फ्रांस में 'चिडो' तूफान ने मचाया कहर: बाजार,अस्पताल और घर बने खंडहर, 1 हजार से ज्यादा लोगों के मरने की आशंका, रेस्क्यू जारी
- फ्रांस में चिडो तूफान ने मचाई तबाही
- मायोट द्वीप पर 100 सालों का सबसे विनाशकारी तूफान
- लोगों ने की परमाणु युद्ध के बाद की तबाही से तुलना
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। यूरोपीय देश फ्रांस के मायोट में चिडो तूफान ने भयंकर तबाही मचाई हुई है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक चक्रवात के दौरान 225 किमी/घंटा की रफ्तार से हवाएं चलीं, जिसकी वजह से दर्जनों बस्तियां पूरी तरह से बर्बाद हो गईं। यह बीते 100 सालों में आया सबसे भयानक तूफान है। यही वजह है कि लोग इसकी तुलना परमाणु बम से कर रहे हैं।
मायोट के ममूदजौ निवासी मोहम्मद इस्माइल ने न्यूज एजेंसी रॉयटर्स से कहा, ऐसा लगता है कि हम परमाणु दौर के बाद वाले दौर में पहुंच गए हैं। मैनें अपने सामने एक पूरा मोहल्ला गायब होते देखा है। वहीं, आशंका जताई जा रही है कि इस तूफान में अब तक 1 हजार लोगों की मौत हो चुकी है।
मायोट द्वीप राजधानी पेरिस से 8 हजार किमी दूर हिंद महासागर में, मेडागास्कर के ठीक पश्चिम में स्थित है। तूफान की वजह से यहां स्थित सैंकड़ों घर, अस्पताल और बाजार खंडहर बन गए हैं। फ्रांस से आए बचाव दल मलबे में जीवित बचे लोगों की तलाश में जुटे हुए हैं।
फ्रांसीसी मौसम विभाग के मुताबिक चिडो लेवल-4 का तूफान था जो शनिवार-रविवार को दक्षिण-पश्चिम हिंद महासागर से गुजरा। मेडागास्कर में तबाही मचाने के बाद यह मायोट की तरफ गया। जहां इसमें मेडागास्कर के मुकाबले ज्यादा कहर बरपाया। इसके बाद यह मोजाम्बिक की तरफ बढ़ गया। फिलहाल तूफान कमजोर पड़ गया है।
मायोट में पैदा हुए भुखमरी हालात
मायोट के अधिकारियों ने बताया कि चक्रवात से प्रांत के बुनियादी ढांचे को काफी नुकसान पहुंचा है। बिजली व्यवस्था ठप हो गई है। सड़कें तबाह हो गई हैं। इससे लोगों को काफी परेशानी हो रही है। मायोट की कुल आबादी 3 लाख 20 हजार है। इनमें से तूफान के चलते हजारों लोग खाना, पानी और रहने की समस्या से जूझ रहे हैं। लोगों को 3 दिनों से पानी तक नहीं मिला है और भुखमरी के हालात पैदा हो गए हैं।
फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने तूफान पर कहा कि वे मायोट की स्थिति पर बारीकी से नजर रख रहे हैं। वहीं, यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन ने कहा कि इस भयावह संकट में यूरोप मायोट के लोगों के साथ खड़ा है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक मायोट यूरोपीय संघ का सबसे गरीब प्रांत है। यहां करीब 1 लाख अवैध प्रवासियों रहते हैं, जिनमें से 77% गरीबी रेखा से नीचे वाले हैं।
Created On :   16 Dec 2024 7:19 PM IST