विरोध प्रदर्शन: जर्मनी में आम चुनाव से पहले मचा सियासी बवाल, एएफडी चुनाव को लेकर भारी विरोध प्रदर्शन
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- सर्वे में दूसरे स्थान पर है एएफडी
- दक्षिणपंथी पार्टी के विरोध में नाजियों को ना के नारे लगाए
- सरकार बनने पर 100 दिनों में जर्मनी की सीमाएं सील होगी-वीडेन
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। जर्मनी में आम चुनाव से पहले सियासी बवाल मचा हुआ है। अगले महीने यहां आम चुनाव होने वाले है। चुनाव के सर्वेक्षण में दक्षिणपंथी एएफडी जनमत सर्वे में दूसरे स्थान पर है। जबकि सर्वे में क्रिश्चियन डेमोक्रेटिक यूनियन (सीडीयू) सबसे आगे है। इसके अलावा जर्मन चांसलर ओलाफ स्कोल्ज की सोशल डेमाक्रेट्स तीसरे स्थान पर है।
दक्षिणपंथी राजनीतिक दल आल्टरनेटिव फॉर जर्मनी (एएफडी) चुनाव को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे है। सड़क पर उतरे प्रदर्शनकारियों और दक्षिणपंथी पार्टी के विरोध में नाजियों को ना के नारे लगाए। इसे लेकर एएफडी के नेता वीडेल ने प्रदर्शनकारियों को वामपंथी भीड़ और लाल रंग से रंगे नाजी बताया।
पुलिस ने जानकारी देते हुए बताया कि प्रदर्शनकारियों की संख्या 8 हजार थी। एक प्रदर्शनकारी ने कहा कि वह एक ऐसी पार्टी का विरोध करना चाहती थीं जो बहिष्कार, भेदभाव और घृणा का नेतृत्व करती है। एक अन्य प्रदर्शनकारी ने एएफडी को जर्मनी के लिए निर्दयी पतन कहा।
वीडेल ने परमाणु ऊर्जा की ओर वापसी की बात कही। साथ ही अधिक कोयला बिजलीघरों की स्थापना के साथ-साथ ही रूसी गैस के लिए नॉर्ड स्ट्रीम पाइपलाइनों को शुरू करने पर जोर दिया। वीडेल ने क्रिश्चियन डेमोक्रेटिक यूनियन और सीएसयू को धोखेबाजों की पार्टी कहा। उन्होंने कहा कि हमारा लक्ष्य उनसे आगे निकलना है।
जर्मनी के पूर्वी शहर रीसा में हुई एएफडी की मीटिंग में 600 से अधिक प्रतिनिधियों ने चुनाव के लिए पार्टी की सह नेता एलिस वीडेन को चांसलर पद का कैंडिडेट चुना। प्रदर्शनकारियों ने कार्यक्रम स्थल के बाहर विरोध के नारे लगाए। विरोध के चलते बैठक दो घंटे की देरी से शुरू हुई। वीडेन ने प्रदर्शनकारियों की निंदा की। वीडेन ने कहा कि एएफडी की सरकार बनने पर पहले 100 दिनों में जर्मनी की सीमाएं पूरी तरह से सील कर दी जाएंगी।
Created On :   12 Jan 2025 12:38 PM IST