टलेंगे आम चुनाव!: उच्च सदन में देरी से चुनाव करने का प्रस्ताव पास, सुरक्षा कारणों के चलते उठी मांग, 8 फरवरी को होनी थी वोटिंग

उच्च सदन में देरी से चुनाव करने का प्रस्ताव पास, सुरक्षा कारणों के चलते उठी मांग, 8 फरवरी को होनी थी वोटिंग
  • चुनाव देरी को लेकर सीनेट में प्रस्ताव पास
  • 8 फरवरी को होना मतदान
  • नामांकन प्रक्रिया का चल रहा अंतिम चरण

अंडिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। पाकिस्तान में 8 फरवरी को होने वाले आम चुनाव टल सकते हैं। पाकिस्तान सीनेट में शुक्रवार को बहुमत से आम चुनाव में देरी की मांग वाला प्रस्ताव पास हो चुका है। जानकारी के मुताबिक संसद के ऊपरी सदन में एक प्रस्ताव पारित किया गया, जिसमें सुरक्षा चिंताओं के चलते चुनाव में देरी करने की मांग की गई। यह प्रस्ताव इंडिपेंडेंट सीनेटर दिलावर खान द्वारा पेश किया गया था।

सुरक्षा कारणों का हवाला

प्रस्ताव पेश करने वाले सीनेटर दिलावर खान ने चुनाव में देरी की मांग के पीछे के कारण ठंड के मौसम और सुरक्षा मुद्दों को बताया। दिलावर ने कहा कि, 'पाकिस्तान के संविधान ने हर एक नागरिक के लिए मतदान देने के अधिकार को बरकरार रखा है और मुल्क का इलेक्शन कमीशन सभी क्षेत्रीय लोगों की भागीदारी सुनिश्चित करने के आधार पर स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए बाध्य है।l उन्होंने आगे कहा, 'जनवरी और फरवरी महीने में देश के बलूचिस्तान और खैबर पख्तूनख्वा के ज्यादातर इलाकों में बहुत अधिक ठंड पड़ती है। ऐसे में वहां चुनाव कराने जाने पर वोटिंग परसेंटेज घट सकता है।'

दिलावर ने पाकिस्तान में आम चुनाव कराने के लिए शांतिपूर्ण माहौल सुनिश्चित करने की जरूरत पर जोर देते हुए कहा, "आंतरिक मंत्रालय ने प्रमुख राजनेताओं के जीवन को गंभीर खतरों से अवगत कराया है, जिससे राजनीतिक दलों के सामने स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव के अधिकार का प्रयोग करने में चुनौतियां बढ़ गई हैं।"

उन्होंने खैबर पख्तूनख्वा और बलूचिस्तान में आतंकवादी हमलों में हुई वृद्धि का जिक्र करते हुए कहा, "खुफिया एजेंसियों ने दोनों प्रांतों में चुनावी रैलियों पर आतंकवादी हमलों के खतरे की चेतावनी दी है। ऐसे में यहां के नागरिकों और सुरक्षाबलों की सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित कराए बिना चुनाव का आयोजन करना सही नहीं होगा।" हालांकि सीनेट में पेश हुए इस प्रस्ताव का वहां की कार्यवाहक सरकार और पीएमएल-एन ने विरोध किया। हालांकि कार्यवाहक सरकार और पीएमएल-एन ने इस प्रस्ताव का विरोध किया।

Created On :   5 Jan 2024 10:59 AM GMT

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