चीनी जासूस: मालदीव पहुंचा चीन का 'जासूसी जहाज', क्या दोस्ती की आड़ में ड्रैगन रच रहा षडयंत्र?
- चीन का जासूसी जहाज पहुंचा मालदीव
- क्या दोस्ती के बहाने रच रहा कोई साजिश
- भारत की भी बढ़ सकती है मुश्किलें
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारत और मालदीव के द्वीपक्षीय संबंध बिगड़ने की जड़े द्वीप देश के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू के भारत विरोधी अभियान से जुड़ी हुई है। मालदीव की सत्ता में आते ही राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जु ने पहले अपने देश से भारतीय सैनिकों को वापस भेजने का आदेश दिया। इसके बाद हाल ही के दिनों में मुइज्जु सरकार के मंत्रियो की पीएम मोदी पर अपमानजनक टिप्पणी करने से ये जड़े और गिहरी होती चली गई। उधर, मोहम्मद मुइज्जु की चीन से नजदीकियां बढ़ी रही हैं। हालांकि, अब चीन ने इस दोस्ती की आड़ में मालदीव के खिलाफ साजिश को अंजाम देने में जुट गया है। ड्रैगन ने मालदीव में अपने सर्वे जहाज को भेज दिया है। गौरतलब है कि चीन पर कई देशों की ओर से जासूसी के लिए चीनी जहाजों का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया जा चुका है। इस वजह से चीन के अन्य पड़ोसी देशों के साथ ही भारत पर इसका खतरा मंडरा रहा है। इसे देखते हुए भारत चीन पर पूरी सतर्कता के साथ निगरानी कर रहा है। बता दें, हिंद महासागर में करीब तीन महीने पहले वहां ऐसे ही एक जहाज के घूसने की जानकारी मिली थी। इस कारण से वहां पर तनाव की स्थिति पैदा हो गई थी।
इस बीच चीनी जहाज जियांग यांग होंग 03 मालदीव की राजधानी माले के पोर्ट पर पहुंचा गया है। जानकारी के अनुसार, यह चीनी जहाज एक रिसर्च इंस्टीट्यूट का है, जो चीन के प्राकृतिक संसाधन मंत्रायल को रिपोर्ट करने का काम करता है। पिछले महीने चीन के दक्षिणपूर्वी क्षेत्र में जियामेन के घरेलू पोर्ट से रवाना हुआ था। इसे लेकर मालदीव सरकार ने कहा है कि चीनी जहाज उसके जल क्षेत्र में किसी भी तरह की रिसर्च नहीं करने वाला है। यह जहाज सिर्फ कर्मियों के रोटेशन और सप्लाई के लिए यहां आया हुआ है। मगर, इसके बावजूद तनाव बढ़ गया है।
रिपोर्ट में चीनी जहाज को लेकर हुआ खुलासा
चीनी जहाज के जासूसी के बारे में न्यूज एजेंसी रॉयरटर्स ने एक खबर छापी है। इस खबर के मुताबिक, हिंद महासागर में शिप ट्रैकिंग डेटा से इस बात का खुलासा हुआ है कि चीनी जहाज ने द्वीपय देश में घूसने से पहले भारत, मालदीव और श्रीलंका के आर्थिक क्षेत्रों के बाहर पानी का सर्वेक्षण किया है। जिसे पूरा करने में उसे 21 दिनों से ज्यादा का समय लगा था। हालांकि, चीन के विदेश मंत्रालय का कहना है कि उसका जहाज मालदीव में अनुसंधान वैज्ञानिक समझ के उद्देश्य से पहुंचा है। इससे पहले भारत के एक सुरक्षा अधिकारी ने बताया था कि चीनी जहाज 'दोरहरे उपयोग' वाला है। इसका मतलब यह कि यह जहाज डेटा को इकट्ठा करके उसे नागरिक और सैन्य के लिए इस्तेमाल करता है।
बता दें, हिंद महासागर में चीनी जहाज जियांग यांग होंग 03 ने कई दौरे किए हैं। यह जहाज साल 2021 में इंडोनेशिया में सुंडा जलडमरूमध्य के समुद्री मार्ग से होकर निकला था। इसके बाद इंडोनेशिया के अधिकारी काफी परेशान हो गए थे। इंडोनेशिया ने आरोप लगाया था कि इस दौरान यहां से गुजरते समय इस जहाज ने अपने ट्रैकिंग सिस्टम को कम से कम तीन बार बंद भी किया था। इसके अलावा श्रीलंका के समुद्री सीमाओं के पास भी चीन के कई अनुसंधान जहाज रुक गए थे। इसके अलावा साल 2022 में भारत के रास्ते होते हुए चीन ने अपने सैन्य पोत युवआन वांग को कोलंबो पहुंचाया था। चीन ने अपने मिशन से भारत को मुश्किल में डाल दिया था।
भारत की बढ़ गई थी मुश्किलें
इसके बाद साल 2023 अक्टूबर में चीनी अनुसंधान जहाज श्रीलंका के पास रुका था। जिसके चलते तनाव पैदा हो गया था। इसे देखते हुए श्रीलंका ने अपनी समुद्री सीमाओं के पास विदेशी अनुसंधान जहाजों पर एक साल के लिए पाबंदी लगाई थी। बता दें, मालीदव में जियांग यांग होंग 03 जहाज राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जु की जनवरी में चीनी दौरे के बाद पहुंचा है। माना जा रहा है मुइज्जु की यह यात्रा मालदीव और चीन के रिश्तों को सशक्त करने के लिए की गई थी। इस यात्रा के दौर चीन और मालदीव ने पर्यटन समेत 20 समझौतों पर दस्तखत किए थे। चीन की राजधानी बीजिंग की ओर से मालदीव को मुफ्त सहायता के तरत 920 मिलियन युआन ($128 मिलियन) की डील साइन हुई थी।
Created On :   22 Feb 2024 9:31 PM IST