का आग्रह किया गया है कि ब्रह्मपुत्र के निचले देशों के हितों को ऊपरी क्षेत्रों में गतिविधियों से नुकसान न पहुंचे। हम अपने हितों की रक्षा के लिए निगरानी करना और आवश्यक उपाय करना जारी रखेंगे।"
Created On :   4 Jan 2025 12:13 AM IST