Myanmar Earthquake: म्यांमार में भूकंप से मरने वालों की संख्या बढ़ी, 1644 लोगों की मौत, 139 लोग अभी भी लापता, जानें ताजा अपडेट

म्यांमार में भूकंप से मरने वालों की संख्या बढ़ी, 1644 लोगों की मौत, 139 लोग अभी भी लापता, जानें ताजा अपडेट
  • म्यांमार में भूकंप से मरने वालों की संख्या बढ़ी
  • 1644 लोगों की मौत, 139 लोग अभी भी लापता
  • थाईलैंड में भूकंप से 6 लोगों की मौत

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। म्यांमार शुक्रवार को आए 7.7 तीव्रता वाले भूकंप भारी तबाही मचाई है। इस बीच भूकंप की चपेट में आने से मरने वालों की संख्या बढ़कर 1644 हो गई है। वहीं, 3408 लोग घायल हैं और 139 लोग अभी भी लापता बताए जा रहे हैं। न्यूज एजेंसी एएफपी ने शनिवार को म्यांमार के सैन्य शासन के हवाले से यह जानकारी दी है।

इधर थाईलैंड में भी शुक्रवार को भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं। थाईलैंड की राजधानी बैंकॉक में भी भूकंप के चलते 6 लोगों की मौत हो गई है। वहीं, 26 लोग घायल हुए हैं और 47 लोग लापता बताए जा रहे हैं।

म्यांमार में क्यों आते हैं भूकंप?

म्यांमार में अक्सर भूकंप के झटके महसूस होते हैं। क्योंकि म्यांंमार दो टेक्टोनिक प्लेट्स के बीच की सीमा पर बसा है। इसे सागाइंग क्षेत्र भी कहा जाता है। सागाइंग क्षेत्र में बड़े और विनाशकारी भूकंप अपेक्षाकृत कम ही दिखाई देते हैं। मिली जानकारी के मुताबिक, इंडिया प्लेट और यूरेशिया प्लेट अलग-अलग दिशाओं में चलती है। एक उत्तर की तरफ चलती है तो दूसरी दक्षिण की तरफ। ये म्यांमार के बीच से होकर ही गुजरती हैं। प्लेट्स अलग-अलग स्पीड से क्षैतिज रूप से एक दूसरे के पास से जाती हैं। जिससे ही स्ट्राइक स्लिप भूकंप आते हैं।

क्यों आया था इतनी तेज भूकंप?

ब्रिटिश जियोलॉजिस्ट रोजर मुसन ने मीडिया से बातचीत के समय बताया है कि, भूकंप की कम गहराई का मतलब है कि नुकसान ज्यादा होगा। म्यांमार में भूकंप का केंद्र सिर्फ 10 किमी गहराई में था। इसलिए ही ज्यादा नुकसान हुआ है। उन्होंने बताया है कि, कम गहराई पर केंद्र होने की वजह से ही भूकंप का केंद्र से सतह तक जाने पर शॉकवेव खत्म नहीं हो पाती है। ऐसे में इमारतों को झटकों की पूरी तरह ताकत झेलनी पड़ती है और म्यांमार में यही हुआ है।

Created On :   30 March 2025 12:04 AM IST

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