पाकिस्तान में फरवरी 2024 तक होंगे आम चुनाव : ईसीपी
- पाकिस्तान चुनाव आयोग (ईसीपी) ने राजनीतिक दलों और राष्ट्रपति को दिया आश्वासन
- फरवरी 2024 तक कराएगा आम चुनाव
- चुनाव नई डिजिटल जनगणना के तहत परिसीमन प्रक्रिया पूरी होने के बाद
डिजिटल डेस्क, इस्लामाबाद। पाकिस्तान चुनाव आयोग (ईसीपी) ने राजनीतिक दलों और राष्ट्रपति को आश्वासन दिया है कि वह फरवरी 2024 तक आम चुनाव कराएगा। पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट (पीडीएम) की शहबाज शरीफ के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार ने 9 अगस्त को संसद और सरकार को भंग कर दिया था, जिसके बाद अनवारुल हक काकर के नेतृत्व में एक अंतरिम सरकार ने 90 दिन के भीतर देश में चुनाव कराने के संवैधानिक जनादेश के साथ कार्यभार संभाला है।
हालांकि, चुनावी प्रक्रिया को देखने के लिए जिम्मेदार पाकिस्तान चुनाव आयोग (ईसीपी) ने कहा है कि देश में चुनाव फरवरी 2024 से पहले संभव नहीं हो सकते हैं। नए चुनाव नई डिजिटल जनगणना के तहत परिसीमन प्रक्रिया पूरी होने के बाद होंगे।
ईसीपी ने परिसीमन प्रक्रिया के लिए एक कार्यक्रम जारी किया है, जो 14 दिसंबर तक पूरा हो जाएगा। ईसीपी का कहना है कि आम चुनावों की तैयारी और चुनाव कराने के लिए उसे कम से कम दो से तीन महीने और चाहिए होंगे।
इस मामले पर ईसीपी की टिप्पणी शहबाज शरीफ के नेतृत्व वाली सरकार द्वारा राष्ट्रपति कार्यालय से परामर्श के बिना चुनाव की तारीख पर स्वतंत्र रूप से निर्णय लेने के बाद आई है। ईसीपी प्रमुख ने पाकिस्तान के राष्ट्रपति डॉ. आरिफ अल्वी से मिलने से इनकार कर दिया और कहा कि उन्हें मिलने की प्रथा का पालन करने की आवश्यकता नहीं है क्योंकि वह चुनाव की तारीख पर राष्ट्रपति से परामर्श करने के लिए बाध्य नहीं है।
ऐसा प्रतीत होता है कि कार्यवाहक सरकार भी ईसीपी के साथ सहमत है क्योंकि उसने समय पर चुनाव के लिए ईसीपी को निर्देश देने की राष्ट्रपति की सलाह को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि चुनाव की तारीख तय करना और घोषणा करना ईसीपी का निर्णय था।
पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) और अवामी नेशनल पार्टी (एएनपी) जैसे राजनीतिक दल ईसीपी से संविधान के अनुसार समय पर चुनाव कराने की मांग कर रहे हैं।
पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के वरिष्ठ नेता शेरी रहमान ने कहा कि हमारी मांग है कि चुनाव समय पर हों। जब हम सरकार में थे और काउंसिल ऑफ कॉमन इंटरेस्ट (सीसीआई) में परामर्श बैठक का हिस्सा थे, तो हमें आश्वासन दिया गया था कि चुनाव 90 दिनों की निर्धारित समय सीमा के भीतर होंगे। अब ईसीपी का कहना है कि इसमें अधिक समय लगेगा, जो असंवैधानिक है और हम इससे सहमत नहीं हैं।
पाकिस्तान के चुनाव आयुक्त से मुलाकात के बाद अवामी नेशनल पार्टी (एएनपी) के नेता मियां इफ्तिखार ने कहा किचुनाव आयोग ने हमें फरवरी के मध्य में चुनावों के लिए अपनी तैयारी का आश्वासन दिया है और संभावित रूप से पहले चुनावों की अनुमति देने के लिए निर्वाचन क्षेत्र परिसीमन प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त की है। मैंने ईसीपी को अपनी पार्टी के दृष्टिकोण से अवगत कराया और इस बात पर जोर दिया कि संविधान के अनुसार 90 दिनों के भीतर चुनाव कराना अनिवार्य है।
विशेषज्ञों का कहना है कि 90 दिनों के भीतर चुनाव कराना कार्यवाहक सरकार और ईसीपी के लिए एक जनादेश है, लेकिन चुनाव में देरी के लिए न केवल कार्यवाहक सरकार के कार्यकाल में अध्यादेश-आधारित विस्तार की आवश्यकता होगी, बल्कि आईएमएफ और पश्चिमी शक्तियों द्वारा भी इसे आलोचनात्मक रूप से देखा जाएगा।
वरिष्ठ राजनीतिक विश्लेषक जावेद सिद्दीकी ने कहा किपाकिस्तान के हाथ और पैर आईएमएफ कार्यक्रम से बंधे हुए हैं, जिसमें कहा गया है कि लोकतांत्रिक सत्ता का समय पर परिवर्तन देश की राजनीतिक निश्चितता और वित्तीय स्थिरता के लिए महत्वपूर्ण है। यदि चुनाव में देरी होती है तो पाकिस्तान के लिए आर्थिक मोर्चे पर इसके ऐसे दुष्परिणाम हो सकते हैं कि देश उन्हें सहन नहीं कर पाएगा।
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Created On :   31 Aug 2023 6:02 PM IST